भोपाल। सियासत का उसूल है, किसी भी मौके पर चौका मारा जाना चाहिए। खंडवा लोकसभा के उपचुनाव के लिए खम ठोंक चुके पूर्व केन्द्रीय मंत्री अरुण यादव ने भी इसी सूत्र को अपनाया है। वे पिछले कई दिनों से अपने लोकसभा क्षेत्र के उन लोगों से मिलने के लिए पहुंच रहे हैं, जिनके यहां पिछले दिनों में किसी की मृत्यु हुई है। अरुण के इस मुलाकाती कार्यक्रम में राजनीतिक लोगों के अलावा सामाजिक और उनके लोकसभा क्षेत्र के बाशिंदे भी शामिल हैं।

जानकारी के मुताबिक अरुण यादव सोमवार को दो दिवसीय यात्रा पर अपने पैतृक निवास बोरावां से निकले हैं। इस दौरान उन्होंने सुबह से शाम तक करीब 36 परिवारों के बीच पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त करने की योजना बनाई है। उनकी यात्रा सुबह 10 बजे बोरावा से शुरू हुई और रात 9 बजे आखिरी मुलाकात ग्राम केदवां में करेंगे। इस बीच वे बमनाला, सांईखेड़ी, कोदला जागीर, भीकनगांव, पिपराड़, लालखेड़ा, सुंदे्रल, मालखेड़ा, सिलाली, कालधा, घोड़वां, बोरुठ, बाड़ी, कांझर, पोखर, लखापुरा तक जांएगे। अरुण यादव का शोक संवेदना व्यक्त करने के लिए मुलाकाती प्रोग्राम पिछले कई दिनों से चल रहा है। सोमवार के मिलन कार्यक्रम के बाद उन्होंने 23 जून के लिए भी अपना कार्यक्रम तैयार कर लिया है और इसकी सूचना संबंधितों तक पहुंचा दी है। इस दिन वे करीब 17 लोगों के घरों पर पहुंचकर शोक संवेदना व्यक्त करेंगे। इस यात्रा के दौरान वे आखिरी मुलाकात संत सिंघाजी की समाधि पर जाकर करेंगे।

संवेदना से निकला अवसर
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान अरुण यादव भाजपा के पूर्व सांसद स्व. नंदकुमार सिंह चौहान से शिकस्त खा गए थे। चौहान का पिछले दिनों कोरोना से निधन हो गया, जिसके चलते खंडवा लोकसभा सीट फिलहाल खाली है और इसके लिए आने वाले दिनों में उपचुनाव होने वाले हैं। पार्टी के वरिष्ठों से मिले इशारे के बाद अरुण यादव ने पुन: अपनी किस्मत आजमाने के लिए इस क्षेत्र से चुनाव लडऩे की तैयारी शुरू कर दी है। इस चुनाव में संभवत: उन्हें स्व. नंदकुमार सिंह चौहान के पुत्र से सामना करना पड़ सकता है। हालांकि फिलहाल इस बारे में भाजपा ने कोई ऐलान नहीं किया है। इस सीट के लिए पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस भी दावेदारी करती दिखाई दे रही हैं। कुछ दिनों पहले उन्होंनें चौहान के पुत्र की दावेदारी को लेकर तल्ख टिप्पणी भी की थी।

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