सर्दी के दिनों में गया पूरे उत्तर भारत में तिलकुट और उसकी सोंधी महक के लिए चर्चित रहता है, लेकिन इस बार गया में हुए एक विवाद ने बिहार के राजनीतिक गलियारे में खासी हलचल मचा दी. छोटी बात पर बड़ी राजनीति हो गई. इस विवाद में हर राजनीतिक दल ने अपने नफा-नुक़सान का जोड़-घटाव करके बयानबाजी की, वहीं दूसरी तरफ़ गया के लोगों को तीन दिनों में दो-दो बार बंद झेलना पड़ा. मामला है, मगध के चर्चित राजद विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ. सुरेंद्र प्रसाद यादव और गया शहर के टिकारी रोड स्थित प्रसिद्ध श्रीराम तिलकुट भंडार के मालिक धीरज केशरी के बीच मारपीट का. कहा जाता है कि बीते 14 दिसंबर को विधायक सुरेंद्र प्रसाद यादव ने कहीं जाते समय टिकारी रोड पर रुककर अपने अंगरक्षक और चालक को उक्त दुकान से तिलकुट लाने के लिए पैसे दिए. देरी होने पर दुकान के कर्मचारियों और विधायक के अंगरक्षक के बीच कहासुनी हुई, जो अचानक मारपीट में बदल गई. मामला गंभीर होता देख विधायक स्वयं अपने वाहन से उतर कर बीच-बचाव के लिए मौ़के पर पहुंचे. आरोप है कि दुकानदार एवं कर्मचारियों ने विधायक पर चीनी की चाशनी फेंक दी, जिससे वह घायल हो गए. जबकि दुकानदार का कहना है कि विधायक दुकान में मावा की चिकनाई पर फिसल कर गिरने से घायल हुए.
विधायक का आरोप है कि दुकान की छत से भी उन पर ईट-पत्थरों से हमला किया गया और किसी तरह जान बचाकर भागे. विधायक यादव को अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में दाखिल कराया गया. दुकानदार धीरज ने कोतवाली थाने में विधायक के अंगरक्षक के ख़िलाफ़ मारपीट का मामला दर्ज कराया, वहीं विधायक ने दुकानदार एवं उसके कर्मचारियों के ख़िलाफ़ जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया. पुलिस ने दुकानदार धीरज केशरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. आनन-फानन में राजद, कांग्रेस एवं जदयू ने विधायक पर हमले के विरोध में 16 दिसंबर को गया बंद का आह्वान कर दिया. बंद के दौरान जो नजारा दिखा, वह जंगलराज-2 का साफ़ संकेत दे रहा था. यह देखकर गयावासियों, विशेषकर व्यवसायी वर्ग में अंदर ही अंदर आक्रोश पनपने लगा. भाजपा ने विधायक यादव एवं उनके अंगरक्षक की करतूत और पुलिस की एकतरफ़ा कार्रवाई के ख़िलाफ़ तथा पीड़ित दुकानदार के पक्ष में खुलकर सामने आ गई. अनेक संगठन नागरिक संघर्ष मोर्चा बनाकर तिलकुट दुकानदार के पक्ष में खड़े हो गए. धरना-प्रदर्शन कर मशाल जुलूस निकाला गया. 19 दिसंबर को दोबारा गया बंद किया गया. इस बीच भाजपा
अनेक संगठन नागरिक संघर्ष मोर्चा बनाकर तिलकुट दुकानदार के पक्ष में खड़े हो गए. धरना-प्रदर्शन कर मशाल जुलूस निकाला गया. 19 दिसंबर को दोबारा गया बंद किया गया. इस बीच भाजपा नेता एवं पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी गया पहुंच कर पीड़ित दुकानदार परिवार और जेल भेजे गए धीरज केशरी से मिले तथा धरने में शामिल होकर उन्होंने इस विवाद को राजनीतिक रंग दे दिया.
नेता एवं पूर्व उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी गया पहुंच कर पीड़ित दुकानदार परिवार और जेल भेजे गए धीरज केशरी से मिले तथा धरने में शामिल होकर उन्होंने इस विवाद को राजनीतिक रंग दे दिया. गया पुलिस की एकतरफ़ा कार्रवाई की जमकर आलोचना हुई. बिहार विधानसभा और विधान परिषद में जब यह मामला पहुंचा, तो विधायक के तीनों अंगरक्षकों को निलंबित कर विभागीय कार्यवाही के आदेश दिए गए. गया के टिकारी रोड से उठकर यह मामला बिहार विधान मंडल तक पहुंच तो गया, लेकिन गया और विधायक सुरेंद्र यादव की राजनीति को जानने-समझने वालों को यह बात पच नहीं पा रही है कि विधायक खुद कैसे तिलकुट लेने चले गए? लोगों का कहना है कि कुछ न कुछ ज़रूर ऐसा है, जिसे दोनों पक्ष बताना नहीं चाहते. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच में लगी है. धीरज केशरी जेल में है, वहीं उसका भाई फरार है. विधायक के अंगरक्षक को जमानत मिल चुकी है, वहीं धीरज की जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. आम लोग 16 दिसंबर के राजद, कांग्रेस एवं जदयू के संयुक्त गया बंद के दौरान जंगलराज-2 का ट्रेलर देखकर भयभीत हैं. अब देखना यह है कि इस छोटी-सी बात पर हुई बड़ी सियासत से किस दल को कितना ऩुकसान और कितना फ़ायदा होता है.