लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं। अब उन्हें अपने पिता रामविलास पासवान के दिल्ली के बंगले को खाली करना होगा। वह दिल्ली में अपने पिता के नाम पर आवंटित हुए बंगले में मां के साथ रह रहे हैं, लेकिन अब हाउसिंग मिनिस्ट्री के डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने उन्हें 12 जनपथ स्थित बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा है। जानकारी के मुताबिक पासवान को 14 जुलाई को ये आदेश जारी किया गया था जिसके बाद चिराग ने थोड़ा वक्त मांगा था। दिल्ली के 12 , जनपथ स्थित इस बंगले में रामविलास पासवान तीन दशक से भी ज्यादा समय से रह रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चिराग पासवान को अब फिर से नोटिस भेजा गया है। फिलहाल रामविलास पासवान की पत्नी, बेटे चिराग पासवान और कुछ अन्य परिजन इस बंगले में रह रहे हैं। रामविलास पासवान के निधन के बाद केंद्र की मोदी सरकार में उनके छोटे भाई पशुपति पारस को जगह दी गई है, जबकि चिराग पासवान को उनकी ही पार्टी के नेताओं ने अध्यक्ष पद से भी बेदखल कर दिया है।
आठ अक्टूबर तक बंगला रखना चाहते हैं चिराग
मिली जानकारी के अनुसार केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के आठ अक्टूबर 2020 को निधन के बाद केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय के संपदा निदेशालय ने बीते 14 जुलाई को उनके पुत्र व एलजेपी सांसद चिराग पासवान को पिता के नाम से आवंटित बंगला खाली करने का आदेश दिया था। इसके बाद चिराग पासवान ने कुछ वक्त मांगा था। परिवार चाहता है कि यह बंगला आठ अक्टूबर 2021 तक उनके पास रहे। आठ अक्टूबर को राम विलास पासवान की पहली पुण्यतिथि है। चिराग चाहते हैं कि पिता की पहली पुण्यतिथि उनके नाम से आवंटित बंगले में ही मनाकर वे इसे खाली करें।
दिल्ली में राम विलास पासवान का पर्याय है बंगला
दिल्ली का 12, जनपथ वाला बंगला राम विलास पासवान का पर्याय माना जाता है। राम विलास पासवान यहां लंबे समय तक रहे। उनका निधन यहीं रहते हुए हुआ। यह बंगला एलजेपी का शक्ति केंद्र भी रहा है। चिराग पासवान इस बंगले में बचपन से रहे हैं। परिवार का इससे भावनात्मक लगाव भी रहा है। ऐसे में इस बंगले को खाली करने का आदेश चिराग पासवान को बड़ा झटका है।
रामविलास पासवान ने अपने दौर में इस बंगले के अंदर ही अपना और बेटे चिराग पासवान का दफ्तर बना लिया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बंगला खाली करने का आदेश जारी होने से पहले चिराग पासवान ने कुछ वक्त की मांग की थी। कहा यह भी जा रहा है कि उन्होंने पिता की पहली पुण्यतिथि तक इसमें बने रहने की बात कही थी। इससे पहले हाउसिंग मिनिस्ट्री की ओर से चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को 12 जनपथ स्थित बंगले में शिफ्ट होने को कहा था। लेकिन उन्होंने यह प्रस्ताव खारिज कर दिया था। पारस का कहना था कि इससे राजनीतिक तौर पर गलत संदेश जाएगा।