सीमा पर चीन की हरकतें चौतरफा भारत की चिंताएं बढ़ा रही हैं। ड्रैगन ने अब भूटान की करीब 100 वर्ग किलोमीटर जमीन पर कब्जा कर लिया है और 4 गांव बसा दिए हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने इस जमीन पर बीते एक साल में ये गांव बसाए हैं। ये गांव भारत की सीमा के बिलकुल करीब हैं। इसलिए यह भूटान के साथ ही भारत के लिए भी चिंता का सबब हो सकते हैं। चीनी सेना की गतिविधियों पर नजर रखने वाले एक सैटेलाइट इमेजरी विशेषज्ञ ने कुछ तस्वीरें ट्वीट करते हुए दावा किया है कि चीन ने भूटान के अंदर पिछले एक साल में नए गांव बसा लिए हैं।
सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए हुआ इसका खुलासा
चीनी सैन्य विकास पर एक वैश्विक शोधकर्ता @detresfa ने सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए इसका खुलासा किया है। इन तस्वीरों में बसाए गए चार चीनी गांव स्पष्ट तौर पर देखे जा सकते हैं। बता दें कि भूटान और चीन के बीच इस जमीन को लेकर पुराना विवाद है। दोनों देशों का दावा है कि ये जमीन उनकी है।
चीन चाहता है कि भूटान सीमाओं को लेकर उसके साथ तोलमोल करे ताकि इलाकों को फिर से परिभाषित किया जा सके। दोनों देशों के बीच बातचीत भी हुई है।लेकिन उस बातचीत में क्या हुआ, यह सार्वजनिक नहीं हो पाया। इसलिए इस बात को लेकर संदेह जताए जा रहे हैं कि नया निर्माण कहीं उसी समझौते का हिस्सा तो नहीं है। द इंटेल लैब के मुताबिक ये नए गांव मई 2020 और नवंबर 2021 के बीच बनाए गए थे। हाल ही में चीन ने अपने यहां एक नया कानून पास किया है जिसके तहत पीपल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता पावन और अक्षुण्ण है। माना जा रहा है कि चीन के नए कानून का उसके पड़ोसी देशों पर व्यापक असर पड़ेगा।
भारत के लिए चिंता का विषय
भूटान की जमीन पर नया निर्माण भारत के लिए विशेष रूप से चिंताजनक है क्योंकि भारत ने ऐतिहासिक रूप से भूटान को अपनी विदेश संबंध नीति पर सलाह दी है और अपने सशस्त्र बलों को प्रशिक्षित करने के लिए कहा है। गौरतलब है कि भूटान को अपनी भूमि की सीमाओं पर फिर से बातचीत करने के लिए लगातार चीनी दबाव का सामना करना पड़ा है। हालांकि इस समझौते की रूपरेखा को पूरी तरह से कभी भी स्पष्ट नहीं किया गया है और यह देखा जाना बाकी है कि क्या इसकी धरती पर इन नए गांवों का निर्माण इस समझौते का हिस्सा है।
रिपोर्ट के अनुसार चीन ने मनमाने तरीके से इस विवादित जमीन के बड़े हिस्से पर पिछले एक साल मई 2020 से लेकर नवंबर 2021 में निर्माण कार्य शुरू करते हुए अब तक चार गांव बसा डाले हैं। आश्चर्य की बात ये है कि ये मामला ऐसे समय में सामने आया है, जब हाल ही में चीन और भूटान ने एक सीमा समझौता पर हस्ताक्षर किए हैं।