अस्पताल सूत्रों ने बताया कि बिहार के गया से दो साल के बच्चे का इलाज कराने एक परिवार आया था। बच्चे के दिल में छेद था। इससे पहले यह परिवार दिल्ली के एम्स गया था, जहां इलाज के लिए एक लाख रुपये की मांग की गई, जिसके बाद बच्चे के इलाज के लिए रायपुर के सत्य साई हॉस्पिटल में भर्ती कराने के लिए लाया गया।
सूत्रों के अनुसार, अचानक तबीयत बिगड़ने पर संजीवनी 108 से बच्चे को अंबेडकर अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन एम्बुलेंस का दरवाजा जाम हो गया और दम घुटने से बच्चे की मौत हो गई।
एक सूत्र के अनुसार, एम्बुलेंस का दरवाजा खोलने के लिए कर्मचारियों को करीब दो घंटे की मशक्कत करनी पड़ी और मैकेनिक के आने के बाद दरवाजे को खोला गया, तब तक बच्चे की मौत हो चुकी थी। मौत के बाद बच्चे को ऑटोरिक्शा में अंतिम संस्कार के लिए देवेंद्र नगर मुक्तिधाम ले जाया गया।
वहीं मामले में जेवीके ईएमआरआई कंपनी के मीडिया प्रभारी पंकज कुमार ने बताया कि बारिश की वजह से दरवाजा जाम हो गया था, जिसकी वजह से दरवाजा खोलने में काफी मशक्कत की गई, और बच्चे की मौत हो गई।