नई दिल्ली (चौथी दुनिया)। 5 राज्यों के चुनावी समर के बीच बीएमसी चुनाव के नतीजों का आना राष्ट्रीय राजनीति पर व्यापक असर डाल सकता है। बीएमसी में शिवसेना को 84, बीजेपी को 82, कांग्रेस 31, एनसीपी 9 और राज ठाकरे की मनसे को 7 सीटें मिली। यूं तो बंबई की महा-नगरपालिका का उत्तर प्रदेश से कोई सीधा संबंध नहीं है लेकिन राजनीति में इसका संबंध स्थापित किया जा रहा है।
इन चुनावों में शिवसेना बेशक सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन बीजेपी सिर्फ 2 कदम दूरी पर खड़ी है। बीजेपी के लिए यूपी चुनावों के 3 चरणों पहले एक अच्छी खबर है। इन नतीजों से बीजेपी के कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार होगा साथ ही राज्य के चुनाव प्रचार में बीजेपी को एक और उदाहरण मिल गया कि नोटबंदी के बाद जनता बीजेपी से नाराज नहीं है।
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राजनीति शास्त्र के मुताबिक सियासी दुनिया में जनता पर असर का ‘दूरी’ से कोई संबंध नहीं होता। इसलिए ऐसा कहा जा सकता है कि महाराष्ट्र की जनता की राय यूपी की जनता की राय को काफी हद तक प्रभावी कर सकती है। कांग्रेस के लिए बीएमसी चुनाव के नतीजे खिसकती राजनीति के एक और संकेत हैं। अगर कांग्रेस खुद के पैरों पर नहीं खड़ी होती है तो यूपी में भी उसकी राजनीति खत्म हो सकती है। कुल मिलाकर बीएमसी चुनाव के नतीजों का असर यूपी में बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकते हैं।