अमित शाह ने चुनाव परिणाम की समीक्षा में यह महसूस किया था कि बूथ स्तर पर भाजपा का प्रबंधन ठीक नहीं रहने के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. अमित शाह का कहना था कि चूंकि बूथ स्तर पर हम कमजोर थे, इसलिए चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर मतदान के दिन तक हमें सही फीडबैक नहीं मिला, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा. इसलिए अमित शाह ने इस बार सारा फोकस बूथ स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत करने में लगाया है. सूबे के सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए लगभग छह माह पहले ही 243 विस्तारक भेजे गए हैं. ये विस्तारक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन भाजपा के लिए खपाने का संकल्प ले रखा है.
बिहार में भाजपा इन दिनों पूरी तरह चुनावी मोड में है. प्रदेश मुख्यालय से लेकर बूथ स्तर तक हर जगह चहल पहल है. भाजपा कार्यकर्ता आलाकमान से मिले अपने होमवर्क को पूरा करने में लगे हैं. कोशिश है कि इस माह के अंत तक सारे कील-कांटे दुरुस्त कर लिया जाएं. दरअसल, फरवरी के पहले सप्ताह में अमित शाह का बिहार दौरा प्रस्तावित है. तारीखों में कुछ फेरबदल संभव है, लेकिन अमित शाह का आना तय है. इसलिए उनके पिछले दौरे पर दिए गए टास्क को पूरा करने में पार्टी नेता जी-जान से जुटे हुए हैं. 2015 के विधानसभा चुनाव में एनडीए की हार से अमित शाह काफी निराश हो गए थे.
उन्हें यह महसूस हुआ कि बिहार में पार्टी की जमीनी सच्चाई से उन्हें सही ढंग से अवगत नहीं कराया गया था. या तो जमीनी स्तर पर पार्टी कमजोर थी या फिर इनके सामने जो आंकड़े रखे गए थे वो गलत थे. इसलिए पिछली गलतियों से सबक लेेते हुए अमित शाह ने बिहार भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को बूथ के स्तर पर पार्टी को मजबूत करने का टास्क सौंपा था. अपनी प्रस्तावित बिहार यात्रा में अमित शाह उन कामों की समीक्षा करेंगे, जिन्हें वो सौंप कर गए थे. भाजपा के जानकार सूत्र बताते हैं कि बिहार भाजपा ने भी अमित शाह के होमवर्क को एक चुनौती के तौर पर लिया और मिशन मोड में इसे पूरा करने का संकल्प लिया.
अमित शाह ने चुनाव परिणाम की समीक्षा में यह महसूस किया था कि बूथ स्तर पर भाजपा का प्रबंधन ठीक नहीं रहने के कारण पार्टी को हार का सामना करना पड़ा. अमित शाह का कहना था कि चूंकि बूथ स्तर पर हम कमजोर थे, इसलिए चुनाव में प्रत्याशी चयन से लेकर मतदान के दिन तक हमें सही फीडबैक नहीं मिला, जिसका खामियाजा पार्टी को उठाना पड़ा. इसलिए अमित शाह ने इस बार सारा फोकस बूथ स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत करने में लगाया है. सूबे के सभी 243 विधानसभा सीटों के लिए लगभग छह माह पहले ही 243 विस्तारक भेजे गए हैं. ये विस्तारक ऐसे लोग हैं, जिन्होंने अपना पूरा जीवन भाजपा के लिए खपाने का संकल्प ले रखा है. पार्टी को भी इन लोगों पर पूरा भरोसा है. इसलिए विस्तारक की भूमिका में इन्हीं लोगों को रखा गया है.
इन विस्तारकों को मंडल अध्यक्ष से मिलकर बूथ कमेटी बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. बूथ कमेटी में 11 सदस्यों को रखा गया है, जिसमें एक बूथ प्रभारी और दो सह प्रभारी हैं. बूथ कमेटी के गठन में सामाजिक और जातीय तानेबाने का पूरा ख्याल रखा गया है. क्षेत्र की आबादी के हिसाब से बूथ कमेटी में जातीय संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है. भाजपा के लोग कहते हैं कि सबका साथ सबका विकास की तर्ज पर बूथ कमेटी का गठन किया गया है.
इस 11 सदस्यीय बूथ कमेटी में कम से कम पांच ऐसे लोगों को रखा गया है, जो तकनीकी तौर पर पूरी तरह सक्षम हों. कहने का अर्थ यह है कि इन पांच लोगों को सोशल मीडिया की पूरी जानकारी होनी चाहिए. इसके अलावा इन पांच सदस्यों को ई-मेल और व्हाहटएप के माध्यम से भी बूथ स्तर की जरूरी जानकारी जिला और पटना मुख्यालय को भेजनी होगी. पार्टी को लगता है कि अगर बूथ स्तर से निष्पक्ष जानकारियां पटना तक पहुंचने लगे, तो इससे चुनाव प्रबंधन में काफी सहायता मिलेगी. इसके अलावा प्रत्याशियों के चयन में भी इससे बहुत मदद मिलेगी. लोग किसे चाहते हैं और कितना चाहते हैं, इसे जानने के काम में बूथ कमेटी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है.
इसके अलावा, मतदान के दिन अपने-अपने बूथों पर अपने समर्थकों को लेकर आना और शत प्रतिशत वोटिंग सुनिश्चत करवाने का जिम्मा भी बूथ कमेटी को सौंपा जा रहा है. पार्टी महसूस करती है कि अगर सूबे के लगभग साठ हजार बूथों पर बूथ कमेटी की व्यवस्था कर ली जाए, तो आगे आने वाले चुनावों में वह अपने विरोधियों पर भारी पड़ेगी और बूथों पर ही अपने विरोधियों को धूल चटा देगी. पार्टी के जानकार सूत्र बताते हैं कि बूथ कमेेटी बनाने का काम तेजी पर है, पर इसे पूरा होने में अभी वक्त लगेगा. अमित शाह के होमवर्क में, इसके उपर की इकाई में शक्ति केंद्र के गठन की बात थी. यह पंचायत के स्तर पर बनना था.
इस काम में पार्टी ने लगभग दो तिहाई काम पूरा कर लिया है. इन शक्ति केंद्रों के जिम्मे कम से कम दस और अधिक से अधिक 20 बूथों की जिम्मेदारी दी गई है. हरेक शक्ति केंद्र का एक प्रभारी बनाया गया है. अपने जिम्मे की बूथों के कार्यों की समीक्षा और इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तक भेजने की जिम्मेदारी शक्ति केंद्र प्रभारी की होगी. एक शक्ति केंद्र में 10 समर्पित कार्यकर्ता होंगे. पटना में बैठी 15 सदस्यीय टीम शक्ति केंद्रों के कार्यों की नियमित समीक्षा कर रही है. प्रदेश महामंत्री राजेंद्र सिंह के दिशा निर्देश पर मनीष झा इस काम को बखूबी देख रहे हैं. मनीष झा उम्मीद जता रहे हैं कि जनवरी तक बूथ कमेटी और शक्ति केंद्रों के गठन का काम पूरा कर लिया जाएगा.
प्रमंडल स्तर के नेताओं और कार्यकताओं में नया जोश भरने के लिए तीन दिवसीय क्षेत्रीय बैठक बुलाई गई. जोन-वार होने वाली इस बैठक में इन सारे मसलों पर विमर्श हुआ, जिन्हें आलाकमान ने संगठन की मजबूती के लिए जरूरी बताया है. भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बिहार दौरे के पहले प्रदेश के नेता आश्वस्त हो जाना चाहते हैं कि कार्यक्रमों का कितना अनुपालन हो रहा है. भाजपा के प्रदेश महामंत्री राधा मोहन शर्मा बताते हैं कि पार्टी के महामंत्रियों की अध्यक्षता में होने वाली क्षेत्रीय बैठक में जिलाध्यक्षों, पूर्व प्रत्याशी, वर्तमान विधायक, सांसद और विस्तारकों को बुलाया गया. यह ग्राउंड रिपोर्ट संगठन महामंत्री नागेंद्र नाथ को दी जानी है. इसके अलावा भाजपा ने बिहार में चेक के जरिए चंदा संग्रह अभियान से अपनी सियासी चमक बढ़ाने की तरकीब पर काम शुरू कर दिया है. केंद्र और राज्य सरकार में शामिल भाजपाई मंत्री पार्टी के लिए विशेष सहयोग निधि जुटाने के लिए जनता के दरवाजे पर दस्तक दे रहे हैं. चुनाव के पहले पैसों के प्रबंध के लिए भाजपाई मंत्रियों के जिलेवार दौरे तय कर दिए गए हैं. पहले चरण में दो केंद्रीय और प्रदेश के 10 मंत्रियों को पार्टी ने धन जुटाने की जिम्मेदारी सौंपी है.
प्रदेश भाजपा से फरमान आते ही केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह समेत प्रदेश के करीब आधा दर्जन मंत्री जिलों में कूच कर गए हैं. शीघ्र ही केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद भी निकलने वाले हैं. पार्टी ने जिलाध्यक्षों को केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों को प्रत्येक जिले में सौ-सौ लोगों से मिलने की जिम्मेदारी तय की है. दरअसल, विशेष सहयोग निधि जुटाने के पीछे पार्टी का मकसद, हाल में केंद्र सरकार द्वारा घोषित चुनावी बॉन्ड के लिए पारदर्शी तरीके यानि चेक के जरिए धन संग्रह करना और सरकार में रहते जनता के दरवाजे पर जाकर जन सरोकार की जड़ मजबूत करने का है.
भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय कहते हैं कि हमने सभी चालीस सीटों पर जोर-शोर से तैयारी शुरू कर दी है. एनडीए यहां सभी 40 सीटों पर जीत दर्ज करेगी और इसी लक्ष्य को साकार करने के लिए भाजपा ने बूथ स्तर से लेकर मुख्यालय स्तर तक अपने कार्यकर्ताओं को सक्रिय कर दिया है. श्री राय कहते हैं कि केंद्र सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी जन-जन तक पहुंचाने के लिए हमारे कार्यकर्ता दिन रात काम कर रहे हैं. एनडीए के सभी घटकों में बहुत ही बेहतर तालमेल है और हम उम्मीद कर रहे हैं कि सूबे की सभी सीटों पर हम हर हाल में जीत दर्ज करेंगे.