क्या बीजेपी ने हिंदु – मुसलमानों की बस्तियों को फिलिस्तीन के गाझा पट्टी, वेस्ट बॅंक और जेरूसलेम सिटी के तर्ज पर ! पहले बुलडोजर से नष्ट करने के बाद ! और अब हिंदू और मुसलमानों की बस्तियों के बीच में दिवारों को खड़ा करके दोनों समुदाय को बाटने की कृती को ! भारत के भीतर ही बस्तियों को बाटना ! और वह भी कानून व्यवस्था के नाम पर ? पहले ही संघ के द्वारा गत सौ वर्ष से लगातार अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बदनामी की मुहिम से ! आज यह नौबत आ पड़ी है ! और उससे निजात पाने के लिए यह नायाब तरीका !

खरगोन मध्य प्रदेश के निमाड क्षेत्र का बड़वानी के बगल में स्थित जिला है ! और नर्मदा नदी के क्षेत्र में होने के कारण ! जबरदस्त उपजाऊ जमीन और बढीया किस्म के गेहूं, तथा सभी तरह की फसलों का संपन्न इलाका है ! यहां के वर्तमान कलक्टर साहब ने कौन से स्कूल से शिक्षा ग्रहण की है ? उनका रवैया देखने के बाद लगता है ! कि यह संघ से भी ज्यादा खुराफाती दिमाग के दिखाई दे रहे हैं !
आमूमन प्रशासनिक क्षेत्र में काम करने वाले ! किसी भी पदाधिकारी को अपने प्रशिक्षण में ही ! फिर वह आएएस हो या आई पी एस के कॅडेट को ! भारत एक बहुआयामी संस्कृति का देश है ! और इसमें रहने वाले लोगों के आचार विचार तथा खान-पान, रहन – सहन , शादी – ब्याह और अन्य धार्मिक त्योहारों को देखते हुए ! प्रशासन ने सभी की जीवनशैली को उचित सम्मान देते हुए ! सभी समुदायों को शांति सद्भावना से रहने के लिए वातावरण निर्माण करना ! यह सबसे पहला कर्तव्य होता है ! लेकिन खरगोन के कलक्टर घोर सांप्रदायिक मानसिकता के दिखाई दे रहे हैं ! अन्यथा इस तरह की हरकतों को अंजाम देने की कल्पना कहा से आती है ? और मध्य प्रदेश की सरकार से उम्मीद करना बेकार है !


हमारे संविधान में भी सभी धर्मों का उचित आदर करते हुए ! आपसी भाईचारा बना रहे ! यह देखकर, कोई भी प्रशासनिक कदम उठाए जाने चाहिए ! लगता है, खरगोन के जिलाधिकारी ने ! खरगोन दंगे के बाद ! हींदू – मुस्लिम समुदायों की बस्तियों के बिचमे दिवारों को खड़ा करने का काम ! सिर्फ़ दो बस्तियों के भीतर दिवारें ही नही ! दो समुदायों के भीतर हमेशा – हमेशा के लिए मानसिक दिवारों को खड़ा करने का गुनाह किया है ! कानून व्यवस्था बनाए रखने के नाम पर यह कदम बहुत गलत है !
पहले ही दोनों समुदायों के सांप्रदायिक तत्वों के द्वारा ! अपनी टुच्ची राजनीतिक उपलब्धि प्राप्त करने के लिए ! लगातार दोनों समुदायों को भड़काने के ! और गलत प्रचार- प्रसार करने की वजह से ! उन्हें सतत भड़काने का काम करते रहते हैं ! उन चंद शरारती तत्वों को नकेल कसने की जगह ! दिवारों को खड़ा करना बिल्कुल गलत है ! इससे भविष्य में दोनों समुदाय आपस में घुलमिल के रहने की संभावनाओं को ! दिवारों को बनाकर खत्म करने की साजिश लग रही है ! यह जिलाधिकारी भारत के संविधान की ऐसी की तैसी कर रहा है ! भारतीय प्रशासनिक सेवा के अन्य सदस्यों ने तुरंत इस बात का सज्ञान लेते हुए इसे रोकने का काम होना चाहिए ! अन्यथा इस तरह सांप्रदायिक तनाव और बढने की संभावना है !


भारत के आजादी के पचहत्तर साल में कई दंगे हुए हैं ! लेकिन उसके बाद बुलडोजर ! वह भी सिर्फ अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के मकानों के उपर ! खरगोन में चलाने के बाद ! अब यह दो समुदायों के बीच दिवारों को बनाने की योजना ! संघ के उग्र हिंदुत्व को और मजबूत करने की कृती को स्थानीय प्रशासन अमली जामा पहनाने जा रहा है ! और यह सब कौन से कानून के अनुसार कर रहे हैं ?
खरगोन में अप्रैल की दस तारीख को दंगा हुआ ! तो उस दंगे के बाद मुस्लिम समुदाय के घरों पर बुलडोजर चलाने की शुरुआत खरगोन के प्रशासन की है ! जिसका अनुकरण इलाहाबाद में हालही में किया गया ! और वही खरगोन के प्रशासन ने अब दोनों समुदाय के घरों के बीच में दिवारों को बनाना ! सिर्फ कांक्रीट की दिवार बनाने की बात नहीं है ! दो समुदायों के बीच पहले से ही मौजूद ! मानसिक दिवारों को और मजबूत करने की कृती को अंजाम देना है !
इस तरह की हरकतों से आपसी विश्वास कभी भी नहीं बनेगा ! जब तक दो विभिन्न लोग आपस में मिलकर अपने सुख – दुख की बात नही करते ! तबतक आपसी समझ और भाईचारा कैसे तैयार होगा ? उल्टा एक दूसरे के साथ अदान – प्रदान नही रहने के कारण ! आपसी गलत फहमीया और बढने की संभावना है !

A Palestinian man walks past a graffiti depicting US President Donald Trump on the controversial Israeli separation barrier in the West Bank town of Bethlehem on August 4, 2017. / AFP PHOTO / Musa AL SHAER

मैंने आजसे दस साल पहले ! फिलिस्तीन के गाझा पट्टी और वेस्ट बैंक और जेरुसलेम शहर के भीतर ! अरब और यहुदी लोगों के बीच में ! इस तरह की 25-30 फिट उंची दिवारों को देखा है ! आज पचहत्तर साल से (1948) अरबों और यहुदीयो में शांति तो बहुत दूर की बात है ! गृहयुद्ध लगातार जारी है ! एक दूसरे के उपर रॉकेट और मोर्टार और अब नई तकनीक ड्रोन हमले लगातार बढ़ रहे हैं ! और वह खंडहरों में तब्दील हो रहा है !


क्या खरगोन के कलक्टर को यह सब मालूम नहीं है ? और नही है ! तो उन्हें एक क्षण के लिए भी जिलाधिकारी के पद पर, बने रहने का कोई अधिकार नहीं है ! वह हमारे देश की मिलजुलकर रहने की हजारों सालों की परंपरा को खत्म कर के बची – खुची सद्भावना को खत्म करने का गुनाह कर रहे हैं ! मै मध्य प्रदेश के चिफ सेक्रेटरी साहब से विनम्र प्रार्थना करना चाहुंगा ! “की इस तरह के अधिकारि को तुरंत ही खरगोन से हटाकर ! उन्हें ताकिद दी जाए ! कि भविष्य में वह ऐसी हरकत से बाज आए ! और सही मायने में अपने भारतीय प्रशासनिक सेवा के नियमों का पालन करते हुए अपनी प्रशासनिक जिम्मेदारी का निर्वाह करे !”
एक बात संघ के लोगों को बताना चाहुंगा कि ! ” की आप लोग लाख अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बदनामी की मुहिम चलाए ! और शारीरिक – मानसिक दिवारों को खड़ा करे ! लेकिन हजारों सालों से रह रहे अल्पसंख्यक समुदाय के लोग इसी देश में रहने वाले हैं ! और कही भी जानेवाले नही है ! और कोई अन्य देश उन्हें अपने यहां आने देनेवाले नही है ! यह वास्तव है !” भले ही संघी किसी से मतभेद हुआ नहीं कि पाकिस्तान भेजने की बात बोलते हैं ! जैसे पाकिस्तान उनका डंपिंग यार्ड हो ! बेवकूफो को पता होना चाहिए कि आज पचहत्तर से अधिक साल हो गये हैं भारत और पाकिस्तान दो अलग – अलग मुल्क है ! और नही कोई पाकिस्तान से निकला और भारत आ गया ! और नही भारत से निकला पाकिस्तान चला गया ! उल्टा पचहत्तर साल में ! हिंदुत्ववादीयो के तरफसे और इस्लामिस्टो के तरफसे लगातार चल रही सांप्रदायिकता की राजनीति को हवा देने के कारण ! दोनों देशों में कोई भी व्यक्ति आसानी से आ – जा नहीं सकता ! यह वास्तव है ! एक बार आसानी से योरप या अमेरिका में आ – जा सकते हैं ! लेकिन भारत और पाकिस्तान में आना – जाना मुश्किल है ! यह मै भारत पाकिस्तान और बांग्लादेश फोरम के उपाध्यक्ष होने के नाते अपने निजी अनुभवों के आधार पर लिख रहा हूँ !


आज पचास साल से अधिक समय से बंगला देश में दस – पंद्रह लाख से अधिक बिहारी मुसलमान अटके हुए हैं ! जिन्हें पाकिस्तान नही स्विकार कर रहा है ! और न ही बंगला देश ! उसी तरह मैंने फिलिस्तीनी शरणार्थी शिविरों में रह रहे ! बैरुत, दमास्कस, कैरो, इस्तंबूल, दियारबकिर तथा और इस्लामी मुल्कों के घेट्टौजो को देखा हूँ ! कश्मीर के पंडितों से भी बदतर स्थिति में देखकर मुझे वहां पर कुछ भी खाने या पीने की इच्छा नहीं हुई !


वहीं हाल ढाका के जिनेवा कैम्प में रह रहे बिहारी मुसलमानों को देखते हुए हुआ था ! ओपन ड्रेनेज, भयंकर कचरा और उस कारण मख्खियो का आलम ! और वह आज भी बेवतन की जींदगी जीने के लिए मजबूर है ! आज बंगला देश स्वतंत्र होकर पचास साल से भी अधिक समय हो रहा है ! और वह सबके सब सुन्नी मुस्लिम होने के बावजूद ! बंगला देश की सरकार उन्हें नागरिकता नही देने की वजह से ! आज सबके सब असहाय जिंदगी जी रहे हैं ! नही उन्हें कोई नौकरी मिल सकती ! और नही कोई ढंग का व्यवसाय करने की इजाजत ! कल्पना किजिए पचास साल में पैदा हुए उनके बच्चे बंगला भाषा बोल रहे है ! और बंगाल की संस्कृति में रसबस गए हैं ! अब उन्हें पाकिस्तानी एजंट बोलने का कोई औचित्य नहीं बचा है !
लेकिन पचहत्तर साल के बटवारे ने भारत के मुसलमानों को फिर वह पाकिस्तान में गए होंगे ! वह भी और बंगला देश में भी ! बिहारी मुस्लिम जनरल आयुबखान के अपिल पर ! साठ – पैसठ के बाद ! भागलपुर, मुंगेर,साहेबगंज, गोड्डा,मुजफ्फरपुर, खगड़िया, पूर्णिया, किशनगंज तथा बिहार के अन्य क्षेत्रों से बडी उम्मीद के साथ चले गए थे !
और 1971 में स्वतंत्र बंगला देश बनने के कारण ! यह लोग अधर में लटक गए ! इन्हे नही पाकिस्तान स्विकार कर रहा ! और भारत की संभावना पहले से ही नहीं है ! फिर बचा बंगला देश ! लेकिन आज पचास साल से भी अधिक समय से बंगला देश ! इन्हें अपने देश की नागरिकता देने के लिए टाल-मटोल कर रहा है ! और वह सभी सुन्नी मुस्लिम समुदाय के होने के बावजूद !
यह जो संघ की शाखा में कहा जाता है! “कि इस्लाम खतरे में है ! बोलने से सभी मुस्लिम देश इकठ्ठा हो जाते हैं ! और मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए दुनियाभर के मुस्लिम देश है ! हम हिंदू धर्म को मानने वाले लोगों के लिए भारत छोड़ कर और कौन सा देश है ?” (जो कि भारत से बाहर गए लोगों में से कुछ उन पराए देशों के राष्ट्रप्रमुखों के पद पर जा रहे हैं !)
वहीं बात 1946-47 के समय पाकिस्तान में गए भारतीय मुसलमानों को मुहाजीर बोला जाता है ! और आज भी पाकिस्तान उन्हें शक की निगाह से देखता है ! कौनसे इस्लामी धर्म के देशों की बात कर रहे हैं ? मेरे परिचित कुछ मुस्लिम सऊदी अरब में तीस साल से अधिक समय तक रहने के बाद भी ! उन्हें वहां की नागरिकता नही मिलने के कारण ! उन्हें वापस भारत आना पड़ा ! भारत में दुनिया के दूसरे नंबर की आबादी मुसलमानों की में रहती है ! और आगे भी रहेंगे !


कीतने भी भागलपुर, गुजरात, मुजफ्फरनगर, खरगोन के दंगों को अंजाम देते रहिए ! कितने लोगो को इन दंगों में मार सकते हो ? आज भारत में तीस से चालीस करोड के आसपास की जनसंख्या मुसलमानो की है ! और विश्व के सभी युद्धाभ्यास के बाद ! किसी भी युद्ध में मारे गए लोगों की संख्या,इतनी नहीं है ! कुछ लाखों से आगे नहीं जाती है ! तो भारत में रह रहे मुस्लिम, शिख, ख्रिश्चन, बुध्दीष्ट, जैन, लिंगायत, महानुभाव, कबीर पंथी, तथा सेक्युलर ! और आदिवासियों का तो कोई धर्म ही नहीं है ! वह निसर्ग पूजक होते हैं !
सभी के साथ जीवन जीने का सर्वसम्मति का तरीका इजाद करते हुए ! अमन-चैन से रहना यही एकमात्र उपाय हो सकता है ! बारह महीनों सत्रह दिनों ! एक दूसरे को आखें लालपिली दिखाते हुए ! कहा तक जीवन जी सकते ? और अब तो आजादी के पचहत्तर साल के बाद अगले पच्चिस साल के उपलक्ष्य में ! अमृत काल की घोषणा हुई है !
तो सचमुच ही अमृत काल की ओर चलना है ! तो फिर देश में सचमूच शांति – सद्भावना के महौल के बगैर ! यह सफर विषकाल का होने की संभावना है ! संघ फासीस्ट विचारों के उपर विश्वास करता है ! लेकिन आजसे नब्बे साल पहले इटली और जर्मनी का क्या हाल हुआ है ? यह इतिहास मौजूद हैं ! वहां अब फासीस्ट शब्द का उच्चारण करने की भी मनाही है ! तो संघ परिवार ने इतिहास से सबक लेकर ! अपने तथाकथित हिंदूत्ववादी विचारों के उपर सोचने की जरूरत है !
अन्यथा जिस अखंड भारत के विखंडित होने की नौबत ! आजसे 76 साल पहले आई थी ! वैसे ही हिंदुत्व के रटने से ! अमिबा के जैसे टुकड़े, इस देश के होने की संभावना है ! पंजाब में फिर से खलिस्तान के नारे लगना शुरू हुआ है ! तो मुहं में हिंदुत्व और खलिस्तान या दलितस्थान या आदिवासीस्थान या द्रविडस्थान को लेकर रोकने का नैतिक अधिकार नहीं रहेगा !


इसलिए हमारे देश के संविधान निर्माताओं ने लगभग तीन साल की अथक मेहनत के बाद ! हमारे देश के संविधान का निर्माण किया है ! इसलिए उसका सम्मान करते हुए ! उसके अनुसार इमानदारी से राजकाज चलाना ! यही सही उपाय हो सकता है ! सिर्फ संविधान के उपर हाथ रखकर प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री की शपथ लेने से नहीं चलेगा ! सचमुच उस शपथ का पालन इमानदारी से करने के लिए ! नकी संघ की शाखाओं में, अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ ! जहरीला प्रचार प्रसार- करना ! या मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें सबक सिखाने की भाषा इस्तेमाल करना ! राज धर्म का उल्लंघन है !
लेकिन खरगोन के प्रशासन की यह कृति भारत के भीतर विभाजन की रेखा खिंचने की है ! जो भारत की बहुआयामी संस्कृति को नष्ट करने ! और हमारे देश की एकता और अखंडता को खतरा पैदा करने की कृती की मै भर्त्सना करता हूँ ! और मध्यप्रदेश के मुख्यसचिव से विनम्र प्रार्थना करना चाहुंगा ! “की ऐसे खुराफाती जिलाधिकारी को तुरंत हटाने का निर्णय ले और एक अच्छे प्रशासनिक अधिकारी को खरगोन में भेजने का फैसला ले !”
डॉ सुरेश खैरनार 7 मार्च 2023, नागपुर

Adv from Sponsors