टाइम्स नाऊ से निकाल बाहर करने के बाद एक मामूली पत्रकार रिपब्लिक नाम के स्वंतंत्र चैनल को कैसे निकाल सकता ? यह सवाल मेरे जेहन मे कई-कई बार आते रहा था ! और वह एक मात्र चैनल दिख रहा है जिसे हर तरह की छूट मिली हुई है !

यहाँ तक कि उसके कर्ताधर्ताओं को किसी आत्महत्या के लिए जिम्मेदार होने के बावजूद हमारे देश के सर्वोच्च न्यायालय के पास रातों रात उसके लिए विशेष रूप से राहत मिलती है ! और वह ओपन कार की छत से विश्व कप जीतने के बाद जैसे जश्न मनाने वाले खिलाड़ियों को देखा है उस तरह विजयी मुद्रा में उसको उत्तेजित होते हुए और चिल्लाते हुए भी देखा है ! और उसके पहले समस्त संघ परिवार और सही मायने में परिवार !

क्योंकि महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री की पत्नी जो की किसी बैंक की कर्मचारी है ! कोभी उसकी तरफदारी करते हुए देखा है! और उसके पति तो पूरी बीजेपी की ताकत झोंकते हुए देखा है और उनके देश भर के स्वयंसेवक तो रस्तोपर प्रदर्शन करते हुए देखा है ! और देश के गृहमंत्री से लेकर समस्त केंद्रीय सरकार के कई-कई मंत्रियों को भी देखा है कि जैसे किसी बहुत बडे संघ के नेता को जेल भेजने के बाद भी इस तरह की प्रतिक्रिया नहीं देखा हूँ !

उसी समय मुझे पता चला कि अर्णव कोई मामूली पत्रकार नहीं है वह संघ परिवार का खासमखास आदमी है ! और उसके बाॅडी लैंग्वेज से भी मुझे लग रहा था कि इसका इतना आत्म विश्वास का कारण क्या है ? शरद पवार जैसे राजनेता के बिमारियों की वजह से जो भी शारीरिक बदल उनके शरीर पर हुए हैं उसे लेकर अत्यंत भद्दे तरीके के कांमेट से लेकर उद्धव ठाकरे जो की सिर्फ किसी राजनीतिक दल के अध्यक्ष नहीं ग्यारह करोड़ से भी ज्यादा जनसंख्या के महाराष्ट्र जैसे प्रदेश के मुख्यमंत्री को तूता की भाषा में चैलेंज करते हुए देखा! तो पहले लगा कि इसका मानसिक संतुलन चला गया होगा !

लेकिन आज उसका रहस्य पता चला कि यह तो संघ परिवार का ब्लू आई बाॅय है !बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक तीन दिन पहले ही इसे बताई गया है ! क्यो ? किस हैसियत से और किसलिए ? जैसे सवालो का जवाब वर्तमान सरकार को देना होगा क्योंकि बात-बात पर देश की सुरक्षा से लेकर देशभक्ति,देशद्रोही जैसे संगीन आरोप उठते बैठते करने वाले दल की सरकार को इस बात का जवाब देना होगा !

और 370 कश्मीर से समाप्त करने के पहले से ही उसे मालूम होती है इसके कारण क्या है ? यह क्या देश का अटरनी जनरल या सरकार के किसी ओहदेदार होने की वजहों से इसे पहले ही बताया गया है ? रिपब्लिक टीवी चैनल पर राष्ट्रीयता,देशभक्ति जैसे डायलाग शायद ही किसी और चैनल पर दिखाई देता होगा ! और यही लफ्फाजी करने के लिए विशेष रूप से इसे पहले ही बताया गया ?

आज के भास्कर के नागपुर एडिशन के आखिर के पन्ने पर अमित शाह का कर्नाटक दौरे से सर्जिकल स्ट्राइक के बारे मे वक्तव्य है कि लोगो मे विश्वास जगा कि हमारे देश की सीमाएं सुरक्षित है ! अर्णव जैसे भाँट पालकर उन्हें पहले से ही यह सब बताकर लोगों मे विश्वास पैदा करने की स्ट्रेटजी और वह भी ऐन चुनाव के मौके पर !

वैसे भी उसके बाद तथाकथित सर्जिकल स्ट्राइक के बारे मे काफी विवाद हुआ है और यह वही आदमी हैं जो पहले से ही मालूम होने के कारण जिस तरह से चिल्ला-चिल्ला कर बोले जा रहा था और जो भी प्रतिभागी अपनी अलग राय देने कि कोशिश करता था तो यह अपनी कुर्सीसे उठकर उस प्रतिभागी के आंगपर चढ जाने जैसे उसे भला-बुरा कहते हुए देखकर लगता था कि आज की तारीख में शायद ही विश्व मे कोई चैनल होगा जो इस तरह से चलता है !

और मुख्य रूप से उसका अँकर इस तरह तथाकथित पैनलों के सदस्यों को अपमानित करता होगा ! वह चर्चा नहीं करने देता है बाकायदा खुद ही फैसला सुनाया करता है ! और यह बात हमारे मीडिया माध्यमों की निगरानी के लिए बनाये गए विभिन्न कमिटीया या संस्थाओ को क्या यह आदमी रिपब्लिक नामके चैनल को कैसे चला रहा है यह दिखाई नहीं देता ?
95 साल पहले जर्मनी में डॉ गोबेल्स नामका नाझी पार्टी के लिए प्रचार करने वाले गोबेल्स को भी मात देने वाले लोगों मे अर्णव का शुमार होता है और 95 साल बाद की टेकनालॉजी और विशेष रूप से संचार माध्यमों में भयंकर तरह कि !

मैंने भयंकर तरह के शब्द का प्रयोग जानबूझकर किया है क्योंकि आज जिस तरह से अर्णव जैसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लोग उसका इस्तेमाल कर रहे हैं वह भयंकर से भी ज्यादा है और सबसे हैरानी की बात यह है कि यह आदमी शत-प्रतिशत वर्तमान केंद्र सरकार का कृपा पात्र हैं !

अन्यथा इसकी क्या मजाल कि सोनिया गाँधी से लेकर शरद पवार,उद्धव ठाकरे जैसे राजनेताओ के बारे मे इतना बदतमीजी से पेश आते हुए तूता की भाषा में! ऑडियो-वीडियो रेकार्ड है और यह कान्फिडेंस कहा से आ रहा था यह आज पता चला !

बीजेपी के अधिकृत प्रवक्ताओं मे सांबीत पात्रा जैसे बड़बोला प्रवक्ता से भी ज्यादा और वह भी डायरेक्ट बीजेपी की तरफ से खुलकर वकालत कर ते हुए ! अर्णव को यह भी याद नहीं रहा कि वह एक चैनल चला रहा है ! हमने संघ परिवार के लोगों द्वारा चलाए जाने वाले और भी चैनल देखे हैं पर अर्णव जैसे एकमात्र अँकर को देखा है कि वह एक शब्द से भी कभी मोदी जी को या अमित शाह जैसे दागदार लोगों के बारे मे कभी कुछ क्रिटिकल बोला होगा !

 

सबसे संगीन बात इस आदमी को वर्तमान सरकार के इतने महत्वपूर्ण निर्णय पहले से बताया गया है और यह किस हैसियत से और किसलिए ? मै आज इसी संगीन आरोपों की जांच की मांग इस पोस्ट के माध्यम से कर रहा हूँ !

डॉ सुरेश खैरनार

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