2019 लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बिहार कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार बीजेपी का साथ छोड़ने का फैसला करते हैं तो उन्हें महागठबंधन में वापस लेने के लिए वह सहयोगी दलों के साथ विचार -विमर्श करेंगे। कांग्रेस पार्टी का यह बयान तब आया है जब बीते दिनों में अगले लोकसभा चुनाव में सीटों के तालमेल के संदर्भ में जदयू और बीजेपी में विरोधाभासी बयान आये थे। इससे कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों दलों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।
बिहार मामलों के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि अगर ऐसी संभावना उभरी तो हम निश्चित तौर पर अपने दलों से विचार करेंगे। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि नीतीश कुमार की क्या मजबूरी है कि उनके साथ चले गए। दोनों का साथ बेमेल है। अभी नीतीश कुमार फासीवादी भाजपा के साथ हैं। श्री गोहिल ने रामविलास पासवान और उपेंद्र कुशवाहा का जिक्र करते हुए दावा किया कि बिहार में यह धारणा बनी है कि मोदी सरकार पिछड़ों और अतिपिछड़ों के खिलाफ है। ऐसे पिछड़ों और अति पिछड़ों की राजनीति करने वालों के पास भाजपा का साथ छोड़ने के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो राजग तो डूबेगा ही, साथ में उन्हें भी डुबना पड़ेगा।
दरअसल, पिछले दिनों राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा था कि अब नीतीश के लिए महागठबंधन के दरवाजे बंद हो चुके हैं। हालांकि , शक्ति सिंह ने कहा कि लोकसभा चुनाव में बिहार में सीटों के बंटवारे को लेकर किसी तरह की दिक्कत नहीं आएगी। कांग्रेस प्रवक्ता ने यह भी कहा कि राहुल जी सच की लड़ाई लड़ रहे हैं और आने वाले चुनाव में देश की जनता राहुल गांधी के नेतृत्व में नरेंद्र मोदी को हराएगी।