लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद उपेंद्र कुशवाहा को बड़ा झटका लगा है. राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के दोनों विधायक ललन पासवान और सुधांशु शेखर के जेडीयू में शामिल होने से बिहार विधानसभा में रालोसपा का अस्तित्व खत्म हो गया है.
आज बिहार विधानसभा के स्पीकर ने दोनों विधायकों को जेडीयू में शामिल होने की इजाजत दे दी. जिसके बाद राष्ट्रीय लोक समता पार्टी का जदयू में विधिवत विलय हो गया. बिहार विधानसभा में
आरजेडी के 80, जेडीयू के 73, रालोसपा के 2 (अब जेडीयू में), कांग्रेस के 27, लोजपा के 2, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (1) और अन्य के खाते में 7 विधायक हैं.
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के ठीक पहले कुशवाहा ने एनडीए छोड़कर महगठबंधन में शामिल हो गए. उन्होंने लोकसभा चुनाव में 5 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन रालोसपा सभी सीटों पर चुनाव हार गई. दो सीटों पर दावं आजमाने वाले कुशवाहा को भी मुहं की खानी पड़ी. अब हालत ये हो गए हैं कि
रालोसपा में अब न तो कोई विधायक है और न कोई सांसद.
वहीं लोकसभा चुनाव के नतीजों के पहले उपेंद्र कुशवाहा अपनी बयानबाजी के चलते सुर्ख़ियों में थे. ईवीएम की गड़बड़ी की आशंका पर कुशवाहा ने समर्थकों से अपील करते हुए कहा था कि वे अपने हथियारों के साथ ईवीएम को लूटने से बचाने की कोशिश करें.
अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए उपेंद्र कुशवाहा का कहना था कि मतगणना के दिन हमारे समर्थक और जनता तैयार रहे क्योंकि ये लोग कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि अगर रिजल्ट लूटने की घटना हुई तो सड़कों पर खून बहेगा, जिसकी कड़ी आलोचना की हुई थी.