कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार रात एक डिनर की मेजबानी की, जिसमें विपक्षी पार्टी और समान विचारधारा वाले दलों के राजनीतिक दिग्गजों ने भाग लिया। हालांकि कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस बैठक में शामिल नहीं हुए।इस डिनर बैठक में 15 पार्टियों के करीब 45 नेता और सांसद जुटे और सभी नेताओं ने सरकार के खिलाफ रणनीति बनाने के साथ-साथ एक मजबूत मोर्चा बनाने पर भी चर्चा की।
बता दें कि सिब्बल सोनिया गांधी को व्यापक सुधारों के लिए लिखे गए पत्र के पीछे प्रमुख प्रस्तावक थे और उन्हें उन नेताओं में से एक भी देखा जाता है जिनके राहुल गांधी के कामकाज से गंभीर मतभेद हैं। वहीं अब इस बैठक के बाद कांग्रेस पार्टी में ही चर्चा होने लगी है कि क्या इस तरह से बैठक बुलाना सही था। हालांकि डिनर में शामिल होने वाले कांग्रेस नेताओं ने किसी भी अटकलों को खारिज कर दिया कि यह पार्टी के आंतरिक कामकाज से संबंधित था, लेकिन उन्होंने कहा कि वे 2024 के चुनावों से पहले मजबूत विपक्षी एकता चाहते हैं।
ये दावत ऐसे समय दी गई है जब राहुल गांधी श्रीनगर के दौरे पर हैं और प्रियंका विदेश में हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दावत में एक बार फिर कांग्रेस में बदलाव का मुद्दा उठा। रिपोर्ट्स के मुताबिक कुछ नेताओं ने कहा है कि कांग्रेस का कायाकल्प तभी संभव है जब गांधी परिवार लीडरशिप छोड़ दे। अकाली दल के नरेश गुजराल ने तो सीधा हमला बोलते हुए कहा कि गांधी परिवार के ‘चंगुल’ से बाहर निकले बिना कांग्रेस का मजबूत होना मुश्किल है।
ये दावत इसलिए भी चर्चा में है, क्योंकि सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 सीनियर नेताओं ने पिछले साल सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखकर पार्टी में बड़े बदलाव करने की जरूरत बताई थी। सिब्बल की दावत में पी चिदंबरम, शशि थरूर और आनंद शर्मा भी शामिल थे। ये तीनों नेता भी कांग्रेस के भविष्य को लेकर सवाल उठा चुके हैं।
इन नेताओं ने लिया भाग
इस दौरान राजद (राष्ट्रीय जनता दल) के लालू प्रसाद यादव, राकांपा (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) सुप्रीमो शरद पवार, समाजवादी पार्टी (सपा) के अखिलेश यादव और राम गोपाल यादव, माकपा (मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी) के सीताराम येचुरी, भाकपा (भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी) के डी. राजा, नेशनल कांफ्रेंस के उमर अब्दुल्ला और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम भी मौजूद थे। शिवसेना के संजय राउत, आप (आम आदमी पार्टी) के संजय सिंह, तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी और डेरेक ओ ब्रायन, बीजद (बीजू जनता दल) नेता पिनाकी मिश्रा और अमर पटनायक, द्रमुक (द्रविड़ मुनेत्र कषगम) के तिरुचि शिवा और टी के एलनगोवन, रालोद (राष्ट्रीय लोक दल) के जयंत चौधरी और टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) के नेता भी रात्रिभोज में शामिल हुए।
जेल से निकलने के बाद लालू पहली बार सामूहिक बैठक में शामिल हुए
वहीं तबीयत में कुछ सुधार होने के बाद लालू यादव भी इस सामूहिक डिनर में पहुंचे थे। इस मौके पर लालू यादव ने भी सिब्बल की बातों से सहमति जताते हुए विपक्षी एकता को मजबूत करने पर बल देने को कहा। उन्होंने कहा कि हम जब भी मुश्किल में आते हैं सिब्बल साहेब को याद करते हैं। कांग्रेस पार्टी इन लोगों के अनुभव का फायदा उठाए।