गूगल अर्थ पर लोग इंटरनेट के माध्यम से अपने घर, मोहल्ले, शहर और देश की भौगेलिक स्थिति की तस्वीरें देखते हैं, लेकिन इस पर आपको तस्वीरें पुरानी दिखाई दे रहीं हो या साफ नहीं दिखाई दे रही हो, तो चिंता करने की कोई बात नहीं है. अब इसका देसी इलाज आ गया है. भारतीय स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने गूगल अर्थ को टक्कर देने के लिए अपने देसी जियोपोर्टल भुवन को लांच किया है. इसरो ने गूगल अर्थ के अपने देसी वर्ज़न भुवन की शुरुआत कर दी है. इसके ज़रिए यूजर्स दुनिया के किसी भी हिस्से को ज़ूम करके नजदीक से देख सकते हैं. हालांकि संवेदनशील जगहों को देखना सभी के लिए आसान नहीं होगा, क्योंकि इसके लिए पासवर्ड की ज़रूरत पड़ेगी.
इसरो के चेयरमैन जी. माधवन नायर ने राजधानी में एक कार्यक्रम में भुवन वेबपोर्टल को लांच किया. उन्होंने कहा कि गूगल के मुकाबले भुवन पर न स़िर्फ ताज़ा तस्वीरें उपलब्ध हैं, बल्कि रोजमर्रा की जिंदगी और सामाजिक उपयोग से जुड़ी कई जानकारियां भी मौजूद हैं. जिससे आपको काफी फायदा होगा. भुवन के ज़रिए आप दो शहरों के बीच की हवाई दूरी भी नाप सकते हैं. इतना ही नहीं बंजर भूमि, मिट्टी और जल संसाधन संबंधी आंकड़े भी प्राप्त किए जा सकते हैं. ग़ौरतलब है कि इसरो ने इसे महज़ नौ महीनों में विकसित किया है.
भुवन आतंकी हमले से निपटने में भी काफी मददगार साबित होगा. इसके ज़रिए सुरक्षा बल किसी भी इलाक़े की भौगोलिक स्थिति की सही जानकारी प्राप्त कर सकते हैं. जिससे कार्रवाई करने व़क्त उन्हें काफी मदद मिलेगी. इस सुविधा का दुरुपयोग नहीं हो इसके लिए सुरक्षा बल और सरकारी एजेंसियों को सुरक्षित पासवर्ड दिए जाएंगे. इसमें ऐसी जानकारियां होंगी, जो सामान्य लोगों तक नहीं पहुंच सकेंगी.
आम लोगों के लिए तो भुवन बड़े काम की चीज़ है, इसरो का दावा है कि इससे दस मीटर तक की दूरी से किसी चीज़ को देखा जा सकता है. भुवन को लेकर इतनी उत्सुकता थी कि पहले ही दिन लोगों ने इसे जमकर डाउनलोड किया. इतना ट्रैफिक रहा कि वेबसाइट धीमी हो गई, इसके अलावा भुवन को इस्तेमाल करने वालों की तऱफ से मिलीजुली प्रतिक्रिया आई. कई लोगों को यह अच्छा लगा लेकिन अधिकतर लोगों का कहना है कि गूगल अर्थ के मुक़ाबले इसके नेविगेशन टूल्स को और बेहतर बनाना होगा, तभी यह गूगल अर्थ को टक्कर दे पाएगा.

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