देश में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव और राजस्थान में जारी सियासी सरगर्मियों के बीच कांग्रेस कुछ बड़े बदलावों पर विचार कर रही है। इसे लेकर जल्द ही पार्टी आलाकमान की ओर से एलान होने की संभावना है। बताया गया है कि इस सिलसिले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और सचिन पायलट को दिल्ली बुलाया है।

उत्तर प्रदेश कांग्रेस समिति (यूपीसीसी) के वरिष्ठ प्रेक्षक भूपेश बघेल अगले साल होने वाले यूपी चुनाव के लिए सोनिया गांधी से बात करेंगे। उन्होंने शुक्रवार सुबह ही 10 जनपथ पहुंचकर सबसे पहले कांग्रेस महासचिव और यूपी में पार्टी का चेहरा बनकर उभरीं प्रियंका गांधी वाड्रा से मुलाकात की। इसके बाद वे सोनिया गांधी से भी मिलेंगे।

दूसरी ओर राजस्थान में बड़े फेरबदल की पिछले कई दिनों से चर्चा है। एक दिन पहले ही राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी। अब कांग्रेस अध्यक्ष ने राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को मिलने के लिए बुलाया है। इस बैठक में राजस्थान के राजनीतिक घटनाक्रम पर चर्चा के साथ कैबिनेट में बदलावों को लेकर बात हो सकती है।

इसके अलावा सबसे अहम कैप्टन अमरिंदर सिंह का दांव है। जो अब कांग्रेस छोड़ पंजाब लोक कांग्रेस पार्टी बना चुके हैं। अमरिंदर पंजाब की सियासत के दिग्गज हैं। ऐसे में उनके सक्रिय होने पर कांग्रेस में बड़ी टूट न हो, उसे भी संभालना होगा।

पहले सिद्धू और CM में चली खुली जंग

पहले पंजाब कांग्रेस चीफ नवजोत सिद्धू और CM चरणजीत चन्नी के बीच खुली जंग चल रही थी। सिद्धू एडवोकेट जनरल एपीएस देयोल और डीजीपी आईपीएस सहोता को हटाने की मांग पर अड़े रहे। इस जिद में उन्होंने चन्नी सरकार के सस्ती बिजली और पेट्रोल-डीजल रेट घटाने के अच्छे फैसलों की भी बखिया उधेड़कर रख दी। हालांकि अब AG को हटा दिया गया। डीजीपी बदलने के लिए UPSC पैनल का इंतजार किया जा रहा है। ऐसे में सिद्धू की जिद को मान हाईकमान ने फिलहाल यह जंग थाम ली है।

तीन साल से नहीं हुआ गहलोत मंत्रिमंडल में बदलाव

माना जा रहा है कि जल्द ही राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल पर भी निर्णय लिया जाएगा। इसी साल 17 दिसंबर को गहलोत सरकार के तीन साल पूरे हो रहे हैं। इन तीन वर्षों में पार्टी की खींचतान के कारण कोई फेरबदल नहीं हो पाया है। इससे विधायकों का एक गुट नाराज भी रहा है। ऐसे में कांग्रेस इस अंदरूनी कलह को खत्म करने के लिए पायलट समर्थित विधायकों को कैबिनेट में जगह देना चाहेगी।

जाखड़ की नाराजगी बरकरार

पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रधान सुनील जाखड़ की नाराजगी भी बरकरार है। उन्हें बिना विवाद के हटा दिया गया और सिद्धू को प्रधान बना दिया गया। इसके बाद उन्हें हाईकमान ने पंजाब का पहला हिंदू CM बनाना चाहा लेकिन सिख स्टेट में सिख चेहरे की बात कहकर पत्ता काट दिया गया। इस वजह से पार्टी गतिविधियों से दूर होकर जाखड़ ट्विटर के जरिए पार्टी और सरकार पर निशाना साधते रहते हैं।

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