कल भारत की जांच एजेंसी सी. बी. आई. के साठ साल होने के उपलक्ष्य में, माननीय प्रधानमंत्रीजी ने सीबीआई को में बहुत ही महत्वपूर्ण संदेश दिया “कि भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो, बख्शा नही जाए : ! ” मै आपके व्यक्तव्य का हृदय से स्वागत करता हूँ ! आपने कहा कि “लोकतंत्र और न्याय की राह में भ्रष्टाचार सबसे बडी बाधा बताया है”! मैं शतप्रतिशत सहमत हूँ !
मैने अपने जीवन की शुरूआत ही 1973 को अपनी पढ़ाई खत्म करने के बाद ! पहले आपके अपने गृह राज्य गुजरात के मोरवी के ‘सरदार पटेल’ इंजीनियरिंग कालेज के छात्रों ने ! अपने मेस के खाने की एक रुपये थाली का ! सव्वा रुपया ( 25 पैसे की वृध्दि ! होने से ! ) करने के खिलाफ शुरू किए गए आंदोलन से प्रभावित होकर हमने भी महाराष्ट्र के अमरावती में कोशिश की है !
जिस आंदोलन के कारण तत्कालीन मुख्यमंत्री श्री. चिमणभाई पटेल की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा ! और भारत के इतिहास में पहली बार किसी आंदोलन के बाद हुए चुनाव में जनता सरकार नाम की सरकार का गठन हुआ ! (1975 ) जिसके मुख्यमंत्री श्री. बाबुभाई पटेल बनाएं गए थे !


और उसके बाद बिहार में भी ! भ्रष्टाचार के खिलाफ विद्यार्थियों ने आंदोलन की शुरूआत की ! जिसे बाद में जयप्रकाश नारायण को बहुत आग्रह, और उनकी शर्तों को मानने का आश्वासन देने के बाद, बिहार आंदोलन शुरू हुआ था !


फिर उसके बाद 25 जून 1975 आपातकाल की घोषणा ! और 19 महिनों के विरोधियों को जेल में बंद करने की कृती का भ्रुक्तभोगी मैं भी रहा हूँ ! और उसके बाद हुए चुनाव ! और जिसमें जनता पार्टी की सरकार मई में 1977 में बनी थी ! जयप्रकाश नारायण ने भारत के इतिहास में पहली बार कोई सरकार का शपथविधी ! महात्मा गाँधी जी के समाधीस्थल राजघाट दिल्ली के प्रांगण में किया था ! जो गिनकर बीस महीने भी नहीं चल पाई थी ! मै यह सिर्फ 1980 तक, सात साल तक का हिसाब – किताब बता रहा हूँ ! क्योंकि इन सभी समय में हम 1973 में बीस साल के उम्र में इन सब गतिविधियों में अपनी गिलहरी की भूमिका में ! और 27 साल की उम्र में जनता पार्टी की सरकार का पतन किन – किन कारणों से हुआ ? इस तफ़सील में नहीं जा रहा हूँ ! क्योंकि वह अलग लेख का विषय है ! और उस पर कभी अवश्य लिखने की कोशिश करूंगा !


लेकिन आज आपने सीबीआई को “भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो, बख्शा नहीं जाए :” यह संदेश देकर बहुत बडी आशा जगा दी है ! क्योंकि नए साल की शुरुआत ही ! भारत के नंबर एक के उद्योगपति श्री. गौतम अदानी उद्योग समूह को लेकर (1988 में पहली बार अहमदाबाद के स्टॉकएक्सेंज में रजिस्ट्रेशन किया गया है ! ) मतलब आज से पच्चीस साल पहले की कंपनी, विश्व में तीसरे स्थान पर ! और एशिया तथा भारत में पहले स्थान पर ! आने के सफर के बारे में अमेरिका के स्टॉकएक्सेंज में ! एक कंपनी जो खुद भी स्टॉक एक्सचेंज में काम करती है ! और समय समय पर जांच करने का काम भी करती है ! तो मकरसंक्रांतीके दिन 14 जनवरी 2023 को ‘हिंडेनबर्ग रिपोर्ट’ के नाम से एक रिपोर्ट सार्वजनिक हुआ है ! और उस रिपोर्ट में अदानी के शेयरों की किमते झूठमूठ के बढाने के साथ कुछ और भी आर्थिक हेराफेरी के आरोप लगाए हैं ! जबकि शेयर बाजार के उपर निगरानी रखने के लिए जनता के जेब के पैसे से ही सेबी नाम की एजेंसी का निर्माण किया गया है और यह उसके नाक के नीचे हुआ है ! आज इस बात को लगभग चार महीने होने जा रहे हैं ! विश्व के मिडिया से लेकर भारत की संसद में तक यह मामला उठाया गया ! भले संसद की कार्यवाही से वह हटाने का फैसला किसके इशारे पर लिया गया ? और आपने अपने एक घंटे से भी अधिक समय के संसद के भाषण में अदानी नाम एक बार भी नहीं लिया ! “उल्टा नेहरू नाम क्यों नहीं लगाते ? मेरे पिछे 140 करोड लोगों की ताकत है ! और उसी के साथ, मै अकेला सबको भारी हूँ ! ” जैसे बातें की ! लेकिन एक शब्द से इस रिपोर्ट की जांच-पड़ताल करने की आवश्यकता है ! ऐसा क्यों नहीं कहा ? यह बात रह-रहकर मेरे जेहन में आ रही थी !


लेकिन कल आपके सीबीआई के साठ साल के उपलक्ष्य में कार्यक्रम में दिए गए भाषण के कारण मेरा आत्मविश्वास पुन: वापस लौटा है ! “कि आप ने अपने चुनावी प्रचार सभाओं में भी ! बार-बार दोहराया है कि “मैं नहीं खाऊँगा और नही किसी को खाने दुंगा “! तो आपने 2014 में प्रधानमंत्री की शपथ ग्रहण करने के बाद ! लगातार भारत के विभिन्न स्थानों पर ! सीबीआई, ईडी, एन आई ए तथा इन्कम टॅक्स और सीआयडी जैसे एजन्सीयो के द्वारा छापामारी कर के भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मुहिम छेडी हुई है ! (हालांकि इसमें ज्यादातर विरोधी दलों के नेताओं के ही नाम है ! और जिस दिन आपके दल में प्रवेश करते हैं ! तुरंत ही वह भ्रष्टाचारी मुक्त होने के भी उदाहरण है ! ) लेकिन आपने कल जब कहा है “कि भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो, बख्शा नहीं जाए :! ” तो हिंडेनबर्ग रिपोर्ट अगर गलत है ! तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए ! और अगर हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में लगाए गए आरोप सही है तो फिर ! गौतम अदानी और उनके बड़े भाई के खिलाफ कार्रवाई करने की शुरुआत की जाने चाहिए ! क्योंकि पिछले चार महीनों से संपूर्ण दुनिया में हमारे देश की सरकार और हमारे देश के सबसे बड़े उद्योगपति जो अपने जवाब में भारत के उपर हमला कह रहे हैं ! तो यह बहुत ही गंभीर बात है ! तो हमारे देश की छवि खराब करने के प्रयास अगर कोई भी व्यक्ति या समूह फिर वह देश का हो या विदेश का उसपर कारवाई क्यों नहीं हो रही है ?


और हमारे देश के सबसे बड़े सभागृह संसद को ! आपके अपने ही दल के सदस्य क्यों नहीं चलने दे रहे हैं ? अगर विरोधी दलों के नेताओं ने मांग की है ! “कि संसद की संयुक्त जांच समिति का गठन कर के इस मामले में जांच की जाये !” तो आप को किस बात की आपत्ति है ? विरोधी दलों के सदस्य भी भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने की मांग कर रहे हैं ! अगर सी बी आई के साठ साल के उपलक्ष्य में कार्यक्रम में आपको भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो, बख्शा नहीं जाए : इसी में लगे हाथ आपने गौतम अदानी जो आज 25 साल के भीतर ! दुनिया का तीन नंबर का धन्नासेठ कैसे बना ? और एशिया और भारत में सौ सालों के पहले से कई उद्योगपति मौजूद रहते हुए ! इस साठ साल के उम्र के ! और सिर्फ पच्चीस साल पहले की शुरुआत की गई कंपनी के ! इतने कम समय में ? इतनी बड़ी तरक्की का रहस्य पता चले ! और वह सब कुछ इमानदारी से किया गया कारोबार है ! तो हमारे देश के करोड़ों बेरोजगार युवाओं को कितना बड़ा आदर्श मिसाल है ! जिसे देखकर हमारे देश के काफी युवा पीढ़ी के लोगों को प्रेरणा मिलेगी ! इसलिए मेरी राय है कि “गौतम अदानी ने बिलकुल इमानदारी और मेहनत से यह मुकाम हासिल किया है ! तो हमारे देश के युवा उद्दमीयो के लिए कितना बड़ा प्रेरणा मिलेगी ? और जिस विश्वगुरु की बात आप लगातार कर रहे हैं ! तो फिर दुनिया की कौन ताकत है जो भारत को विश्वगुरु होने से रोकने की हिमाकत करें ? ”


वैसे ही उधर बिहार में, हालही में रामनवमी के दौरान जो दंगे हुए ! उन्हें देखते हुए हमारे देश के गृहमंत्री अमित शाह तुरंत दौडकर, पहूँच कर दंगाइयों को उल्टा टांगने का ऐलान कर दिया है ! मै उनकी भी बात का हृदय से स्वागत करता हूँ ! क्योंकि मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण साल 1990 से अभि तक ! ( 24 अक्तूबर 1989 के भागलपुर के दंगों के बाद ! ) तीस सालों से भी अधिक समय से सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिकता के खिलाफ काम करने में जा रहा है ! तो अमित शाहजी के बिहार के दंगाइयों को उल्टा टांगने की बात सुनकर बहुत आशा जगी है ! कि अमित शाहजी को दंगों की राजनीति बिल्कुल भी पसंद नहीं है ! लेकिन मै कुछ पशोपेश में पड गया हूँ ! “कि पिछले साल के आखिर में गुजरात के विधानसभा चुनाव प्रचार में उन्होंने “दंगे चिरशांती के लिए आवश्यक होते हैं “! ऐसा भी भाषण एक दंगों में भाग लेने वाले व्यक्ति की बेटी को ! बीजेपी के तरफसे खडा किया गया था ! और वह बहुत ही बड़ी संख्या में वोट लेकर आज गांधीनगर के विधानसभा में विधायक बनकर बैठी है ! ( शायद पायल कुलकर्णी ! और मतदाता संघ नरोदा पटिया ! जहाँ पर गुजरात के दंगों के दौरान ! एक मार्च 2002 के दिन, सौ से अधिक लोगों को जिंदा जला दिया गया था ! )इसलिए अमितभाई की कौन-से बात को मानूंगा ? तो महात्मा गाँधी जी के हमेशा के वाक्य के जैसा कि मेरे आखिरी व्यक्तव्य को मानों ! पहले को भूल जाईए ?


वैसे ही उसी दंगे में बिल्किस बानो नामकी पेटमे आठ – नौ महीने का बच्चा ! और बारह लोगों ने उसके साथ बलात्कार किया ! और उसकी तीन साल की बच्ची और परिवार के अन्य सदस्यों की हत्या उसके आखों के सामने करने वाले लोगों को ! गुजरात सरकारने पंद्रह अगस्त 2022 के सुवर्ण महोत्सवी वर्ष की सहुलियत में ! उन सभी गुनाहगारों को जेल से रिहाई करने का निर्णय ! केंद्रिय गृहमंत्रालय के इजाजत के बगैर हो नहीं सकता ! ऐसा निर्णय भी आपके मंत्रालय के द्वारा दिया गया है ! क्या आप गुजरात के दंगों से चिरशांती कायम करने की बात की है ! उसके अनुसार लिया गया फैसला था ? जो कि अभी आप ने दंगे करने वाले लोगों को उल्टा टांगने की बात कही है !


हालांकि उसके लिए आपको बिहार में सत्ता चाहिए ! लेकिन जिस गुजरात में आपकी पार्टी की गत पच्चीस साल से भी अधिक समय से सत्ता चल रही है ! वहा के इस रामनवमी के दौरान वडोदरा में भी दंगा हुआ है ! वैसे ही आपके पार्टी की सरकारों के राज्य महाराष्ट्र संभाजीनगर (औरंगाबाद) तथा उत्तर प्रदेश के मथुरा के मस्जिद के सामने एक युवक अपने हाथ में भगवा झंडा फहराते हुए काफी देर तक मस्जिद के सामने खडा है ! और पुलिस तमाशबीनों जैसे खडी है ! क्या अमित भाईसाहब आपको अपने ही खुद के भाषण कुछ दिनों पहले दंगे चिरशांती के लिए आवश्यक थे ! यह वाक्य और “हमारी सरकार आने के बाद हम दंगाइयों को उल्टा टांगेगे ! ” इन बातों में कुछ भी फर्क नजर नहीं आता ?


सबसे मुख्य बात आपने और आपके राजनीतिक दल ने अपना आज का राजनीतिक मुकाम क्या करके हासिल किया है ? अभी आने वाले समय में कर्नाटक के चुनाव में बीजेपी पहले से ही ” टिपूसुलतान को वोट देना है ? या राम को ?” राम त्रेतायुगीन शख्सियत और दो सौ साल पहले के टिपूसुलतान ! का वर्तमान कर्नाटक के, वर्तमान समय की सरकार को चालिस पर्सेंट की सरकार सरकारी ठेकेदार संघ के अनुसार बोला जाता है ! कल माननीय प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी ने सीबीआई के साठ साल के उपलक्ष्य में कार्यक्रम में “भ्रष्टाचार के बारे में क्या कहा ? और किसके खिलाफ कहा ? फिर आप को कर्नाटक चुनाव के पहले पर्याप्त समय था ! जब चालिस पर्सेंट की सरकार की चर्चा चल रही थी ! वैसे ही वर्तमान समय में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता श्री. येदियुरप्पा को भ्रष्टाचार के आरोपों में ही जेल में जाना पडा था ! और वह बीजेपी से हटकर एक अलग दल बनाकर राजनीति करने के बावजूद ! आज आपको बीजेपी में शामिल होने के कारण शायद वर्तमान चुनाव में पार्टी का नेतृत्व कर रहे हैं ! वैसे ही देश भर में बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, राजस्थान तथा लगभग सभी प्रदेशों के भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे हुए लोगों ने बीजेपी में प्रवेश किया है ! क्या वह अभी बीजेपी में शामिल होने के बाद तुरंत ही भ्रष्टाचार से मुक्त हो गए ? जैसे कि कोई वॉशिंग मशिन लगा रखी है ? बीजेपी के दफ्तरों में की कोई भी – कितना भी भ्रष्टाचारी हो वह बीजेपी के अंदर आने के पहले उस मशीन से होकर गुजरता है ! तो वह साफ – सुथरा हो गया है ? और वर्तमान समय में बीजेपी के सत्ता में बैठे हुए लोगों के बारे में क्या गारंटी है ? कि वह सभी साफ – सुथरे है ? जबकि गौतम अदानी और प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी के बारे में संशय के बादल मंडरा रहे हैं ! तो क्यों आप लोग उन्हें दूर करने के लिए जाच करने की बात को टाल-मटोल कर रहे हो ? मै पिछले पचास वर्षों से भी अधिक समय से भ्रष्टाचार और सांप्रदायिकता के खिलाफ काम करने की कोशिश कर रहा हूँ ! और इसी कारण जब माननीय प्रधानमंत्री श्री. नरेंद्र मोदीजी ने सीबीआई की साठ साल की स्थापना समारोह में भ्रष्टाचार के खिलाफ भ्रष्ट व्यक्ति कितना भी ताकतवर हो, बख्शा नहीं जाए : ! जैसे कहा तो मुझे लगा कि वह सचमुच हमारे देश को भ्रष्टाचार मुक्त करने की कोशिश की घोषणा कर रहे हैं ! और हमारे देश के गृहमंत्री श्री. अमित शाह ने कहा कि दंगे करने वाले लोगों को उल्टा टांगेगे तो मुझे लगा कि वह भी गुजरात दंगों के अनुभवों के बाद इस नतीजे पर पहुंचे होंगे ! इसी आशा के कारण हमारे देश के सबसे प्रभावशाली लोगों की वाणियों का हृदय से स्वागत किया जाए ! और सचमुच ही हमारे देश को भूक, भय और भ्रष्टाचार से मुक्त किया जाए ?
डॉ. सुरेश खैरनार 4 अप्रैल 2023, नागपुर

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