साथियों कल दोपहर को बेलगांव पहुंचा हूँ हमारे मित्र प्रफेसर आनंद मेनसे जी काफी समय से मुझे आग्रह कर रहे थे ! तो अनायास 27 मार्च को भिवंडी के साथीयो ने देश – दुनिया की वर्तमान स्थिति पर, बोलने के लिए बुलाया था ! तो बेलगांव का भी कार्यक्रम तय किया ! क्योंकि लाकडाऊन के पहले से ही बेलगांव आने का कार्यक्रम अलग – अलग कारणों से रद्द होता आया था ! तो अब कि बार संभव हुआ है !
आज श्याम में स्थानीय साथियों(सबसे ज्यादा संख्या में प्रोफेसर, लेखक-कवि और ज्यादा से ज्यादा युवाओं के साथ ! शहिद भगत सिंह सभागार में आयोजित चर्चा सत्र जिसमें मुख्य रूप से गुजरात दंगों के बीस साल और कश्मीर के सवाल की असलीयत को लेकर मैंने दो घंटों से भी अधिक समय रोशनी डालने की कोशिश की ! जिसमें सबसे अहम मुद्दा नरेंद्र मोदी जैसे आदमी की राजनीतिक हैसियत गुजरात दंगों के कारण बनी हुई है ! यह भारत के संसदीय राजनीति का सबसे बड़ा पराजय है !
जो सौ साल पहले योरपीय देश इटली और जर्मनी में हो चुका है ! और 1931 के राऊंड टेबल कान्फ्रेंस के बाद संघ के संस्थापकों में से एक डॉक्टर बी जी मुंजे ने इटली के प्रवास के दौरान इटली की फासीस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ फिजीकल एज्युकेशन, फासीस्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एज्युकेशन जैसे फासिजमो के प्रशिक्षण देने वाली संस्थाओं का काफी नजदीक से अध्ययन किया ! और अंत में इटली के तानाशाह बेनिटो मुसोलीनी के साथ की गई मुलाकात में, प्रभावित होकर कहा” कि कुछ दिनों पहले ही हमने भी भारत में आप और जर्मनी के स्टाॅर्म स्टुपर्स की तर्ज पर आर एस एस की और भोसला मिलिटरी स्कूलों की स्थापना नागपुर तथा नासिक में भी की है ! ” 97 सालों के बाद संघ की एक लाख के आसपास शाखाओंके साथ सवा लाख से अधिक प्रचारक और दो करोड़ से अधिक स्वयंसेवकों अलावा सरस्वती शिशु मंदिर, वनवासी सेवा आश्रमों के साथ समरसता मंच, एबीवीपी, भारतीय मजदूर संघ तथा राष्ट्र सेविका समिती, बजरंग दल, श्रीराम सेना, हिंदु रक्षा वाहिनी जैसे हरावल दस्तों के अलावा जिवन के सभी क्षेत्रों में अपने संगठन बनाने की उनकी कवायद को देखते हुए राष्ट्र सेवा दल जैसे संघठन के लिए बहुत ही बड़ा चैलेंज है !
आज के दिन के लिए हमारे पचास साल पुराने मित्र श्री. शिवाजी कागणीकर के कार्य क्षेत्र में, जहां पर शिवाजी चलिस सालों से पानी से लेकर गोबर गैस तथा गडरिऐ और अन्य घुमंतू समाज के आजीविका को लेकर शेकडो गांवों में काम कर रहे हैं और वर्तमान में काम के गारंटी की योजना को अमली जामा पहनाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें इस तरह के काम करने को लेकर कर्नाटक सरकारने कुछ साल पहले राज्य का सब से बड़ा पुरस्कार से सम्मानित किया है ! तो आज शिवाजी के साथ ग्रामीण क्षेत्र में जाने का तय है ! जाकर आने के बाद मै अलग से विस्तार से लिखुंगा !
कल शाम को दिलिप कामथ नाम के पुराने मागोवा ग्रुप के मित्र मिलने आये थे ! और उन्होंने कर्नाटक की वर्तमान स्थिति के बारे में जो भी कुछ बताया ! वह हम सभी सेक्युलर साथियों के लिए विशेष रूप से चिंतित करने वाली जानकारी है ! संघ के लोग कर्नाटक में बहुत ही शिद्दत से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ जहरीला प्रचार प्रसार करने के लिए रात-दिन कोशिश कर रहे हैं !
2021 अंतिम महीनों में उन्होंने चर्चो के उपर लगातार हमले किये ! और अब हिंदु मंदिरों आसपास सदियों से मुसलमान अपनी दुकानों में पूजा अर्चना के सामान बेचने का काम करते आ रहे हैं ! और आयोध्या से लेकर बनारस जैसे विश्व प्रसिद्ध मंदिर के अगल-बगल में भी मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानों में सामान बेचना सदियों से प्रचलित है ! लेकिन कर्नाटक में बाकायदा हिंदुत्ववादीयो के तरफसे चलाए जा रहे अभियान में कर्नाटक के किसी भी मंदिर के पास मुस्लिम समुदाय के लोगों की दुकानें नहीं हो ! और है तो उन्हें जबरदस्ती से बंद करने की धमकी ! और इस तरह का प्रचार किया जा रहा है !
दुसरी बात कश्मीर फाईल्स सिनेमा को देखने – दिखाने की मुहिम के साथ सिनेमा देखने के बाद बाहर आने वाले प्रेक्षकों को माईक लगा कर सभाओं में सिर्फ सिनेमा देख कर घरों में जाने के बजाए बदला लेने के लिए बदला लो जैसे भड़काने के भाषण भी हो रहे हैं !
मेरी समझ से दक्षिणी राज्यों के अन्य क्षेत्रों में डीके आंदोलन या वामपंथी दलों या तेलगु देसम या तेलंगाना कांग्रेस जैसे सेक्युलर दलों के कारण संघ ने कर्नाटक से इस गढ के उपर कब्जा करने की साजिश ठानी हैं ! और वह रात – दिन इसी तरह के प्रचार-प्रसार में लगे हुए हैं ! यह राष्ट्र सेवा दल के जैसे इक्याशी साल पहले शुरूआत किया गया संगठन की नैतिक और मुल्यो की जिम्मेदारी है ! और राष्ट्र सेवा दल ने इस चैलेंज को स्वीकारते हुए अविलंब काम करने की आवश्यकता है अन्यथा आग लगने के बाद फायर बिग्रेड जैसा लिपापोति करने का क्या मतलब है ? मै गत बत्तीस साल पहले भागलपुर दंगे के बाद से लगातार इसी विषय पर काम कर रहा हूँ और अभी की मुहिम मेरे उसी कोशिश का पार्ट है ! तो राष्ट्र सेवा दल के वर्तमान पदाधिकारियों को मेरी विनम्र प्रर्थना है कि मेरे अनुभव और इस विषय पर कई विशेषता का कुछ उपयोग करना चाहिए तो मैंने संकल्प लिया है कि आज मैं 69 के उम्र के दौर से गुजर रहा हूँ ! आगे के मेरे जीवन का जो भी समय मेरे हाथ में है मै उसका पूरा के पूरा इस्तेमाल करने के लिए तैयार हूँ !