भोपाल।संवाददाता, जब आम जनता कोई अपराध करती है तो सरकार दनादन कार्यवाही करती है वही खनिज विभाग के दो राहु केतु नामक रेतासुरों पर आखिर क्यों मेहरबान है सरकार।जब बार बार शिकायत की गई इसके बाद भी दागी खनिज निरीक्षकों की पुनः पदस्थापना कर दी जाती है इएलिये ये शब्द लिखना पड़ रहा कि कुछ तो शर्म करो सरकार।
मामला ये है कि सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर द्वारा लगातार सरकार के हित में सरकारी खजाने के लुटरों की शिकायत वर्षो से की ज रही लेकिन उन पर कार्यवाही के बजाह उनको फिर लूटने तैनात कर दिया जाता है जिससे सरकार की छवि और आस्था आम जनता और पर्यवरण प्रेमी की कम हो रही।
हाल ही में भुवनेश्वर मिश्रा ने न्यायालय की शरण लेकर आरिफ खान खनिज निरीक्षक के मामले को शीघ्र जांच प्रतिवेदन हेतु आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो को आदेश करवाया।इसकी चर्चा आम थी इसके बाद भी आरिफ खान को देवास क खनिज निरीक्षक बना दिया।खनिज विभाग में बैठे दैत्य समान गुरु ऑस्टिन जो अपने राहु केतु को किसी न किसी प्रकार से रेत की लुटाई और सरकारी खजाने को खोखला करने के लिए जुगाड़ लगा ही लेता है ऑस्टिन ही वो जड़ है जिससे आरिफ और सोलंकी जैसे जहरीले फल पनपते रहते है।
भुवनेश्वर मिश्रा ने बताया कि जितेंद्र सोलंकी जो वर्तमान में उपसंचालक खनिज संचनालाय में पदस्थ है जब ये बैतूल में खनिज अधिकारी थे तो सरकारी खजाने में रुपये जमा न करके स्वयं की जेब भरी जिसपर कलेक्टर बैतूल ने पत्र क्रमांक 2005/7708/बैतूल के माध्यम से सरकार को स्पस्ट लिखा थ की जितेंद्र सोलंकी द्वारा आर्थिक अपराध किया गया थ।शिकायकर्ता हैरान है कि जितेंद्र सोलंकी और आरिफ खान की शिकायतें जो स्पस्ट प्रमाणों के साथ की गई जिसमें सरकार के ही अधिकारियों ने पत्राचार किया फिर भी आज तक कोई कार्यवाही नही हुई।अब भुवनेश्वर मिश्रा ने मुख्य सचिव और मुख्य मंत्री को पत्र लिखा कि आरिफ खान के ऊपर न्यायालय में परिवाद विचारणीय है।आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में जाँच लंबित है तो आरिफ खान को तत्काल देवास से हटाया जाए जिससे आम जनता के साथ साथ पर्यावरण प्रेमियों की नजर में सरकार की छवि बनी रहे।
इस मामले में कही न कही सरकार की छवि खराब होने का असर उपचुनावों पर पड़ेगा।
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