भोपाल। बीमारियां, परेशानियां, मुश्किलें और दिक्कतें हर दौर, हर युग, हर जमाने में आती रही हैं। दुनिया रहेगी, तब तक इनके आने-जाने का सिलसिला बना रहेगा। इन सबसे लड़ने और निजात पाने के लिए एक ही रास्ता है, इससे लड़ने के रास्ते पहचाने जाएं और इनका कड़ा मुकाबला किया जाए। कोविड भी एक इम्तेहान है, जिसे हमें जानकर, सम­झकर, इससे बचने के रास्तों पर अमल कर परास्त करना है और इस परीक्षा में उत्तीर्ण होना है। जागरुकता की कमी से किसी की जान न जाए और इलाज की जानकारी के बिना कोई किसी मुश्किल में न आए, इसके लिए सभी की जिम्मेदारी है कि वे उन लोगों तक वह बात पहुंचाएं, जिनसे महामारी के रास्ते मुश्किल हो सकें और हमारे शहर, प्रदेश, देश और दुनिया को बेहतर सेहतभरी जिंदगी मिल सके।
मौलाना आजाद एजुकेशनल टेक्निकल एण्ड वोकेशनल सोसायटी के अध्यक्ष प्रो. हलीम खान ने यह बात कही। उन्होंने शहर की पिछड़ी और तंग बस्तियों में जागरुकता का अध्याय शुरू किया। पुराने भोपाल की अल्पसंख्यक बस्तियों में पहुंचकर प्रशिक्षित टीम द्वारा लोगों को जागरुक किया गया और उन्हें कोविड से बचाव के तरीके बताए गए। 20 अगस्त से शुरू हुआ यह अभियान 14 सितंबर को पूरा हुआ।

यह दी गई ताकीद
जागरूकता अभियान के दौरान शहर में काम कर रहीं शिक्षा एवं सामाजिक समितियों के सहयोग से हर इलाके में जागरूकता कैम्प लगाए गए। इन कैम्पों में लोगों को सफाई रखने, हाथ धोने, संक्रमण से बचने आदि के विभिन्न तरीकों से अवगत कराया गया। लोगों में जागरूकता लाने के लिए उनके सामने सोसायटी के स्वयंसेवकों द्वारा हाथ धोने के तरीके संक्रमण के कारण और उनसे बचाव के लिए अपनाए जाने वाले तरीकों पर कार्यशालाएं आयोजित की गईं। अभियान के तहत अल्पसंख्यक बाहुल क्षेत्रों के करीब डेढ़ लाख लोगों से संपर्क कर जागरूक किया गया।

अगले चरण की तैयारी
अगले चरण में सोसायटी द्वारा सर्वे अभियान चलाया जाएगा, जिसमें इन इलाकों में कोविड के कारण होने वाले नुक्सान का आंकलन किया जाएगा। साथ ही बेरोजगार हुए लोगों का डाटा संग्रहित कर उनके लिए विशेष ट्रेनिंग प्रोग्राम्स चलाकर उन्हें पुन: रोजगार से लगाने का प्रयास किया जाएगा। इस काम में मदद के लिए अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय भारत सरकार के मंत्री और अधिकारियों से चर्चा कर विस्तृत कार्य योजना पर कार्य करने की योजना बनाई गई है। भोपाल के बाद इस अभियान को सोसायटी के साथ जुडेÞ करीब दो हजार मदरसों की मदद से पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। अभियान को गति देने वालों में मदरसा आधुनिक कल्याण संघ के सचिव सुहैब कुरैशी, मौलाना आजाद ऐज्युकेशनल टेक्निकल एण्ड वोकेशनल सोसायटी के सह सचिव शारिक खान एवं संस्था के सलाहकार मिहिर आनंद शामिल हैं।

यहां चलाया अभियान
इब्राहिमपुरा, बुधवारा, गिन्नौरी, तलैया, भोईपुरा चटाईपुरा, हाथीखाना, मंगलवारा, छावनी, इतवारा, पीजीव्हीटी कॉलेज, आरिफ नगर, भानपुर, छोला, काजीकैम्प, टीला जमालपुरा, पुतलीघर, शाहजहॉंनाबाद, कुम्हारपुरा, नूर महल, कोहेफिजा, साजिदा नगर, शहीद नगर, करबला, खानूगॉव, जहांगीराबाद, अहीरपुरा, जिंसी बडखेड़ी, मुकद्दस नगर, अफजल कॉलोनी, बाग फरहत अफजा, अशोका गार्डन, शहंशाह गार्डन, इकबाल कालोनी, सुदामानगर, चम्बल, सिकन्दरी सराय, नवीन नगर, चांदबड़, अहमद अली कॉलोनी, ऐशबाग, करोंद मुरली नगर, नबाब कॉलोनी आदि क्षेत्र।

इनका कहना है
अल्पसंख्यक समुदाय खासकर, जो सघन बस्तियों में निवास करते हैं, में जागरूकता की बहुत कमी है। इसी कमी को दूर करने के लिए विशेष अभियान शुरू किया गया है। लोगों को जागरुक करने के पीछे मकसद इस महामारी द्वारा मिली चुनौती से कड़ा मुकाबला करना है। सोसायटी अगले चरण में लोगों के रोजगार के लिए भी प्रयास करेगी।

प्रो. मोहम्मद हलीम खान,
मौलाना आजाद एजुकेशन टेक्निकल एंड वोकेशनल सोसायटी

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