मस्जिदों से होगा ऐलान, मुहल्ला कमेटियां देंगी समझाईश
भोपाल। गैर शरई और महंगी शादियों पर रोक लगाने को लेकर उलेमाओं ने अब अपनी कोशिशें तेज कर दी हैं। इसके लिए रविवार को उलेमाओं को जमा किया जाएगा। इस दौरान शहरभर के सभी निकाहख्वांह को भी समझाईश दी जाएगी। इसके बाद मुहल्ला कमेटियां बनाकर शादियों में गैर शरई तरीके और दहेज के लेनदेन आदि पर रोक लगाने की पहल की जाएगी। इन सभी बातों को लोगों तक पहुंचाने के लिए जुमा और बाकी नमाजों के दौरान बयान भी किए जाएंगे। इसकी शुरूआत इसी शुक्रवार से जुमा की नमाज के साथ कर दी जाएगी।
काजी-ए-शहर सैयद मुश्ताक अली नदवी ने पिछले दिनों ऐलान कर शादियों के दौरान डीजे, बैंड बाजे और आतिशबाजी के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाने की बात कही थी। इस दौरान यह भी कहा गया था कि ऐसी शादियां होने पर कोई भी निकाहख्वांह निकाह की कार्यवाही पूरी नहीं कराएगा। इसको लेकर शहरभर में इस बात की चर्चाएं हैं कि नियम बनाने के बाद भी लोग इसका पालन करेंगे, इसकी गारंटी नहीं है। वजह यह बताई जा रही है कि भोपाल में आमतौर पर निकाह मस्जिदों में होने और बाद में बड़ी दावतों और महंगे खर्च वाली शादियों को अंजाम दिया जाता है।
इन्हीं सवालों को लेकर शहर काजी सैयद मुश्ताक अली, नायब शहर काजी सैयद बाबर अली, शहर मुफ्ती अबूल कलाम, नायब मुफ्ती रईस अहमद कासमी, मुफ्ती जसीम दाद आदि ने लोगों को जागरुक करने के लिए एक योजना पर काम शुरू किया है। जिसके तहत तय किया गया है कि मंहगी शादियां रोकने, दहेज के लेनदेन पर पाबंदी लगाने, बड़ी दावतें, डीजे और आर्केस्ट्रा तथा आतिशबाजी के हालात को टालने के लिए शहरभर में मुहिम चलाई जाएगी। इसके लिए जुमा और बाकी नमाजों में मस्जिदों के ईमाम साहेबान द्वारा लोगों को जागरुक किया जाएगा।
इसके अलावा शहर के सभी क्षेत्रों में मुहल्ला कमेटियां गठित कर लोगों को परामर्श और सलाह देने के लिए तैयार किया जाएगा। शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी ने कहा कि जरूरत पडऩे पर शहर में इसके लिए बड़े जलसे भी किए जाएंगे। साथ ही जहां जरूरत होगी, वे और साथी उलेमा लोगों के घरों तक जाकर भी गैर शरई शादियां रोकने की अपील करेंगे। उन्होंने कहा कि निकाह इबादत है और इस इबादत में तरीका-ए-रसूल शामिल किया जाना चाहिए। बारात, दहेज, डीजे, महंगी शादी, आतिशबाजी के हालात रोक दिए जाएं और इस्लामी तरीके से शादियां की जाएं तो कोई भी व्यक्ति लड़की पैदा होने का अफसोस नहीं करेगा। उन्होंने लोगों से अपील की कि दहेज प्रथा खत्म कर लड़कियों को विरासत में हिस्सा देने पर अमल करें, तो यह शरई तरीका सबके लिए मुफीद भी होगा और कारगर भी।
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इंसानी जिस्म अल्लाह की अमानत : मुफ्ती कलाम
अहमदाबाद में खुदकुशी कर मीडिया चर्चा में आई आयशा को लेकर उलेमाओं का मानना है कि हालात कुछ भी हों, लेकिन खुदकुशी की इजाजत किसी तरह नहीं दी जा सकती। मुफ्ती अबूल कलाम ने कहा कि इंसानी जिस्म अल्लाह की अमानत है, उसको नुकसान पहुंचाने या खत्म करने का इख्तियार किसी को नहीं है। उन्होंने खुदकुशी को सख्त गुनाह बताते हुए कहा कि ऐसे व्यक्ति को कयामत के रोज उसी तरीके से अजाब दिया जाएगा, जिस तरीके से उसने खुदकुशी की है।
खान आशु