भोपाल। शांति और अमन का गहवारा कहलाने वाला हमारा प्रदेश इन दिनों बेचैन भी है, अस्त व्यस्त भी है। शांति के दुश्मनों ने किसी बड़ी साजिश के तहत एक मुहिम पर काम शुरू किया है। लेकिन देखने में ये आ रहा है कि साजिशों के पीछे छिपे चेहरों को प्रशासन के जिम्मेदार और सरकार उचित तरीके से चिन्हित नहीं कर पा रही है। नतीजा यह है कि दिशाहीन कार्यवाही बेकुसूर लोगों को निशाना बना रही है। जरूरत है कि सही, निष्पक्ष और बिना दबाव वाली कार्यवाही की जाए, ताकि असल गुनाहगार बेनकाब भी हों और उन्हें सजा भी मिले।
एमपी मुस्लिम नुमाइंदा कमेटी ने पुलिस महानिदेशक से ये बात कही। कमेटी का एक प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को डीजीपी से मुलाकात के लिए पहुंचा था। इस दौरान सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया कि इंदौर में चूड़ी वाली घटना में पुलिस ने कार्यवाही में जल्दबाजी की है, उचित तथ्यों को जुटाए बिना निर्णय ले लिया गया है और मामले के फरियादी और उसके पक्ष में खड़े हुए लोगों पर मुकदमे लाद दिए गए हैं।
प्रतिनिधि मंडल में मुस्लिम नुमाइंदा कमेटी के शकील अंसारी, मुस्लिम विकास परिषद के मोहम्मद माहिर, को ऑर्डिनेशन कमेटी के मसूद अहमद, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया के विजय कुमार, आशिकान ए रसूल अहले सुन्नत वल जमात के तौकीर निजामी, मप्र मुस्लिम महासभा के मुनव्वर अली खान आदि शामिल थे। प्रतिनिधि मंडल ने डीजीपी से निवेदन किया है कि माब लिंचिंग का शिकार हुए तस्लीम और उसको न्याय दिलाने के लिए आगे आए जैद पठान, डॉ मुमताज कुरैशी, अब्दुल रउफ बैलिम आदि पर लगाए गए मुकदमे वापस लिए जाएं। साथ ही माब लांचिंग के आरोपियों के खिलाफ रासुका की कार्यवाही की जाए।