समाजसेवी एना हजारे ने एक बार फिर से अनशन का रास्ता चुना है और अब वो रामलीला मैदान में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहे हैं. अन्ना हजारे की प्रमुख मांग लोकपाल बिल को पास करवाना है, लेकिन इसके साथ उनकी 6 अन्य मांगे भी हैं जिन्हें पूरा करवाने के लिए उन्होंने एक बाद फिर से अनशन का रास्ता चुन लिया है. अन्ना में न्ना से हड़ताल से पहले कहा कि, ‘मैंने सरकार को 42 बार पत्र लिखा. मगर सरकार ने नहीं सुनी. अंत में मुझे अनशन पर बैठना पड़ा.’
इन मांगों के लिए भूख हड़ताल कर रहे हैं
1. किसानों के कृषि उपज की लागत के आधार पर डेढ़ गुना ज्यादा दाम मिले.
2. खेती पर निर्भर 60 साल से ऊपर उम्र वाले किसानों को प्रतिमाह 5 हजार रुपए पेंशन.
3. कृषि मूल्य आयोग को संवैधानिक दर्जा तथा सम्पूर्ण स्वायत्तता मिले.
4. लोकपाल विधेयक पारित हो और लोकपाल कानून तुरंत लागू किया जाए.
5. लोकपाल कानून को कमजोर करने वाली धारा 44 और धारा 63 का संशोधन तुरंत रद्द हो.
6. हर राज्य में सक्षम लोकायुक्त की नियुक्त किया जाए.
7. चुनाव सुधार के लिए सही निर्णय लिया जाए.
अन्ना हजारे ने अनशन की शुरुआत से पहले केंद्र सरकार को संबोधित करते हुए कहा- ‘प्रदर्शनकारियों को दिल्ली लेकर आ रही ट्रेन आपने कैंसिल कर दी. आप उन्हें हिंसा की ओर धकेलना चाहते हैं. मेरे लिए भी पुलिस बल तैनात कर दिया गया. मैं कई पत्र लिखे और कहा था कि मुझे सुरक्षा नहीं चाहिए. आपकी सुरक्षा मुझे बचा नहीं सकती. सरकार का धूर्त रवैया सही नहीं है.’
सांसदों की सैलरी बढ़ाने पर अन्ना हजारे ने कहा, उनकी सैलरी क्यों बढ़नी चाहिए? वो जनसेवक हैं. वो संसद में काम भी नहीं करते. संसद की कार्यवाही में केवल व्यवधान पैदा करते हैं. मैं भी सरकारी कर्मचारी रहा हूं, लेकिन कभी किसी सुविधा की मांग नहीं की. क्योंकि मैं लोगों की सेवा कर रहा था. ये सैलरी का पैसा किसानों को मिलना चाहिए.
Read Also: अरविन्द केजरीवाल का दावा हर साल देंगे 25,000 नौकरियां
बता दें, अन्ना हजारे लोकपाल विधेयक को पारित कराने की मांग लंगे समय से करते रहे हैं. इसको लेकर उन्होंने 2011 में रामलीला मैदान में ही भूख हड़ताल भी की थी. इस दौरान उनके साथ अरविंद केजरीवाल, किरण बेदी, कुमार विश्वास और मनीष सिसोदिया जैसे साथी थे. हालांकि अभ तब इनके इस अनशन में शामिल होने की सूचना नहीं है. अन्ना कहना है कि इस बार का अनशन 2011 से भी बड़ा होगा.