केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार का का निधन रविवार देर रात करीब डेढ़ बजे हो गया है. बता दें कि वे कैंसर से पीड़ित थे. 59 साल के अनंत कुमार का पहले लंदन और न्यूयॉर्क में इलाज चला और 20 अक्टूबर को ही उन्हें बेंगलुरू लाकर एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत तमाम बड़े नेताओं ने उनके निधन पर दुख व्यक्त किया है और कर्नाटक में अनंत कुमार के निधन पर तीन दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है.

अनंत कुमार दक्षिण से लेकर उत्तर तक भाजपा के कद्दावर नेता के रूप में जाने जाते थे. वे यूपी, बिहार समेत तमाम राज्यों की राजनीति में सक्रिय थे. भाजपा में फ्लोर मैनेजमेंट के माहिर माने जाते थे. उन्होंने पीएम मोदी के चुनाव प्रचार में भी काफी अहम भूमिका निभाई थी.

अनंत ने अपना सियासी सफर 80 के दशक में शुरू किया था. उस वक्त भाजपा का गठन ही हुआ था उन्होंने कर्नाटक में बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ा और कांग्रेस के उम्मीदवार को पटखनी दी. अनंत को लालकृष्ण आडवाणी के करीबियों में गिना जाता था.

सबसे युवा मंत्री का होने का गौरव मिला था 
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीएस येद्दुरप्पा के साथ उन्हें राज्य में भाजपा के विकास के लिए उनकी प्रमुख भूमिका मानी जाती है. 1998 में अटल बिहारी वाजपेयी की कैबिनेट में उन्होंने सबसे युवा मंत्री होने का कीर्तिमान बनाया था. अनंत कुमार अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में नागरिक उड्डयन मंत्री भी रहे. बाद में वह टूरिजम, स्पोर्ट्स, कल्चर, शहरी विकास मंत्री भी बने. साल 2014 में उन्होंने कांग्रेस के उम्मीदवार नंदन निलेकणी से कड़ी चुनौती मिली थी लेकिन अनंत कुमार अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे और 2 लाख से ज्यादा वोटों के अंतर से जीत हासिल की.

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