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पाकिस्तान कभी भी तालिबान को खत्म करना नहीं चाहता है. भारत के खिलाफ तालिबान को इस्तेमाल करना ही उसकी रणनीति है. यह बात पाकिस्तान-अफगानिस्तान मामलों के अमेरिका के पूर्व स्पेशल रिप्रेजेंटेटिव रिचर्ड ओल्सन ने कही. वे मंगलवार को स्टिम्सन इंस्टीट्यूट में बोल रहे थे. उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि हमें यह हकीकत मान लेनी चाहिए कि पाकिस्तान तालिबान को मदद जारी रखने वाला है. हमें इसके लिए जो भी बेहतर हो सकता है, करना चाहिए.

अमेरिका को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि यह सीधे तौर पर भारत से जुड़ा मामला है. पाकिस्तान को लेकर अमेरिका की कोई भी फॉरेन पॉलिसी इसे ध्यान में रखकर ही तय होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान तालिबान को अपने खास मददगार के तौर पर देखता है.

हालांकि, मुझे नहीं लगता कि अमेरिका अपनी स्ट्रैटजी में इसे लेकर कोई बदलाव करेगा. उन्होंने कहा, अमेरिका के भारी दबाव के बावजूद पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के खिलाफ तालिबान के इस्तेमाल की अपनी पॉलिसी में बदलाव नहीं किया है. पाकिस्तान को उम्मीद है कि तालिबान को एक दिन भारत के खिलाफ युद्ध में खड़ा किया जा सकता है. इसलिए वह अमेरिकी सहायता तो लेते रहेगा, लेकिन दिल से कभी यह नहीं चाहेगा कि तालिबान का अफगानिस्तान से खात्मा हो.

पाकिस्तान तालिबान को भारत के खिलाफ उतारकर और उसकी मदद कर भारत को लंबे समय तक परेशान कर सकता है.  ओल्सन ने ट्रम्प सरकार को कश्मीर मसले को लेकर पाकिस्तान और भारत के बीच बातचीत या मध्यस्थ नहीं बनने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच का मामला है, जिसे आपस में ही दोनों को सुलझाना चाहिए.

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