114 दिन की सत्ता संभालने के बाद तीरथ सिंह रावत की विदाई के साथ उत्तराखंड में नए मुख्यमंत्री के चेहरे को लेकर सरगर्मी तेज हो गई है। इस बार मुख्यमंत्री पद पर किसने नाम की लॉटरी लगेगी। सियासी गलियारों में सत्ता से जुड़े कई नेताओं के नाम मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में हैं। विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा किसके नाम पर दांव खेलेगी। पार्टी हाईकमान का यह फैसला चौकाने वाला हो सकता है। प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले भाजपा के लिए नए मुख्यमंत्री की ताजपोशी करना चौकाने वाला फैसला हो सकता है।
पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती है कि आगामी विधानसभा चुनाव को देखते हुए ऐसे चेहरे को लाना है, जिसके नाम पर चुनाव लड़ा जा सकता है। साथ ही गढ़वाल और कुमाऊं के बीच जातीय और क्षेत्र संतुलन को भी बनाना है। सियासी गलियारों में नए मुख्यमंत्री के रूप में सिटिंग विधायक पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत, कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धन सिंह रावत, पुष्कर सिंह धामी व बिशन सिंह चुफाल के नाम की चर्चा है।
शुक्रवार को दिन भर से कयास लगाए जा रहे थे कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत इस्तीफा दे सकते हैं। देर शाम इसकी पुष्टि हो गई। उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात के लिए समय मांगा था. गौरतलब है कि दिल्ली में डेरा जमाए रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के इस्तीफे की अटकलें उस समय जोर पकड़ने लगी थीं जब उन्होंने शुक्रवार को बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के घर जाकर मुलाक़ात की थी। बीते तीन दिनों में दोनों नेताओं की यह दूसरी मुलाक़ात थी। इस मुलाकात के बाद यह चर्चा होने लगी कि कहीं यह उत्तराखंड में फिर से सत्ता परिवर्तन की आहट तो नहीं है?
तीरथ सिंह रावत तीन दिन से दिल्ली में थे। हालांकि जिस दिन वह आए उसी रात उनकी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाक़ात हो गई थी। अगले दिन उन्हें देहरादून वापस जाना था। लेकिन अचानक वापसी का कार्यक्रम टल गया जिसके बाद से उनको बदले जाने की चर्चाओं ने तेजी पकड़ ली।