दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के छात्र संघ अध्यक्ष अंकित बैसोया की मुश्किलें बृहस्पतिवार को और बढ़ गई. तिरुवल्लुवर विवि के रजिस्ट्रार ने पत्र जारी कर कहा है कि वहां पर अंकिव ने कभी दाखिला नहीं लिया और उनका प्रमाणपत्र नकली है. तीन अक्टूबर को तमिलनाडु सरकार के उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को भेजे पत्र में रजिस्ट्रार वी. पेरुवल्लुथी ने कहा है, अंकिव ने हमारे विश्वविद्यालय में नामांकन नहीं लिया है. वह विवि या इससे संबद्ध कॉलेजों में भी कभी छात्र नहीं रहे हैं. परीक्षा नियंत्रक ने भी एक पत्र जारी किया है कि सत्यापन में प्रमाण पत्र वास्तविक नहीं पाया गया है.

एनएसयूआइ ने कहा आरोप सही पाए गए

वहीं, नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआइ) ने एक बार फिर दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) अध्यक्ष अंकिव बैसोया की डिग्री को फर्जी बताया है. एनएसयूआइ ने बृहस्पतिवार को पत्र साझा किया कि बैसोया ने बीए की जिस डिग्री के जरिये डीयू के बुद्धिस्ट विभाग में दाखिला लिया है, उसे थिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार ने फर्जी करार दिया है. इस मामले में डीयू के बुद्धिस्ट विभाग के प्रमुख प्रो. केटीएस सराओ ने कहा है कि हमारी तरफ से जांच की जा रही है. हमारे पास थिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय से कोई जवाब नहीं आया है. एनएसयूआइ के आरोप गलत हैं.

भ्रमित किए जाने का हो रहा प्रयास

उधर, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने कहा है कि इस मामले में भ्रमित करने की कोशिश की जा रही है. एबीवीपी की राष्ट्रीय मीडिया संयोजक मोनिका चौधरी ने कहा है कि अंकिव मामले में डीयू प्रशासन की तरफ से जांच की जा रही है. जब तक जांच पूरी नहीं की जाती है, किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता है. बता दें कि इस मामले में अंतिम फैसला डीयू प्रशासन ही करेगा.

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