भोपाल। अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए बनी संस्थाओं का काम सुचारू रूप से संचालित हो और इसके गठन की मंशा पूरी होने के साथ यहां से लोगों को मुनासिब फायदा पहुंचे, इस बात के प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश की मुस्लिम संस्थाओं में ओहदेदारों की नियुक्तियों पर जल्दी ही निर्णय लिया जाएगा। मप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग, मप्र वक्फ बोर्ड, प्रदेश हज कमेटी समेत अन्य संस्थाओं के गठन के प्रयास तेज कर दिए गए हैं, जिसके परिणाम जल्दी ही सामने आएंगे।

अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल ने कहा कि मप्र वक्फ बोर्ड एक बड़ी संस्था है और इसके पास मौजूद मिल्कियत से कई बड़ी योजनाओं को आकार दिया जा सकता है। उन्होंने कहा कि समाज के बुद्धिजीवी और मजहबी ज्ञान रखने वाले लोगों से इसके लिए परामर्श किया जा रहा है और इससे हो सकने वाले विकास तथा भलाई के कामों की रूपरेखा बनाई जा रही है। उन्होंने कहा कि बोर्ड के गठन की प्रक्रिया जल्दी ही शुरू हो जाएगी, जिसके बाद यहां का काम सुचारू रूप से होने लगेगा। उन्होंने कहा कि फिलहाल वैकल्पि व्यवस्था के रास्ते भी खोजे जा रहे हैं।
ईमाम-मुअज्जिन को दिया रुका वेतन

मंत्री पटेल ने बताया कि पिछले चार महीनों से रुका हुआ ईमाम-मुअज्जिन का वेतन गुरूवार को जारी कर दिया गया है। मसाजिद कमेटी से संबद्ध करीब पांच सौ से ज्यादा ईमाम-मुअज्जिन को इससे राहत मिली है। उन्होंने बताया कि दारुल कजा-इफ्ता के चंद लोगों की तंख्वाह कुछ तकनीकी कारणों से अभी रुकी हुई है, इसको भी जल्दी ही जारी कर दिया जाएगा। बचे हुए लोगों के वेतन के जारी करने की गुजारिश मसाजिद कमेटी के प्रभारी सचिव यासिर अराफात मंत्री के पास पहुंचे थे। इस दौरान मंत्री पटेल ने मसाजिद कमेटी में असंवैधानिक तरीके से जमे रहे लोगों के खिलाफ जांच के आदेश भी दिए हैं। उन्होंने कहा कि कमेटी के अपदस्थ पदाधिकारियों ने बिना अधिकार जो वेतन आहरित किया है, उसकी वसूली इन लोगों से की जाएगी।

पिछले लोग रोक रहे नए लोगों का रास्ता
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री पटेल ने कहा कि प्रदेश की मुस्लिम संस्थाओं में सरकारों और शासन के लोगों की कुछ ढ़िलाई रही है, जिसका नतीजा यहां फैली अराजकता के रूप में दिखाई दे रहा है। हालात यह हो गए हैं कि अब यहां अच्छे अधिकारी काम करने को राजी नहीं हो रहे हैं। प्रदेश के अधिकांश मुस्लिम इदारों में प्रभारी अधिकारियों से काम करवाना पड़ रहा है। जिससे यहां के कामों को मुनासिब गति नहीं मिल पा रही है। मंत्री पटेल ने कहा कि इन सभी संस्थाओं में जल्दी ही स्थाई अधिकारियों की नियुक्ति की जाएगी।

बनेगी एक मॉनिटरिंग कमेटी
अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ने कहा कि अलग-अलग मंत्रालयों के अधीन काम करने वाली मुस्लिम संस्थाओं की एकमुश्त समीक्षा के लिए एक मॉनिटरिंग कमेटी का गठन किया जाएगा। समाज के बुद्धिजीवी और स्वच्छ छवि वाली इस गैर राजनीतिक कमेटी के जरिये सभी मुस्लिम संस्थाओं की निगरानी रखना होगा। यह सभी विभागों की समीक्षा कमेटी सीधे मंत्री को रिपोर्ट करेगी। उन्होंने कहा कि इस कमेटी के गठन से अल्पसंख्यक कल्याण मंत्रालय को सुविधा भी होगी और इन संस्थाओं पर निगरानी बनी रहने से यहां के कामकाज में सुधार भी होगा।

खान अशु

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