नई दिल्ली: योगी राज में उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पतालों की हालत लगातार खराब होती जा रही है. सरकार की ये लापरवाही अब एक बड़ा मुद्दा बन गयी है. आपको बता दें कि कुछ दिन पहले गोरखपुर बीआरडी अस्पताल में अभी बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है और अब फर्रुखाबाद के राममनोहर लोहिया अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 49 बच्चों की मौत हो गयी है।

जिला प्रशासन ने मामले के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि प्रशासन लगातार ऑक्सीजन या दवा की कमी की बात से इंकार कर रहा है। एक महीने के भीतर 49 बच्चों की मौत हो गई। 20 जुलाई से लेकर 21 अगस्त तक 49 बच्चों की मौत का आंकड़ा सामने आया था, जिसमें से 19 बच्चों की मौत प्रसव के दौरान और 30 बच्चों की मौत न्यू बोर्न केयर यूनिट में इलाज के दौरान हुई थी। सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दी गई है।

शहर कोतवाली में दर्ज कराए गए मुकदमे में सिटी मजिस्ट्रेट जयनेंद्र कुमार जैन ने कहा है कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने प्रशासनिक अधिकारियों आदेशों की अवहेलना की। लोहिया संयुक्त चिकित्सालय में 23 मई से 14 अगस्त व पूर्व में निरीक्षण के दौरान एसएनसीयू वार्ड में मरने वाले बच्चों की सूचना मांगी गयी थी लेकिन इन अधिकारियों ने नहीं दी।

इसके बाद 30 अगस्त को जिलाधिकारी ने एक माह में हुई 49 बच्चों की मौत की जांच के लिए मुख्य चिकित्सा अधिकारी व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में टीम गठित की। इसके बाद भी दोनों अधिकारियों ने आदेश का अनुपालन नहीं किया, उन्होंने मरने वाले मात्र 30 बच्चों की सूची संलग्न की और बताया कि अधिकांश बच्चों की मौत पेरीनेटल एस्फिक्सिया (आक्सीजन की कमी) से हुई है।

सिटी मजिस्ट्रेट ने एफआईआर में यह भी कहा है कि जांच अधिकारी को मृत बच्चों की मां व परिजनों से बात की तो इन लोगों ने बताया कि डाक्टर ने आक्सीजन की नली नहीं लगाई (आक्सीजन नहींदी) और कोई दवा नहीं दी। इससे स्पष्ट है कि अधिकतर शिशुओं की मृत्यु पर्याप्त मात्रा में आक्सीजन न मिलने के कारण हुई। उन्होंने यह भी कहा है कि डॉक्टरों को यह ज्ञान होना चाहिए कि आक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति न होने पर बच्चों की मौत हो सकी है, यहां भी लापरवाही बरती गयी है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here