3-year-jail-term-for-triple-talaq-in-draft-law

तीन तलाक के मुद्दे पर काफी लम्बे समय तक रस्साकशी चल चुकी है. कुछ लोग जहाँ इसके समर्थन में थे तो वहीँ कुछ ने इसे गलत ठहराया था लेकिन अब अब प्रस्तावित एक कानून के मसौदे में कहा गया है कि एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल की जेल की सजा हो सकती है. जानकारी के मुताबिक़ ‘मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक’ शुक्रवार को राज्य सरकारों के पास उनकी राय जानने के लिए भेजा गया. उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों से मसौदे पर तुरंत प्रतिक्रिया देने को कहा गया है.

अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सरकार का मानना था कि यह परंपरा बंद हो जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और ये लगातार जारी रहा लेकिन अब सज़ा के प्रावधान के बाद तीन तलाक के मामलों में कमी आ जाएगी ऐसा माना जा रहा है. बता दें कि तीन तलाक की वजह से सैकड़ों महिलाओं की जिंदगी बर्बाद हो चुकी है ऐसे में अब अब ऐसा माना जा रहा है कि लोग तीन तलाक जैसी कुरीति को इस समाज से बाहर कर देंगे.

यह मसौदा गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाले एक अंतर-मंत्री समूह ने तैयार किया है. इस में अन्य सदस्य विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद और विधि राज्यमंत्री पीपी चौधरी थे.

प्रस्तावित कानून एक बार में तीन तलाक या ‘तलाक ए बिद्दत’ पर लागू होगा और यह पीड़िता को अपने तथा नाबालिग बच्चों के लिए गुजारा भत्ता मांगने के लिए मजिस्ट्रेट से गुहार लगाने की शक्ति देगा.

Read More on National News: तमिलनाडु में चक्रवाती तूफ़ान ‘ओखी’ का कहर, 5 लोगों की मौत 22 लापता

इसके तहत पीड़ित महिला मजिस्ट्रेट से नाबालिग बच्चों के संरक्षण का भी अनुरोध कर सकती है और मजिस्ट्रेट इस मुद्दे पर अंतिम फैसला करेंगे.

मसौदा कानून के तहत, किसी भी तरह का तीन तलाक (बोलकर, लिखकर या ईमेल, एसएमएस और व्हाट्सएप जैसे इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से) गैरकानूनी होगा.

मसौदा कानून के अनुसार, एक बार में तीन तलाक गैरकानूनी और शून्य होगा और ऐसा करने वाले पति को तीन साल के कारावास की सजा हो सकती है. यह गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध होगा.
प्रस्तावित कानून जम्मू-कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में लागू होना है.

Adv from Sponsors

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here