जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले का असर लोकसभा चुनावों में देखा जा रहा है.पुलवामा हमले को लेकर बीजेपी भले ही बैकफुट पर हो. लेकिन पार्टी की चुनावी तैयारियों में इसकी झलक साफ़ नज़र आ रही है. दरअसल बीजेपी ने पार्टी से टिकट चाहने वालों के आवेदन पत्र में व्यापक बदलाव किये हैं. इस बार बीजेपी ने कैंडिडेट से उनके द्वारा 5 सालों में किये गए कामों के अलावा उनकी अवेयरनेस और सॉफ्ट स्किल्स की जाँच का फैसला लिया है.
यही नहीं इसके साथ ही पार्टी ने कैंडिडेट से उनके क्षेत्र के शहीदों के नाम भी पूछे हैं. बताया जा रहा है कि बीजेपी की राष्ट्रीय चुनाव समिति की तीन-चार बैठकों के बाद लोकसभा चुनाव के प्रत्याशियों के नामों का ऐलान किया जाएगा.
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक बीजेपी सांसदों से उनके प्रतिद्वंद्वियों को लेकर भी सवाल पूछे गए है.साथ ही सांसदों से जातिगत समीकरण, क्षेत्र के विधायकों और स्थानीय मुद्दों की जानकारी मांगी गई है.वहीं जिन राज्यों में बीजेपी की सरकार हैं वहां उम्मीदवारों से केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों की जनकल्याणकारी योनजाओं के बारे में भी पूछा गया है. इसके साथ ही पार्टी के कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति की तारीख, जगह और कार्यक्रम सहित तमाम जानकारियां मांगी गई है.
भारतीय जनता पार्टी के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि पार्टी के ज्यादातर कार्यक्रमों में हमेशा स्वतंत्रता सेनानियों का सम्मान सुनिश्चित किया जाता रहा है. शहीदों की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण किया जाता रहा है. शहीदों का सम्मान भी इसी कड़ी का हिस्सा है.
गौरतलब है कि विपक्ष सहित तमाम सियासी दल बीजेपी पर पुलवामा में हुए आतंकी हमले और इंडियन एयर फ़ोर्स द्वारा पाकिस्तान में जैश के ट्रेनिंग कैंप पर की गई एयर स्ट्राइक का राजनीतिक फ़ायदा लेने का आरोप लगाते रहें हैं.