मेरे पचाससेभी अधिक साल पहले के मित्र, और कांग्रेस के नेता हुसैन दलवाई का आऊटलूक अंग्रेजी पत्रिका में इंटरव्यू पढने के बाद, लगा कि आज कांग्रेस पार्टी का ऑपरेशन किया जाए ! हालाँकि मेरे अन्य कांग्रेसी नेताओं के जो अन्य मित्र है उन्हें बहुत ही नागवार लगेगा ! लेकिन हमारे आदर्श है, संत कबीर दास जी तो उनकी तरह से सच्चाई को बोलने और लिखने का प्रयास कर रहा हूँ !
1885 के 28 दिसंबर के दिन कांग्रेस पार्टी की स्थापना हूई है ! जिसे इस 28 दिसंबर के दिन कांग्रेस 138 साल पुरे हो रहे हैं ! और देश की सबसे बुजुर्ग पार्टी भी है ! जहातक मुझे याद आ रहा है कि कांग्रेस के पहले भारत में कोई भी राजनीतिक दल नहीं था ! जो भी कुछ था समाज सुधार के लिए बनाये गये विभिन्न प्रकार के छोटे-छोटे संघ या समितियां गठित की गई थी !
वर्तमान भारत का सत्ताधारी दल बीजेपी शायद सबसे तरूण पार्टी कहीं जा सकती ! (1982 ) यानी कुल उम्र 41 साल ! उसके पहले जनसंघ 1951 मे बना था और 1977 मे जनता पार्टी मे विसर्जित हो गया था ! जिसे जनता पार्टी दोहरी सदस्यता को लेकर टूट गई थी ! और पुराने जनसंघ के लोगों ने 1982 मे भारतीय जनता पार्टी के नामसे अलग पार्टी की स्थापना की है ! इसलिए वह अब सबसे तरूण पार्टी कहीं जा सकती है !
कांग्रेस पार्टी के बाद कम्युनिस्ट पार्टी 1925 यानी संघ के स्थापना का साल ! और फिर सोशलिस्ट पार्टी 1933 ! इसलिए कांग्रेस सबसे बूढ़े दल के रूप में गिना जाता है ! और बुढापा में जिसे अंग्रेजी मे एजिंग कहा जाता है !
और एजिंग मे जैसे नई पेशियाँ बनना बंद हो जाता है ! और यही कारण है कि चेहरे पर झुर्रियों से लेकर शरीर के अन्य अवयवों में व्यंग्य आने लगते हैं ! वैसे ही कांग्रेस पार्टी की भी स्थिति आज लगभग बन गई है !
हालाँकि कांग्रेस पार्टी की कुछ बुराईयां जन्मना भी है ! उदाहरण के लिए जाती और धार्मिक और वैयक्तिक मिल्कियत जैसे विषयों पर शुरुआत से ही गफलत चली आ रही है ! और उसके पीछे शुद्ध रूप से सवर्ण समाज से आई हूई लीडरशिप है ! शुरू मे आर्य समाज के लाला लाजपत राय, हिंदू महासभा के संस्थापक मदनमोहन मालवीय से लेकर वर्तमान समय में तो अनगिनत लोग गिने जा सकते हैं ! आपातकाल में राज्य सभा में नाना साहब गोरे के एक भाषण जो सेंसरशिप के कारण बाहर नहीं आ सका था ! लेकिन हम लोगों ने सायक्लोस्टाईल करके वितरण किया है ! उसमें उन्होंने संघ को बैन करने को लेकर बहुत महत्वपूर्ण टिप्पणी की थी “कि इंदिराजी आप संघ को बैन लगाकर क्या हासिल करना चाहती हो ? संघ तो कांग्रेस पार्टी के अंदर मौजूद है ! कमला पती त्रिपाठी, और उमा शंकर दिक्षित से लेकर ट्रेजरी बेंचेसकी तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि, मैडम इंदिरा गाँधी जी आपकी आपनी पार्टी संघी मानसिकता के लोगों से भरी हुई है ! और उनका तो कुछ भी बंदोबस्त नहीं करते हुए संघ को बैन करने से क्या हासिल होगा ?और यह तत्व कांग्रेस के भीतर शुरू से ही मौजूद है ! ”
इसलिए 1925 तक संघ परिवार के लोगों को अलग संघटन की जरूरत नहीं महसूस हो रही थी ! लेकिन 1915 मे महात्मा गाँधी जी के भारत में आने के बाद कांग्रेस के 1920 के नागपूरके अधिवेशन में, अस्पृश्यता विरोधी प्रथम बार प्रस्ताव महात्मा गाँधी के कारण ही पारीत हुआ है ! जिसे इस साल 103 साल पूरे हो रहे हैं ! और और ऊँची जाति के, और विशेष रूप से एलीट क्लास के अलावा, अन्य सभी लोगों और महिलाओं को कांग्रेस के भीतर प्रवेश करने का एतिहासिक श्रेय गाँधी जी के खाते में जाता है ! और डॉ. हेडगेवार, डॉ. बी. जी. मुंजे के कान खड़े हो गये थे !
और एक अगस्त 1920 को तिलक की मौत के बाद तो उन्हें लगा कि अब कांग्रेस पार्टी के अंदर मौजूद रहने का कोई फायदा नहीं है ! और इसिलिए दशहरे के दिन नागपुर में 1925 के दिन संघ की स्थापना की गई है !
महात्मा गाँधी के रहते हुए, कांग्रेस पार्टी के अंदर मौजूद हिंदुत्ववादी ताकतें अंदर मौजूद रहने के बावजूद, संघ परिवार के साथ भी अपने संबंध बनाने की कोई कसर नहीं छोड़ी है ! मदन मोहन मालवीय ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के समय ही ! संघ को दो एकड़ जमीन विश्वविद्यालय के अंदर देने का काम किया है ! और श्री. माधव सदाशिव गोलवलकर जिन्हें गुरूजी के नाम से ज्यादा जाना जाता है ! संघ प्रमुख बनने के पहले वह बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में पढाने के काममे थे ! और शायद इसीलिए उन्हें गुरूजी के नाम से जाना जाने लगा है !
और मदनमोहन मालवीय जीने संघ, हिंदू महासभा के लिए विशेष रूप से मदद की है ! और यही कारण है कि कांग्रेस के भीतर शुरू से ही हिंदुत्ववादी ताकतें अंदर मौजूद रहने का कारण है ! और जवाहरलाल नेहरु ,मौलाना आजाद और महात्मा गाँधी जी के अलावा सही सेक्युलर नाम दुसरा याद नहीं आ रहा है !
कांग्रेस के भीतर सांप्रदायिकता का जहर शुरू से ही मौजूद है ! हा नेहरू के कारण वह मौन रहे हैं ! लेकिन उनके जीवन में ही पंडित गोविन्द वल्लभ पंत जैसे लोग, नेहरूजी के रहते हुए अपनी मनमानी करने से बाज नहीं आते थे ! बाबरी मस्जिद के भीतर, आधी रात को 22-23 दिसंबर के दिन, केंद्रक में और उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी की सरकार रहते हुए ! 1949 के दिन राम लला की मूर्ति रखने का काम हुआ है ! और उसके सिलसिले में, पंडित जवाहरलाल नेहरू ने पंडित गोविन्द वल्लभ पंत जो उस समय उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे ! कई पत्र लिखे ! लेकिन पंत जी ने कोई कारवाई नहीं कि है ! बिल्कुल वही बात 6 दिसंबर 1992 को नरसिंहा राव साहब ने प्रधानमंत्री रहते हुए किया है ! कुलदीप नैयर साहब ने , अपने किताब मे नरसिंह राव कैसे 6 दिसंबर के दिन भर तथाकथित पूजा करने के नाटक में, प्रधानमंत्री मंत्री आवासमे व्यस्त रहने की झूठी बात थी ! आई बी, सी. बी. आई. बराबर उन्हे मिनट-मिनट की खबर बता रहे थे ! लेकिन नरसिंह राव खुद चाहते थे ! कि “बाबरी मस्जिद ध्वंस्त हो जाय !” और उनके ही सहयोगी मणी शंकर अय्यर ने फ्रंटलाइन पत्रिका में, नरसिंह राव के किताब कैसै झूठ का पुलिंदा है ! यह बात उस किताब के समीक्षा करते हुए विस्तार से लीखि है !
और यही कारण है, कि के. सुदर्शन जैसे बडबोले संघ प्रमुख खुद यह सब कुछ बोला है ! कि “हमारे अपने सभी दल है ! और मुख्यतः कांग्रेस पार्टी की विशेष रूप से ! और उसमें भी श्रीमती इंदिरा गाँधी जी को तो साक्षात मा दुर्गा की उपमा दी है !”
कांग्रेस पार्टी एक होल्डाल जैसी ही पार्टी है ! जिसके अंदर हर तरह के लोग भरे हुए हैं ! और सबसे ज्यादा प्रभावित वही करते हैं ! यह मै अपने खुद के अपने अनुभव से लीख रहा हूँ !
मैंने नांदेड 6 अप्रैल और मालेगाँव विस्फोट 8 सितम्बर 2006 और 29 सितम्बर 2008 के दिन के दोनों विस्फोट की जाँच की है ! तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नागपूरके मुख्यालय के तथाकथित फिदाइन हमला 1 जून 2006 के दिन के भी घटना की जाँच करने के बाद मुझे दिल्ली में कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता जिनका कल कोरोनाके कारण मृत्यु हो गया है ! और हमारे संस्कृति में मरने वाले के बारे में बुरी बात बोलना लिखना मना है! लेकिन मैंने पहले ही लीखा है कि मेरे आदर्श संत कबीर दास जी है ! तो मृतात्मा को श्रद्धांजलि देने के पस्चात मै यह पोस्ट लिख रहा हूँ ! तो दिल्ली के कुछ मित्रों ने मुझे बगैर बताये एक लूटन्स दिल्ली के बंगले पर लेकर गये थे ! और बंगले के बाहर गेट पर नाम देखते हुए मैंने कहा कि मुझे यहाँ क्यों लाये हो ? लेकिन मेरे सवाल का जवाब देने के पहले ही अहमद पटेल खुद बाहर आकर मेरा स्वागत करते हुए अपने घरके अंदर लेकर गये थे ! और उन्होंने कहा कि खैरनार साहब आप को मेरी गुजारिश है, कि “आप दिल्ली प्रेस को आपके जाँच रिपोर्टिंग मत करो !” तो मेरे स्वभाव के अनुसार तपाकसे मैंने कहा कि “अहमद भाई सोनियाजी ने आपको अपने राजनीतिक सलाहकार के रूप में, सिर्फ आप बहुत ही सुंदर दिख रहे हो इसलिए नहीं रखा है ! भारत के 20-25 करोड़ मुसलमानों के नुमाइंदा के लिए विशेष रूप से रखा गया है ! और महात्मा गाँधी जी की हत्या के बाद यह हिंदुत्ववादी ताकतें के आतंक वाद की घटनाओं को, महाराष्ट्र में जहाँ आपके पार्टी की सरकार रहते हुए ! और केंद्र में भी आपकी सरकार रहते हुए ! आप मुझे प्रेस कांफ्रेंस ना करने की सलाह क्यों दे रहे हैं ? वैसे मै आपको बता दूं कि मै दिल्ली प्रेस क्लब की प्रेस कांफ्रेंस करने के बाद ही, आपके पास यह लोग लेकर आये हैं ! आप इनसे पत्रकारों के नाम ले लिजिए और उन्हे मना करने के फोन कर दीजिये ! कि मेरे प्रेस कांफ्रेंस में कहीं हुई कोई भी बात मत छापिये ! ” उन्होंने दोनों कान हाथमे लेकर बोले कि, ” तोबा-तोबा यह कोई आपातकाल के दिन तो है नहीं ! कि मै ऐसी कोई हरकत करूँ ! “तो मैंने अपने रिपोर्टिंग की कापीया उनके सामने से समेटकर, उठकर चलने लगा ! तो सुरेश पचौरी भी वहां पर बैठे हुए थे ! वह उठकर मेरे साथ गेट तक चलते-चलते बोले कि ” मै संसदीय कार्य मंत्री हूँ ! मुझे कापियां दीजिए, मै कुछ संसद सदस्यों को बांटना चाहता हूँ !”
आज की तारीख 26/11 है ! आज गिनकर पंद्रह साल हो रहे हैं ! और मेरी अपनी मान्यता है ! कि अगर नांदेड, मालेगाँव, नागपुर, हैदराबाद, अजमेर शरीफ, समझौता एक्सप्रेस में हुए विस्फोट की सही जाँच की होती ! तो मुम्बई 26/11 नहीं हुआ होता !
और यह सब हादसे कांग्रेस पार्टी की सरकार रहते हुए हुए हैं ! और 26/11 जैसा कांड के समय महाराष्ट्र सरकार और केंद्र में भी कांग्रेस पार्टी की सरकार रहते हुए, यह सब कुछ करने की बात मेरे मित्र एस. एम. मुश्रीफ जी ने “हूँ किल्ड करकरे” नाम की किताब मे लीख कर, दस साल से भी ज्यादा समय हो रहा है ! और उन्होंने अपनी किताब में हमारे देश के प्रमुख जाँच एजेंसियों की और इशारा किया है ! और उस किताब के अंग्रेजी, हिंदी और मराठी संस्करणों के प्रकाशन समारोह का मै एक वक्ता के रूप में मैंने तिनों बार लेखक और प्रकाशक पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की थी ! और विशेष रूप से कहा था कि “हमारे देश के महत्वपूर्ण जाँच एजेंसियों पर बहुत ही संगीन आरोप लेखक ने किये है ! इसलिए इनपर कारवाही होनी चाहिए !” लेकिन आज दस साल से भी ज्यादा समय हो रहा है ! और उस किताब के भारत के हर प्रमुख भाषा में अनुवाद होकर धडल्ले से बिक रही है ! और आज तेरह साल का टाइम पास होने के बावजूद हमारे देश के किसी भी आतंकवादी घटनाओं की जाँच पुरी नहीं हुई है !
भारतीय जनता पार्टी शतप्रतिशत हिटलर की तर्ज पर अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ नफरतों को फैलाने के लिए कामों में आने वाले मुद्दों के उपर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रही है और हमारे देश के पुंजिपति जिस तरह से हिटलर ने जर्मनी में सत्ताधारी बनने के पहले जर्मनी के सभी प्रमुख उद्योगपतियों की बैठक बुलाकर उन्हें अपने पुंजि अपने राजनीतिक दल पर खर्च कर के उन्हें अपने मुनाफा कमाने की खुली छूट देकर अपनी राजनीतिक हैसियत बनाने का काम किया था ! बिल्कुल भारतीय जनता पार्टी लोकसभा में पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के लिए 2014 और नरेंद्र मोदी ने तथाकथित गुजरात मॉडल जो उन्होंने 2001 से ही गुजरात के उद्योगपतियों को प्रश्रय देकर और 2002 के दंगों से अपनी 44 इंची छाती को बारह इंची बनवाकर 56 इंच और सिर्फ और सिर्फ सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने के लिए दंगे से लेकर, हिजाब, हलाल, मंदिरों और मस्जिदों तथा आतंकवाद के बारे मे भी मामला है ! पुलवामा तथाकथित सर्जिकल स्ट्राईक और हमारे देश के लोगों के आस्था के राम – कृष्ण जैसे पात्रों को अपनी राजनीतिक वासना की पुर्ति के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं ! जिसमें हमारे देश के मासूम लोगों से लेकर सुरक्षा कर्मियों की जानों की एवज में अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रहे हैं !
26/11 के हादसे में मुख्य रूप से हेमंत करकरे जैसे जांबाज पुलिस अफसरों और अन्य मारे गए लोगों की स्मृति में विनम्र अभिवादन !