11 अक्तुबर को लखनऊ में अखिलेश यादव को जयप्रकाश नारायण की जयंती के अवसर पर उनकी मूर्ति पर माला पहनाने से रोका जाना , 2 अक्तुबर को सोनम वांगचुक को दिल्ली स्थित महात्मा गांधी की समाधि स्थल पर जाने से रोका जाना तथा कुछ समय पहले पुणे में निखिल वागळे के उपर जानलेवा हमला करने की कोशिश संघ के गुंडों द्वारा की गई है ! वैसे ही चित्रलेखा मराठी पत्रिका के संपादक श्री. ज्ञानेश महाराव के कार्यालय में घुसकर उन्हें अपने वक्तव्य को लेकर माफी मांगने के लिए मजबूर करने की घटनाओं को देखते हुए निर्भय बनो बैनर का औचित्य कितना आवश्यक है ! यह इन घटनाओं ने सिध्द कर दिया है !
इसी निखिल वागळे ने, नब्बे के दशक में, मुंबई में इसी बैनर तले, धर्मयुग पत्रिका के उपसंपादक गणेश मंत्री, मराठी नाट्यलेखक विजय तेंडुलकर, रत्नाकर मतकरी, तथा मराठी नाट्यसमीक्षक प्रोफेसर पुष्पा भावे तथा अन्य साथियों की मदद से, यही अभियान चलाया था ! और मै भी उसमें से एक सभा को संबोधित करने के लिए ! कलकत्ता से विशेष रूप से आया था ! और वह सभा गोरेगांव के केशव गोरे स्मृति सभागृह मे आयोजित की गई थी !
मैं उस सभा में भाग लेने के लिए गोरेगांव रेल्वे स्टेशन से उतरकर पैदल जाते हुए, किसी परिचित साथी ने कहा कि “सभागृह के बाहर हजारों की संख्या में भीड़ जमा है ! जिसने निखिल वागळे की गाड़ी पर हमला करते हुए, कांच चकनाचूर कर दिए हैं ! और वही हाल गणेश मंत्री के साथ हुआ है ! मेरी सलाह है कि तुम मत जाओ ! ” तो मैंने उसे कहा कि “मैं तो कलकत्ता से सिर्फ इस कार्यक्रम के लिए आया हूँ ! और मै इस तरह बीच रस्ते से वापस लौट जाऊँ ? और वहां पर मेरे मित्र निखिल वागळे, गणेश मंत्री अगर इस हालत में रहते हुए ? लानत है, ऐसी जिंदगी पर मै अपने खुद के सुरक्षा के डर से वापस चला जाऊ ? उल्टा मेरा नैतिक कर्तव्य है, कि मै इस अवसर पर निर्भय बनो आंदोलन को मजबूत करने के लिए अपने कर्तव्य का निर्वहन करु ! ”


यह बोलकर मैं आगे बढा तो केशव गोरे स्मृति हॉल के बाहर मध्यम वर्ग की महिलाओं की जबरदस्त भिड ! उत्तेजित अवस्था में सभा के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे ! उसी भीड में मैंने घुसने की कोशिश की ! तो मुझे सबसे पहले निचे गिरा दिया ! और उपर से जुते – चप्पल पहने हुए लाथो से मुझे मारा जा रहा था ! तो भी मैं उस भीडमेसे निचे से घुटनों के बल पर चलते हुए ! सभागृह के गेट के तरफ सरकते हुए गया ! और बाद में सभागृह में ! तो मेरा खद्दर का शर्ट फट गया था ! और घुटने के उपर मेरी जिन्स की पैंट भी फट गई थी !


उसी हाल में मै स्टेजपर चढा, तो आयोजकों ने मुझे ही बोलने के लिए कहा ! मैंने अपने फटेहाल हुलिया को दिखाते हुए ! सभा में बैठे सभी श्रोताओं को कहा कि “सत्तर साल पहले जर्मनी में हिटलर के स्टॉर्म स्टुपर्स तथा गेस्टापोओ ने मिल कर अपने विरोधियों के साथ इसी तरह का व्यवहार किया था ! जो आज भारत में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ हूबहू दोहरा रहा है !” यह भारतीय एडिशन अॉफ फॅसिस्ट राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का भारतीय रुप है ! जिन्होंने अपने दर्शन में ही हिंसा का समावेश किया है ! जिस कारण हमे महात्मा गाँधी को खोना पडा है ! और इस बीच में डॉ. नरेंद्र दाभोलकर, प्रोफेसर एम. एस. कलबुर्गि, कॉम्रेड गोविंद पानसरे तथा गौरी लंकेश को मारने वाले भी यही लोग हैं !


इसके अलावा लाखों लोगों की मौत विभिन्न दंगों में हुई है, वह भी इन्ही लोगों ने की है ! पुणे की घटना उसी कडी का हिस्सा है ! क्योंकि संघ की शाखा से निकले हुए देवेंद्र फडणवीस और सुधीर देवधर के इस घटना पर आ रहे स्टेटमेंट इस बात का परिचय दे रहे हैं ! निखिल वागळे के उपर जानलेवा हमला करने के बावजूद हमलावरों के खिलाफ कार्रवाई करने की जगह निखिल वागळे को गिरफ्तार करने की बात कर रहे हैं ! और निखिल वागळे ने खुद ही यह हमला अपने उपर सस्ती लोकप्रियता के लिए करवा लिया तक बोल रहे है !


यह फासिस्ट संघटन, 27 सितंबर 1925 दशहरे के दिन डॉ. केशव बळिराम हेडगेवार डॉ. बी. जे. मुंजे तथा उनके कुछ करीबी दस – पंद्रह लोगों ने ! मिलकर पुराने नागपुर के महल नाम के मोहल्ले में, मोहिते के वाडा मे ! ( पुराने जमींदारों के बड़े मकान को मराठी में वाडा कहा जाता है ! ) के आंगन में दस पंद्रह लोगों को लेकर शुरू कि गई शाखा ! जिसमें मुख्यतः मैदानी कार्यक्रम खेल – कूद, व्यायाम, गाना, परेड तथा हिंदूओं का हिंदूस्थान जैसे खेल ! और सबसे महत्वपूर्ण बात ! मुस्लिम बादशाहों के जमाने में हिंदूओं के उपर कैसे – कैसे अत्याचार होते थे ? उसके बारे में सही – गलत ! और ज्यादा से ज्यादा गलत ! मसाला लगा कर ! स्वयंसेवको को बताया जाता था !


हालांकि 1756 की प्लासी की लड़ाई के बाद ! मुस्लिम बादशाहों के राज और बचीखुची बादशाहत 1857 के बगावत के साथ ! लगभग खत्म हो चुकी थी ! दो सौ साल से भी अधिक समय से ! अंग्रेजो का राज था ! लेकिन अंग्रेजो के बारे में ! एक शब्द से भी संघ की शाखा या बौद्धिक, गितो में उल्लेख नहीं मिलता है ! और उस कारण संघ का 1947 तक बाईस साल स्थापना होने के बावजूद ! स्वतंत्रता के आंदोलन में शामिल होने का एक भी रेकॉर्ड दिखाई नहीं देता है !
सिर्फ और सिर्फ तथाकथित हिंदूत्ववादी संघ का ! आल्पसंखक समुदायों के खिलाफ जहरीले प्रचार – प्रसार के कारण ही ! नरेंद्र मोदी-अमित शाह के जैसे और भी कई स्वयंसेवक ! सांप्रदायिक राजनीति करने वाले सौ साल की उपलब्धि है ! भारत को हिन्दु राष्ट्र बनाने के लिए ! भारत में लगातार कोशिश जारी है ! और इस सांप्रदायिक संघठन को, अगले साल आज ही के दिन, 2025 में उनके मातृ संघटन राष्ट्रिय स्वयंसेवक संघ को ! 100 साल होने जा रहे हैं !


इसलिए किसी भी हालत मे, गुरु गोलवलकर के तथाकथित हिन्दु राष्ट्र को ! अधिकृत करनेकी कोशिश का ! कश्मीर के 370 को खत्म करना,समान नागरिक कानून, एन आर सी,सी ए , वख्त, जैसे बीलो से सांप्रदायिक ध्रुवीकरण करने की मानसिकता से पूरे देश का ध्रुवीकरण करनेका काम कर रहे है ! और इस तरह 30-35 करोड़से ज्यादा अल्पसंख्यक समाजके साथ ! बहुत अमानवीय व्यवहार, वर्तमान उत्तर प्रदेश में, गुजरात , हरियाणा ,मध्यप्रदेश में , राजस्थान में और जहाँ भी बीजेपी की सरकार है ! महाराष्ट्र उन सभी राज्यों में कर रहे हैं ! यह अत्यंत चिंता की बात है !


रातके अंधेरेमे पुलिस के भेष में ! संघके गुंडोको मुजफ्फरनगर से सहारनपुर, मुरादाबाद, लखनऊ से लेकर इलाहाबाद तथा उत्तर प्रदेश के कई शहरों अलीगढ़,आझमगढ,कानपुर,बनारस,इलाहबाद और भी कई मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ! चुन – चुन कर मुसलमानोकी प्रॉपर्टी को बुलडोजर चला कर नष्ट करने की कृती कौन से कानून के अनुसार ? तहस-नहस कर ते हूए दिख रही है ?
और भरी विधानसभा में आदित्यनाथ इसे रामराज्य की उपमा दे रहे हैं ! तो मुझे यह राम की जगह रावणराज्य दिखाई दे रहा है ! सांम्प्रदायिकता का नंगा नाच करते हुए ! पूरे क्षेत्र को सम्प्रदायिक दंगोमे तब्दील करने का काम कर रहे हैं ! और हमारे मीडिया को जैसे सांप सूंघ गया हो ! इन बातों की एक भी खबर देने के लिए, उनके पास समय नहीं है ! या हमारे मीडिया हिन्दुत्ववादियों के रंगमे रंग गया है ?


लेकिन यहीआलम जारी रहा तो देशको और एक बटवारे की तरफ ले जानेकी बेवकूफी ! वर्तमान सरकार कर रही है ! क्योंकि 1940 में यही मायनॉरिटी फिअर सायकिको ! हवा देकर जिन्नाने 1947 में अलग मुल्क करानेमे कामयाबी हासिल की है !
मध्य प्रदेश के निमाड क्षेत्र के, खरगोन नामकी जगह पर ! दुर्गा पूजा के दौरान दंगे के बाद ! अल्पसंख्यक समुदायों की बस्तियों के उपर बुलडोजर चलाने का काम किया ! और फिर उसके बाद ! वहां के कलेक्टर ने हिंदु और मुस्लिम बस्तियों के बीच में कंक्रीट की दिवारों को खड़ा कर दिया ! और कलेक्टर साहब, इंडियन एक्सप्रेस के प्रतिनिधि को कह रहा थे ! “कि दोनों समुदायों के बीच शांति और सद्भावना के लिए इन दिवारों का निर्माण किया जा रहा है !” मैंने यह नजारा आजसे दस साल पहले फिलिस्तीन की यात्रा के दौरान ! फिलिस्तीन के गाझा पट्टी और वेस्ट बैंक के क्षेत्र में ! इस्राइली सरकार के तरफसे ! फिलिस्तीन के अरब और इस्राइल के यहुदीयो की बस्तियों के बीच में ! 25-30 उंची कंक्रीट की दिवारों से घेरा हुआ इलाका देखा है ! और फिलिस्तीन और इजराइल के बीच कीतनी शांति और सद्भावना कायम हुई है ? वह संपूर्ण विश्व जान रहा है ! वर्तमान समय में गाजा पट्टी लगभग खत्म करने पर तुले हुए हैं !


भारत में हजारों सालों से हिंदू – मुस्लिम एक साथ रहते आ रहे हैं ! और आज कुछ समय से सांप्रदायिक तत्वों के कारण ! कुछ अनबन होने की शुरुआत ! विशेष रूप से ! जानबूझकर टुच्ची वोट की राजनीति के लिए ! तैयार की जा रही है ! और उसके लिए, सबसे बड़ा जिम्मेदार संघठन आर एस एस और उसकी राजनीतिक ईकाई बीजेपी और ! उनके ऑक्टोपस के जैसे वीएचपी, श्रीराम सेना, बजरंग दल, हिंदू वाहिनी जैसे घोर सांप्रदायिक शक्तियों के हरावल दस्ते जिम्मेदार है !
तो उसके मूल कारणों को दूर करने की जगह ! इस तरह की ऊलजलूल हरकतों से कौन सा सांप्रदायिक तनाव कम होगा ? उल्टा एक दूसरे के साथ जो भी आपसी परिचय है ! उसे खत्म करके हमेशा एक-दूसरे के प्रति संशय में रहने के कारण और दूरियां बढ़ाने के लिए दिवारें काम आयेगी ! पहले ही संघ सौ साल से अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ बदनामी की मुहिम करते आने के कारण एक दूसरों के बीच में मानसिक दिवारें बनाने में कामयाब हो रहा है ! और अब प्रत्यक्ष दिवारों को बनाकर रही – सही कसर पूरी कर रहे हैं !


इसका मतलब एक दूसरे की बस्तियों के बीच में ! दिवारों को खडा करना यह उपाय ! पहले ही सांप्रदायिकता के ध्रुवीकरण करने की कोशिश में आग में घी का काम करेंगी ! जो कुछ सांप्रदायिक तत्वों की तरफ से लगातार जारी है ! उसे मदद करने के लिए दिवारें काम आने वाली है ! क्योंकि पहले ही एक दूसरे के बारे में गलत फहमी फैलाने की कोशिश कुछ लोग कर रहे हैं ! उसमे इन दिवारों के कारण जब एक दूसरे के साथ मिलना – जुलना खत्म हो गया ! तो और भी गलतफहमियां बढेंगी ! और एक दूसरे के साथ आपसी भाईचारा बढने की जगह गलत फहमी बढेगी !


और कलेक्टर साहब कौनसे स्कूल से पढकर आये हैं ? मालूम नही ! लेकिन उन्होंने सबसे पहले इस दंगे में ! अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल किया है ! और अब पर्मनंट शांती के लिए दोनों बस्तियों के भीतर दीवार बनाने का दिमाग ! शतप्रतिशत सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए किया जा रहा पोग्राम है ! जिसे अमित शाह ने ! गुजरात के विधानसभा चुनाव प्रचार में नरोदा पटिया के दंगों में शामिल गुनाहगारों में से एक की बेटी पायल कुलकर्णी को भाजपा ने अपना उम्मीदवार बनाया है ! और पायल अभी गुजरात विधानसभा की भारी मतों से विधायक के रूप में बैठी है ! अभी हाल ही में ! “गुजरात दंगों को चिरशांती के लिए उपाय करने के लिए ! दंगे आवश्यक थे ! ” ऐसा उनका नरोदा पटिया के विधानसभा चुनाव के दौरान किया गया भाषण है ! ”


और यही गलती दोबारा 99 साल बाद ! संघ परिवार के पागलपन के कारण ! वर्तमान सरकार सत्ता में आने के बाद ! लगातार तीन तलाक़,370,राम मंदिर ,लव-जेहाद, गोहत्या बंदी, हिजाब जैसे मुद्दे और अब यह नागरिकताकी आडमे ! मुसलमानो को जान बूझ कर, असुरक्षाके मानसिकता मे डालनेकी कोशिश ! देशका और एक बटवारे की ओर ले जाने वाली बात है !
भारतीय जनता पार्टी का ! एक उद्देश्य देशके महत्वपूर्ण सवालोकी तरफसे, लोगों का ध्यान भटकाने की भी साजिश है ! क्योंकि आये थे, “सबका साथ सबका विकास” का नारा देकर ! 2014 से 2024 तक क्या हुआ ? यह सब जानते है और किसका विकास हुआ ? और किसको साथ दे रहे हैं ?
कुछ चंद उद्योग पतियोकि संम्पत्तिमे कितनी बढ़ोतरी हुई है ? और हमारे सामान्य देशवाशियों के हिस्से में क्या आया ? हमारे सकल राष्ट्रीय उत्पाद की दर आधी से भी कम हो गई ! और महंगाई की मार झेल रहे हैं ! हर साल दो करोड़ रोजगार का वादा करने वाली सरकार ने !अब तक मिलाकर भी दो करोड़ रोजगार भी नही दिए हैं ! उल्टा नये रोजगार तो दूर, पुराने कितने लोगों के हाथों से काम छिन लिया ? छोटे छोटे उद्दमी लगभग खत्म हो गये ! नोटबंदी और जिएसस्टी ने रही सही कसर पूरी कर दी ! और बेशर्मी से बोल रहे हैं कि बेरोजगार लोगों ने भजिया तलने का काम करना चाहिए !


और कोरोनाके आडमे ! आनन-फानन में लाॅकडाऊन कराकर ! करोडों देहाडी मजदूरों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ किया है ! और सौ से भी ज्यादा लोगों को मौत के मुँह में ढकेल दिया है ! और वह कम लगा तो ! किसानों के पिछे पड गये हैं !
कृषि संबंधित कानूनोंको लाकर ! आखिरी सांस गिन रहे ! कृषि क्षेत्र को खत्म करने पर तुले हुए हैं ! और उपरसे तुर्रा ये कि हम किसानों की भलाई के लिए यह कानून लाये हैं ! और बगैर किसानों की राय लिए ! संसद में जिस तरह से कोविद के आडमे ! इन बिलों को तथाकथित पारीत करने की सर्कस की है ! वह पूरी दुनिया ने देखी है ! और संसद की बची खुची इज्जत को मट्टी पलीत किया है ! और एक डिग्री सेल्सियस मे भी कम तापमान में ! डेढ करोड़ से भी अधिक किसान ! राजधानी के चारों तरफ बैठने का ! एक साल से भी अधिक समय से बैठने का रेकॉर्ड ! भारत के किसानों के आंदोलनों में पहली बार हुआ है ! और मेरी रायमे यह विश्व के किसिभि आंदोलन के इतिहास में भी ! लगातार एक साल तक लाखों की संख्या में किसानों का संघर्ष ! दुनिया के इतिहास में पहली बार दर्ज हुआ है ! और अब दोबारा किसान अपनी मांगों के लिए दिल्ली आने के लिए कोशिश कर रहे हैं तो इस बार पहले की तुलना में और अधिक सख्ती से पेश आ रहे हैं अबतक दो किसानों की मौत हो चुकी है और सबसे हैरानी की बात इस्राइल ने फिलिस्तीनी लोगों के खिलाफ इस्तेमाल करने वाले पैलेट गन का इस्तेमाल किसानों के उपर किया जा रहा है !


क्योंकि पिछली बार उत्तरप्रदेश के चुनाव को देखते हुए ! नरेंद्र मोदीजी ने अपने चिरपरिचित हथकंडे में ! दिल्ली के रकाबगंज गुरुद्वारा में जाकर, माथा टेककर माफी मांगने ! और रोने का नाटक करते हुए ! बिलों को वापस लेने की घोषणा तो कर दिया ! लेकिन जमीनी हकीकत जैसी की वैसी ही है ! किसानों की फसल के दाम और सरकारने दिए हुए वादों को पूरा करना नहीं हो रहा है ! क्योंकि अरबो – खरबों के कोल्ड स्टोरेज और महाकाय गोदामों को अदानी ने बनाएं हुए जो है ! सरकार वोट तो सर्वसामान्य लोगों के वोट मांगकर सत्ता में आने के बावजूद ! सिर्फ उद्योगपतियों के हित में काम करती है ! यह बात लोगों को कब समझ में आयेगी ? और जिस दिन आयेगी उस दिन कोई राम कुछ भी नहीं कर पाएंगे ! क्योंकि धर्म की आड़ में लोगों के रोजमर्रे के सवाल हाशिये पर डालना ज्यादा लंबे समय तक नहीं चल सकता !
जो सरकार आस्ट्रेलिया में खुद हस्तक्षेप करके ! अदानी उद्योग समूह के लिए महंगा कोयले का आयात करना ! जैसे सौदे में खुद लिप्त होने के बाद ! भारत से कई गुना महंगा कोयला पृथ्वी के दूसरे कोने से भारत ढोकर लाकर ! भारत के उद्योगों को कई गुना अधिक किमत में लेने के लिए मजबूर करने के लिए ! मुखतः औष्णिक वीजनिर्मिती प्रकल्पो को ! और यह उठते-बैठते राष्ट्रभक्ति का राग अलापने वाले लोगों की तरफ से ! क्या किसी एक उद्योगपति को मुनाफा कमाने के लिए हमारे अपने ही देश के लोगों को महंगी बीजली लेने के लिए मजबूर करने की कृती कौनसी देश भक्ति में आता है ?
सुना है, उन प्रकल्पो ने महंगा कोयला होने के कारण लेने से मना कर दिया था ! तो उन्हें सप्लाई होने वाले सरकारी कोयले की मालगाड़ियों से सप्लाई बंद कर दिए ! और उन्हें जबरदस्ती से अदानी का अॉस्ट्रेलिया से लाया हुआ महंगा कोयला खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है ! और इस लिए अब भारत में बिजली की किमत कई गुना बढाने के निर्णय ! उन प्रदेश में लेने के कारण ग्राहकों की तरफ से विरोध किया जा रहा है !


और हमारा मिडिया हमारे देश की किमतो की जगह पाकिस्तान, नेपाल तथा श्रीलंका के किमतो को बढ़ा-चढ़ाकर बताने का काम कर रहे हैं ! अभी कुछ समय पहले पाकिस्तान में एक किलो गेहूं का आटा ! साडेपाचसौ लिखकर आया था ! यह भी एक साजिश के तहत किया जा रहा है ! सचमुच पाकिस्तान या श्रीलंका तथा नेपाल की किंमते कितनी है ? पता ही नहीं ! पर उन्हें बढ़ा-चढ़ाकर भारत के मिडिया में जानबूझकर बताया जाना ! “कि मेरे भाईयों और बहनों देखो मै आप को कितनी सस्ते दामों में चिजे दे रहा हूँ ! और अपने पड़ोसियों के तरफ लोगों को खाने के लाले पड रहे हैं !” भारत के मिडिया संस्थाओं ने भारत की समस्याओं पर लिखना या टीवी पर दिखाना लगभग बंद कर दिया है ! लेकिन पाकिस्तान,श्रीलंका तथा नेपाल की सही गलत खबरों को प्रथम स्थान पर देना में एक दूसरे के साथ होड लगी है !
वैसाही युक्रेन के युध्द रोकने के लिए नरेंद्र मोदीजी को ! पूरा विश्व गिड़गिड़ाते हुए हस्तक्षेप करने की विनती कर रहा है ! और भारत में बदस्तूर सांप्रदायिक ध्रुवीकरण की राजनीति करने के लिए मुक्त है ! G-20 के जजमान जो ठहरे ! भारत की आजादी के पचहत्तर साल के बावजूद आधी आबादी को ढंग का पिने का पानी नही है ! आज भी पच्चिस प्रतिशत से अधिक बच्चों को उम्र के पांच साल के आगे जिवंत रहना संभव नहीं ! क्योंकि कुपोषण के शिकार हो रहे हैं ! शायद ही कोई सेकंड जा रहा है ! जिसमें महिलाओं की इज्जत लुटी नही जा रही हो ! और उसमे भी आदिवासी या दलित समुदाय से !


अब तक दस लाख से अधिक किसानों को आत्महत्या करने की नौबत आ गई है ! और संघ के लोग विश्व गुरु की रट लगाएं जा रहे हैं ! अगर यही विश्व गुरु का वास्तविक रूप है ! तो हमें नहीं चाहीये ऐसा विश्व गुरु ! जो अच्छे दिनों के सपने दिखाने का वादा कर के ! तीन सौ रुपये का गॅस सिलिंडर बारासौ रुपये ! चार गुना अधिक किमत पर दिलवाता हो ! और कौन-सी सडकों के नाप लेकर ? हम रोज चालिस किलोमीटर सड़क बना है ! का दावा, मैंने ज्यादा तर गांव के सड़क चालीस पचास साल पहले बनने के बाद ! दोबारा उसे हाथ लगाते हुए नहीं देखा ! और लोगों के लिए योजनाएं के आकड़ों को देखते हुए सर चकरा जाता है ! लेकिन वह सब पैसा कौन सी जनता के हिस्से में जा रहा यह एक रहस्य है !
और किसानों की आत्महत्या की खबरों को देना ! अखबार और टी वी चैनलों ने पर देना बंद कर दिया है ! लेकिन आत्महत्याओं का क्रम कम होने की जगह बढ रहा है ! क्योंकि जब तक किसानों की फसल को उत्पादन के बाद मट्टी के दाम में बिकने वाला षडयंत्र जारी रहेगा ! (अभी फिलहाल प्याज की फसल के साथ क्या हो रहा है ? ताजा उदाहरण के लिए कह रहा हूँ ! और सेब की फसलों को कश्मीर के किसानों को नष्ट करते हुए, सेब से लेकर संत्रा, टमाटर तथा हर फसल के साथ जारी है ! )


आज भारत, दुनिया के विकास करने वाले देशों की सूची से बाहर हो गया है ! और गरीब मुल्कोकी सूची में बँगला देश और पाकिस्तान से भी नीचे के पायदान की सूची में आ गया ! यह राष्ट्रीय अपमान करने के लिए ! वर्तमान सरकार को सत्तामे बने रहने का, एक क्षण के लिए भी नैतिक अधिकार नही है ! लेकिन इन सब बातों से ध्यान हटाने के लिये ही एन आर सी जैसे ! और वह भी धार्मिक आधार पर ! बीलो को लानेके पीछे, एक मात्र उद्देश्य ! देश में धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल करते हुए ! अराजकता का माहौल बना कर ! अपनी नाकामयाबी को लेकर, कहि भी कोई चर्चा न हो ! इस लिये एन आर सी जैसे ! बेमतलब की बातों मे देश को उल्झाना चाहते है !


लेकिन पहले 1950 में जनसंघ नामसे ! और 1980 से भारतीय जनता पार्टी के नामसे ! एक राजनीतिक दल के रूप में शुरुआत की ! लेकिन (1985-86) के बाद राम मंदिर के नाम पर ! जो माहौल बिगाड़नेका काम लगातार जारी रखा ! वह 2002 के गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए नरेन्द्र मोदीजी ने ! भारतीय राजनीति के इतिहासमे पहली बार ! राज्य प्रायोजित दंगा कराके ! आपने आपको हिंन्दु- हृदयसम्राट के रूप में ! प्रस्थापित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है ! यह गुजरात दंगों के बाद ! शेकडौ रिपोर्ट और किताबोने उजागर किया है ! और इन मेसे किसिभी किताब या रिपोर्ट को चैलेंज करना तो दूर ! उल्टा नरेंद्र मोदीजी बार बार दावेके साथ कहते रहे ! “की मेरे सबसे अच्छे प्रचार का काम मेरे आलोचक कर रहे हैं !” आज 27 फरवरी 2024 को गुजरात दंगों को 22 साल हुए हैं ! भारत जैसे बहुआयामी संस्कृति के देश के लिए किसी भी विशेष धर्म या संस्कृति का आग्रह रखने वाले आदमी या औरत के हाथ में भारत जैसे देश की बागडोर चले जाना ! बहुत ही चिंता की बात है ! क्योंकि दुनिया में इस तरह के सांप्रदायिक या वंशश्रेष्ठत्व के आग्रह रखने वाले लोगों के कारण बेतहाशा हिंसा हुई है !


इसलिए आज नरेंद्र मोदीजी लाख पसमांदा मुसलमानों को स्नेह करने की बात कर रहे हैं ! लेकिन असुरक्षित माहौल में रहने वाले लोगों को स्नेह भी एक डरावने सपने जैसा है ! क्योंकि नरेंद्र मोदीजी के उपस्थिति में उन्हीं पसमांदा मुस्लिम समुदाय के लोगों के साथ आजसे 22 साल पहले गुजरात में क्या हुआ है ? यह याद रखने वाले लोग अभी भी मौजूद हैं ! और 2014 से सत्ता में आने के तुरंत बाद गांय के नाम पर कितने पसमांदाओ को अपनी जान गंवाने की नौबत आई है ! क्योंकि गाय को खरीदने से लेकर उससे संबंधित सभी मामलों में पसमांदा मुस्लिम समुदाय ही अपनी रोजी-रोटी चलाते हैं ! और आज भी आए दिन तथाकथित हिंदूत्ववादी किस तरह का विषवमन कर रहे हैं ? क्या नरेंद्र मोदीजी इन सब बातों से अनभिज्ञ हैं ? मुहंमे राम और बगल में छुरी वाली बात है !
ऐसा षडयंत्रकारी गिरोह के हाथ में ! देश जाने अनजानेमे चला गया है ! बिलकुल दुसरे महायुद्ध के बाद ! जर्मनी में आजसे 100 साल पहले यही स्थिति बनी थीं ! और उसीका फायदा उठाकर हिटलर नामका तानाशाह ! जर्मनी की छातीपर 25 साल मूँग दला है ! यही इतिहास आज भारत में दोहराया जा रहा है ! हिटलर के भी पीछे जर्मन पूंजीपतियों ने अपनी पूंजी निवेश की है ! और जर्मनी का पूरा मीडिया भी ! और वर्तमान समय में भारत का मिडिया लगभग ! (कुछ अपवादों को छोड़कर) पूरा वर्तमान सरकार की हाँ में हाँ करनेमे लगा है !


और पूंजीपतियों में गौतम अदानी नाम का साठ साल का एक आदमी ! अपनी उम्र के पच्चिस तिस के दौरान के समय साईकल पर ! घुम – घुमकर कपडे बेचने का काम किया करता था ! आज भारत का सबसे अमीर और दुनिया में तीसरे स्थान पर है !
और आज वह भारत के ज्यादातर जल – जंगल और जमीन का मालिकाना हक लेकर बैठा है ! इस आदमी ने अहमदाबाद के स्टॉक एक्सचेंज में 1988 में ! अदानी उद्योग समूह का रजिस्ट्रेशन किया है ! मतलब छतिस साल पहले ! आज यह विश्व का तीन नंबर पर ! और एशिया में पहला ! और भारत में तो है ही पहला स्थान ! इसी ने गुजरात के दंगों के बाद ! नरेंद्र मोदी को मदद देने की शुरुआत की ! तथाकथित व्हायब्रंट गुजरात का आयोजन इसी ने किया था ! और उसके एवज में नरेंद्र मोदी ने हरप्रकार के नियम – कानून की अनदेखी करते हुए ! अदानी उद्योग समूह को गुजरात के पोर्ट से लेकर भारत के सभी प्रमुख एअरपोर्ट तथा रेल ! और शायद ही कोई और क्षेत्र होगा जो इस उद्योग समूह को सौंपा नहीं गया है !


हिंडेनबर्ग रिपोर्ट में बहुत मामूली बात आई है ! मेरा व्यक्तिगत आरोप है ! “कि नरेंद्र मोदी और अदानी कनेक्शन की जांच करने की आवश्यकता है !” क्योंकि दस सालों के दौरान इस उद्योग के लिए नरेंद्र मोदी ने देश – विदेश में अपनी यात्राओं में ! लगभग हरेक देश में अदानी उद्योग समूह के लिए कुछ न कुछ फेवर करने के उदाहरण मौजूद हैं ! और भारत की आधी से अधिक बीजली आज अदानी के कब्जे में देने के लिए ! और रेल, हवाई यातायात, पानी तथा देश के औद्योगिक प्रतिष्ठानों को बेचने के बावजूद ! बीजेपी के बड़बोले लोग ! राहुल गांधी विदेशी भूमि पर भारत की बदनामी कर रहा ! ऐसा बोल रहे है ! लेकिन विदेशों में जाकर अदानी उद्योग के लिए विशेष रूप से सरकारी स्तर पर प्रमोशन करने की कृती को क्या देश भक्ति का बहुत बड़ा योगदान कहा जायेगा ?


लेकिन हर बात की एक हद होती हैं ! जो नरेंद्र मोदी-अमित शाह और गौतम अदानी ने अब क्रॉस कर दी है ! और पूरे देश में जो आंदोलन ! वह भी युवक-युवतियों का ,किसान-मजदूरों और, दलित हो या आदिवासी, महिला ! और सभी जाती संम्प्रदाय के लोगों का जो शूरू हूआ है ! वह अब थमने वाला नहीं है ! क्योंकि मैं खुद एक युवक आन्दोलन, जो आजसे पचास साल पहले हूआ था ! (1973 का जे पी आंदोलन ! जिस समय मैं गिनकर बीस साल की उम्र में प्रवेश कर रहा था ! ) उसका प्रॉडक्ट हूँ !
हाँ उस समय जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हम लोग थे ! लेकिन आज कोई भी उनके स्टेचर का नेता नहीं हैं ! और यह बात आंदोलनकी खामिके बावजूद ! मैं इसे स्ट्रेन्थ भी समझता हूँ ! क्योंकि किसी एक व्यक्ति पर अवलंबित अन्दोलन की एक मर्यादाएं बन जाती है ! जो इस बार नहीं होगी ! और इसिमेसे सामुदायिक नेतृत्व उभरकर आयेगा ! अन्यथा 1977 में, पुराने खुच्चडोनेही ! चंद दिनों के भीतर गुडगोबर कर दिया था ! और उसी के परिणामस्वरूप, वर्तमान घोर सांम्प्रदायिक फासिस्ट विचारोके लोगोके हाथमे देश चला गया !
जिसकी कीमत देश आज चुका रहा है ! अपने पेट के लिए, दूनियाँ भर में शेकडौ सालोसे ! भारतीय लोग विदेशोमे गये हैं ! और आज ये बावले भारत में रहने वाले ! विदेशिओं की बात कर रहे हैं ! इनके ही सरकारी आंकडोंके अनुसार, 33 हजार से भी कम संख्या बतायी गयी है ! लेकिन भारतीय लोग अकेले इंग्लैंड में 70,000 से एक लाख भारतीय इंग्लैंड ने वापस लौटाने के लिए साल भर पहले कहा है ! और तभी मल्ल्या,मोदी,चौक्सी को सौपेंगे ! लेकिन मोदी टालमटौल कर रहे हैं ! अमेरिका में 21 लाख भारतीय रहते हुए ! और साऊदी अरब में 35 लाख ! और इसी तरह पूरे विश्व भर में मोटा मोटी आकडे, कुछ करोड़से ज्यादा रह रहे ! भारतीयों को असुरक्षित करने वाली ! सरकार को शर्म आनी चाहिए !


और सबसे महत्वपूर्ण बात अब वह भारतीय मूल के लोग ! ब्रिटेन जिसने भारत पर 200 साल राज किया है ! वहां का प्रधानमंत्री भारत के मूल वंश का ऋषि सुनक रह चुके हैं ! जिस अमेरिका के साम्राज्यवाद की बात करते हैं ! आज उस अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हॅरिस ! जो अगले राष्ट्रपति चुनाव में दावेदारी करने जा रही है ! और भारत के मूल की है ! और कम – से – कम आधा दर्जन विदेशी देशों में भारतीय मूल के लोगों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री होने के उदाहरण आज मौजूद है ! विनोबाजी के सपनों का जयजगत के तरफ का सफर नजर आ रहा है !


भारत में गलत अर्थिक नीतियों के कारण बेतहाशा महंगाई,बेरोजगारी,कृषी क्षेत्र, लगभग खत्म होने के कगार पर पहुँच गया है ! क्योंकि किसानो की आत्महत्याएं थमनेका नाम नहीं ले रही है ! और वर्तमान समय में जारी आंदोलन मे ! अबतक सौ से ऊपर किसान मरे ! और उनमें से रोज एक आत्महत्या करने पर मजबूर हो रहा है ! दिनप्रतिदिन गैस,तेल के दाम बढ़ाये जा रहे हैं !
नरेंद्र मोदीजी को गौतम अदानीने अपने खुद के प्रायवेट जेट विमान ! 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ! चारसौ से अधिक सभा करने के लिए ! देने की जांच जरूरी है ! क्योंकि जिस रायबरेली के चुनाव में ! मामुली से कंबल बांटने की बात पर ! श्रीमती इंदिरा गाँधी की छह साल के लिए लोकसभा सिट चली जाती है ! यहां नरेंद्र मोदीजी ने प्रधानमंत्री बनने के लिये ! गौतम अदानी के प्रायव्हेट जेट विमान को ! इस्तेमाल करने से लेकर, उस चुनाव प्रचार में ! बेतहाशा पैसे बीजेपी के पास कहासे आए थे ? क्योंकि बीजेपी अपने आप को “पार्टी वुईथ डिफंरस कहते थकती नही है !” तो कौनसा डिफंरस है ? देश की जनता को पता चलना चाहिए !


सबसे हैरानी की बात रेल से लेकर, बी एस एन एल,रक्षा उत्पाद के कारखाने. ! और कई मुनाफोमे चल रहे सरकारी उद्योगों को औने-पौने दामोमे प्रायवेट सेक्टर ( मुखतः अदानी उद्योग समूह को ) को बेच रहे हैं ! इसमे राष्ट्र प्रेम बढ रहा या राष्ट्र द्रोह ? भारत की शिक्षा,स्वास्थके सवाल ! दिनो-दीन बदसे बदतर हो रहें हैं ! लेकिन एन आर सी और सी ए ए लाकर रहेंगेकी रट लगाए जा रहे हैं ! तो फिर सीधे सीधे दिख रहा है ! की संघके 100 साल 2025 मे पूरे होने के पहलेही श्री. माधव सदाशिव गोलवलकर के सपनेका हिन्दु राष्ट्र बनाने की कोशिश की जा रही है ! और संपूर्ण राष्ट्र की जल, जंगल और बची-खुची जमीन भी ! पूंजीपतियों के ( विशेष रूप से गौतम अदानी उद्योग समूह के ! ) हवाले करने पर तुले हुए हैं ! जिसे हम सभी भारतीय संविधान को मानने वाले ! लोगों का नैतिक और सविधानिक दायीत्व हैं ! की हर कीमत पर संघ परिवार के मंसूबे को रोकने के लिए ! महात्मा गाँधी और डॉ. बाबा साहब अंबेडकर जिने बताये हुए रस्तों से ! हम सबको संघटित प्रयासरत रहना है ! अन्यथा इन पाखंडीयो हाथों में देश और ज्यादा समय तक रहा तो यह पूरे देश को बेच देंगे ! और वह भी देशभक्ति का दावा करते हुए !

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