1 मई महाराष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस वर्ष महाराष्ट्र ने अपना 59वां स्थापना दिवस मनाया। महाराष्ट्र में ये स्थापना दिवस बड़े धूम- धाम से मनाया जाता है। राज्य भर में कामकाजी लोगों को अवकाश होता है साथ ही मजदूर दिवस होने पर बड़ी संख्या में लोग छुट्टी पर होते हैं इसीलिए आज के दिन को एक उत्सव की तरह मनाया जाता है।
1 मई भारतीय इतिहास का एक बड़ा दिन है, क्योंकि इसी दिन वर्ष 1960 में भारत को उसके 2 नए राज्य मिले थे। ये दो राज्य गुजरात और महाराष्ट्र थे जो पहले एक ही प्रदेश ‘बॉम्बे’ का हिस्सा थे। इसलिए प्रति वर्ष की 1 मई को महाराष्ट्र और गुजरात दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इस वर्ष महाराष्ट्र अपना 59वां स्थापना दिवस मनाएगा। महाराष्ट्र में उसके स्थापना दिवस को बड़े धूम- धाम से मनाया जाता है। इस दिन पूरे राज्य में हर्षोल्लास की एक लहर होती है। इस दिन राज्य के सभी स्कूल कॉलेज और कार्यालय में राजकीय अवकाश घोषित कर दिया जाता है। स्वतंत्रता के समय भारत छोटे-छोटे रियासतों में बंटा हुआ था। आज़ादी के बाद सरदार वल्लभ भाई पटेल ने लाखों कोशिशों के बाद इन रियासतों को भारत में शामिल किया और भाषा के आधार पर राज्य बनाये गए।
महारष्ट्र और गुजरात अलग राज्य बनने से पहले प्रदेश ‘बॉम्बे’ का हिस्सा थे। उस वक़्त बॉम्बे में गुजराती और मराठी भाषा बोलने वाले लोग एक साथ रहते थे, लेकिन दोनों अपने लिए भाषा के आधार पर अलग राज्य बनाने की मांग करने लगे।
1956 के राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तहत कई राज्यों का गठन किया गया था। इसी अधिनियम के अंतर्गत तेलुगु बोलने वालों को आंध्र प्रदेश, कन्नड़ भाषी लोगों के लिए कर्नाटक आदि राज्य बने। जब ये राज्य बने तब बॉम्बे के मराठी और गुजराती लोगों को अलग राज्य नहीं मिला।
इसके बाद अलग राज्यों की मांग के चलते मराठी और गुजराती लोगों द्वारा बॉम्बे में अलग राज्य की मांग के लिए कई आंदोलन हुए। और आखिरकार 1960 में महाराष्ट्र और गुजरात दो विभिन्न राज्य बन गए जिसके बाद से अब तक यह दोनों ही राज्य एक संपन्न में राज्य में गिने जाते हैं।