योगी आदित्यनाथ आज उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. वे जब गोरखपुर के सांसद थे तो रेलवे को लेकर संसद में तमाम सवाल उठाते रहते थे. आज जब वे मुख्यमंत्री हो चुके हैं और उन्हीं की पार्टी की सरकार केंद्र में भी है, तब भी वे अपने ही उठाए हुए मसलों का ‘फॉलोअप’ करने में कोई रुचि क्यों नहीं लेते, यह सवाल सामने है. इन्हीं स्थितियों में आम नागरिक यह समझने पर विवश होता है कि विधानसभाओं या संसद में सवाल उठाना नेताओं की केवल सियासी नौटंकी होती है, क्योंकि सत्ता में आने पर उन्हीं सवालों को वह भूल जाता है और फिर सत्ता से बाहर होने पर उन्हीं सवालों को फिर से उठाने लगता है. सारे नेताओं की दुकानदारी इन्हीं नौटंकियों पर चलती रहती है. यूपी के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर के सांसद थे, तब उन्होंने प्रदेश में रेल सुविधाओं को लेकर क्या-क्या सवाल उठाए थे, उसकी एक छोटी सी झलक आपको दिखाते हैं. आप यकीन मानिए कि उन सवालों को लेकर योगी ने कोई ‘फॉलोअप’ नहीं किया और उन सवालों को कारगर कराने में न उनकी कोई दिलचस्पी ही है.
योगी ने संसद में कहा था कि उत्तर प्रदेश में अधिकतर रेलवे स्टेशनों के प्लेटफॉर्म, बाहरी स्थलों और रेलगाड़ियों की स्थिति ठीक नहीं है. रेलवे जंक्शनों पर पर्याप्त मात्रा में शौचालय नहीं हैं. इन सभी समस्याओं के समाधान का कोई उपाय प्राथमिकता के आधार पर नहीं किया जा रहा है. रेलवे अस्पतालों की स्थिति अत्यंत खराब है. गोरखपुर रेलवे स्टेशन के बाहर पटरी व्यवसायियों ने ठेला, खोमचा, रेहड़ी लगाकर न केवल यातायात को बाधित कर रखा है, बल्कि रेलवे स्टेशन की शोभा को भी आच्छादित कर रखा है. रेलवे स्टेशन के बाहर और अंदर अपार गंदगी का साम्राज्य है. इसके अलावा योगी ने गोरखपुर-नई दिल्ली के बीच तेजस रेलगाड़ी का संचालन करने की मांग की थी. योगी ने कहा था कि गोरखपुर-कोलकाता के बीच हमसफर रेलगाड़ी का संचालन किए जाने की आवश्यकता है. साथ-साथ उन्होंने कहा था कि गोरखपुर-इलाहाबाद के बीच एक उदय रेलगाड़ी का भी संचालन होना चाहिए. गोरखपुर-हरिद्वार के बीच चलने वाली देहरादून एक्सप्रेस नियमित होनी चाहिए और गोरखपुर-लखनऊ रेलखंड के बीच गोरखपुर में सूरजकुंड और सहजनवां में निर्माणाधीन ओवर ब्रिज का निर्माण तत्काल प्रभाव से होना चाहिए. योगी ने पिपराइच, पीपीगंज और कैम्पियरगंज कस्बे में रेलवे समपार फाटक पर ओवर ब्रिज का निर्माण तत्काल प्रभाव से कराने पर जोर दिया था और कहा था कि पिपराइच, पीपीगंज, सहजनवां डोमनीगढ़ और कैम्पियरगंज रेलवे स्टेशनों पर प्रमुख यात्री गाड़ियों का ठहराव होना जरूरी है. इन सभी स्टेशनों के प्लेटफॉर्मों को अपग्रेड करने पर भी योगी लगातार जोर दे रहे थे. योगी ने कहा था कि पूर्वोत्तर रेलवे के अधिकतर समपार फाटकों पर रेलवे की भूमि पर स्थित मार्ग अत्यंत खराब हैं, इनका प्राथमिकता के आधार पर नवनिर्माण किया जाना चाहिए. लेकिन संसद में उठाई गई इन मांगों का क्या हुआ, योगी ने इस तरफ फिर कोई सुध नहीं ली.