यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 24 घंटे बिजली दिए जाने का आदेश भले ही दिया है लेकिन इसके लिए कोई खास मसौदा तैयार नहीं किया है। जिसके चलते बड़े शहरो में 12 से 14 घंटे से अधिक बिजली नहीं मिल पा रही है। 24 घंटे में 8 से 10 बार बिजली जाना आम बात हो गई जबकि मांग से 800 मेगावाट अधिक बिजली की खरीद की जा रही है।
इस बारे में प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा का कहना है कि जर्जर तार, कम क्षमता वाले ट्रांसफार्मर और बिजली चोरी इसके लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि 2018 तक सबको बिजली पहुंचाई जाए। अब प्रश्न यह उठता है कि बिजली चोरी होती है ,कम लोड लेकर लोग धौकनी की तरह एसी का इस्तेमाल करते है तो क्या इसके लिए सभी जिम्मेदार है ?
ऐसे बिजली चोरों के खिलाफ कार्यवाही का अधिकार किसका है? क्या 25 प्रतिशत बिजली चोरों से पूरी जनता को परेशान किया जा सकता है, शायद नहीं। सच्चाई यह है कि बिजली विभाग अपनी जिम्मेदारियों से भाग रहा है। जिस बिजली विभाग के अधिकारियों को बिजली चोरो पर कार्यवाही करनी चाहिए, वही उनसे पैसे लेकर बिजली चोरी करने के तरीके बताते है।