पल पल रथ बदल रहे यमराज….!

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ख़ान आशू

शुक्र की शाम यमराज जी हवाई मार्ग से धरती पर आए और दर्जन भर से ज्यादा जिंदा लोगों को लाश में तब्दील कर चले गए…! शुक्र की जाने जैसी बात यही है कि कालीकट के टेबल टॉप रनवे पर उतरने वाले करीब पौने दो सौ लोग यमराज से आंखें चुराने में कामयाब हो गए….!

यमराज की तल्ख नजर पिछले कई महीनों से हिन्द की सरजमीं पर ही टिकी हुई महसूस हो रही है….! एक दिन पहले ही यमराज जी ने इलाज और राहत की तलाश में पहुंचे लोगों को अस्पताल में ही दबोच लिया था….! अग्नि के रथ पर सवार होकर आए मौत के फरिश्ते ने बचाव और चीत्कार का एक मौका तक लोगों को नहीं दिया….! कुछ दिन गुज़रे हैं, जब जल वाहन पर विराजित होकर आए यमराज ने कई लोगों को दूसरी दुनिया का बाशिंदा बना दिया था, कई को बीमार और कई को बेघर बनाकर छोड़ दिया था…!

यमराज जी का धरती दौरा करीब चार महीने से लगातार जारी है….! न दिखने वाले एक छोटे से तिनके ने जहां दुनिया को हिला रखा है, वहीं हिन्द की जमीं से हजारों लोगों को मौत की आगोश में समा दिया है….! सिलसिला अब भी जारी है, डर अभी बरकरार है, यमराज जी का दौरा फिलहाल अपनी रफ्तार पर ही है….!

हवा, पानी, अग्नि और क्षुक्ष्म वायरस की पीठ पर सवार होकर पधार रहे यमराज जी अपनी गति से सफर कर रहे हैं…! इस बात अहसास भी करा रहे हैं मौत शाश्वत है, अपने निर्धारित समय पर दस्तक दे ही देगी….! उसको न ऊंची दीवार रोक पाएगी और न गहरी खाई से उसकी गति धीमी होगी….! अग्नि, वायु, जल किसी भी रास्ते वह आएगी, अपना कर्म पूरा कर लौट जाएगी…..!

पुछल्ला
खुशियों की चाह में मातम का सौदा कर बैठे…!
बरसों बरस की कोशिशों, इबारत, इमारत को ढहने में शब्दों की चंद कांकरिया ही सार्थक हो गई हैं। बेगानी शादी में अब्दुल्ला की दीवानगी अब न घर के रहे, न घाट के, जैसे हालात बना चुके हैं। बरसों पुरानी पार्टी न सोची समझी किसी बात को कहने का अधूरा सच उगल पा रही है और न गलती से जुबान पर अाई दिल की बात का झूठ गटक पा रही है।

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