आज हम आपको दुनिया के 10 सबसे रहस्यमयी स्थानों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिन रहस्यों को अब तक सुलझाया नहीं जा सका है.
- ईस्टर द्वीप : यह मानव आकृतियों की मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है. यहां हर जगह पर इंसान जैसा दिखने वाला चेहरा नजर आता है. ये करीब 40 फुट लंबे और हज़ारों की संख्या में हैं. उनका पूरा शरीर ज़मीन के अंदर इस प्रकार धंसा हुआ है कि बस उनका इंसान-जैसा दिखने वाला चेहरा ही सतह पर नजर आता है. ईस्टर द्वीप पोलिनेशिया में एक दूरदराज द्वीप है, जो ज्वालामुखी की वजह से बना है. रहस्य ये है कि इतनी बड़ी आकृतियां किसने और क्यों बनाईं और इसे कैसे यहां तक पहुंचाया गया.
- बरमूडा त्रिकोण : बरमूडा त्रिकोण, जिसे शैतानी त्रिकोण के नाम से भी जाना जाता हैं, उत्तर अटलांटिक महासागर के पश्चिमी हिस्से का एक क्षेत्र हैं. इस इलाके से गुजरने वाले जहाज और विमान रहस्यमयी तरीके से गायब हो जाते हैं. ये जहाज क्यों गायब हो जाते हैं, इसका कोई ठोस जवाब वैज्ञानिकों के पास नहीं है. गायब हुए जहाजों का आज तक पता नहीं चला है. इस रहस्य को सुलझाने के लिए यूरोप और अमेरिका के कई वैज्ञानिकों ने कोशिश की, लेकिन अभी तक यह रहस्य ही बना हुआ है.
- एरिया 51 : एरिया 51 अमेरिका के वायुसेना का एक सैन्य अड्डा है. यह कैलिफोर्निया के नेवादा परीक्षण और प्रशिक्षण रेंज में स्थित है. यह जगह लॉस वेगास शहर से करीब 80 मील उत्तर-पश्चिम में स्थित है. इसे रहस्यमयी इसलिए माना जाता है, क्योंकि न्यू मैक्सिको में वर्ष 1947 में जो णऋज रोसवैल में दुर्घटनावश गिर गया था, तो उसमें मौजूद एलियन और उनकी तकनीक को यहां गुप्त तरीके से लाया गया था. कहा जाता है कि यहां एलियन्स के संबंध में परीक्षण किए जाते हैं.
- तेओतिहुकन : मैक्सिको शहर से 30 मील दूर तेओतिहुकन एक प्राचीन मेसो-अमेरिकन शहर है. ऐसा कहा जाता है कि पिरामिड से भरी हुई यह जगह 1400 वर्ष पूर्व में रहस्यमय तरीके से ख़त्म हो गई थी. आज तक कोई नहीं पता लगा सका है कि उसेे बनाने वाले कौन थे और वे अपने घर को किस नाम से पुकारते थे. मैक्सिको के लोग इसे जिस नाम से पुकारते हैं, उसका मतलब होता है, वह जगह जहां से भगवान की उत्पत्ति हुई.
- गीज़ा का महान पिरामिड : गीज़ा का महान पिरामिड गीज़ा पिरामिड कॉम्प्लेक्स के तीन पिरामिड में से सबसे पुराना और बड़ा है. दुनिया के प्राचीन सात अजूबों में भी ये सबसे प्राचीन है और इकलौता ऐसा है, जो बिलकुल पहले जैसा है. खुफू का महान पिरामिड 2589 ई.पू. और 2504 ई.पू. के बीच बनाया गया था. इसकी ऊंचाई करीब 481 फ़ीट है. यह भी एक रहस्य है कि कैसे 2.5 टन के भारी पत्थरों से इसका निर्माण हुआ होगा.
- स्टोनहेंज : यह विल्टशायर (इंग्लैंड) में स्थित एक ऐतिहासिक स्मारक है. इस स्मारक की कहानी और उद्देश्य आज भी एक रहस्य बना है. ऐसा कहा जाता है कि कुछ किसान और चरवाहों ने इसे 5 हजार साल पहले बनाया था. बाद में करीब 700 सालों तक इसका निर्माण जारी रहा था. हालांकि, यहां कोई लिखित अभिलेख नहीं है, जिससे इसके बारे में पता लगाया जा सके कि इसके निर्माण के पीछे क्या मकसद था?
- नजका की लकीरें : नजका की रहस्मयी लकीरें शत-प्रतिशत असली हैं. दक्षिण पेरू में मौजूद नजका की लकीरें कोलंबस के पहले के समय से रेगिस्तान की रेत में खुदी हुई, जियोग्लिफ़ का समूह हैं. नाजका रेखाएं मानवाकृतियों और पशु-पक्षी विशेषकर बन्दर की आकृतियों से मेल खाती हैं. नाजका रेखाओं में हज़ारों सरल रेखाएं हैं, जो यहां की लाल मिट्टी को खोद कर बहुत ही करीने एवं सरल तरीके से उकेरी गयी हैं. अभी तक यह पता नहीं चल पाया है कि 600 से 800 फीट तक लंबे इन आकारों को ऐसे वीरान स्थान पर बनाने का उद्देश्य क्या रहा होगा, किसके द्वारा और क्यों किया गया?
- रेसट्रैक प्लाया : यह कैलिफोर्निया के डेथ वैली में स्थित है. इस सूखे मरुस्थल पर अलग-अलग वजन के ये पत्थर बड़े रहस्यमयी ढंग से मौजूद हैं. कुछ पत्थर ऐसे लगते हैं, जैसे वे घिसटते हुए आगे बढ़ रहे हैं. उनके पीछे लंबी लकीर मौजूद है. किसी इंसान या जानवर के जरिए इन पत्थरों को घसीटने के सबूत नजर नहीं आते हैं, क्योंकि वहां मौजूद मिट्टी से कोई छेड़छाड़ के सबूत नहीं मिले हैं.
- ब्लडफॉल : अंटार्कटिका जहां हमेशा बर्फ जमी रहती है. अंटार्कटिका की मैक-मरडो की घाटी स्थित टॉयलेर ग्लेशियर में एक ऐसा वाटरफॉल है, जिससे बहने वाले पानी का रंग खून के जैसा गाढ़ा लाल है. इस वाटरफॉल का नाम इसी कारण से ब्लड फॉल पड़ गया. ब्लड फॉल पांच मंजिला इमारत जितना ऊंचा है. इस वाटरफॉल को देखने के लिए सैलानियों की भीड़ नहीं उमड़ती है, क्योंकि उनका मानना है कि यहां कोई आत्मा निवास करती है, जो लोगों को मार देती है, जिसके कारण इसका रंग लाल है.
- ताओस हम्म : न्यू मैक्सिको के इस बेहद खूबसूरत मगर छोटे शहर ताओस ने दुनिया में सनसनी फैला दी है. इस शहर के बारे में ये चर्चित है कि इस शहर के बाहरी इलाकों में डीजल इंजन के चलने की आवाज़ आती है. हालांकि इस आवाज़ को सभी साफ़-साफ़ सुन सकते हैं, मगर कई डिटेक्टिव मशीनें भी इन आवाज़ों के स्रोत को अब तक नहीं पकड़ सकी हैं. इस आवाज़ को ताओस हम्म के नाम से जाना जाता है.
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