महिला सशक्तिकरण और उनके अधिकारों की बात हमेशा से की जाती रही है. लेकिन आज भी दुनिया की आधी आबादी अपने अधिकारों से वंचित है. ऐसे में विश्व बैंक द्वारा लैंगिग समानता पर जारी की गई रिपोर्ट चौंकाने वाले आंकड़े प्रस्तुत करती है. विश्व बैंक ने ‘वूमेन, बिजनेस एंड द लॉ 2019’ नाम से यह रिपोर्ट जारी की है.इसके मुताबिक दुनिया के केवल छह देशों में महिलाओं को पुरुषों के बराबर अधिकार प्राप्त है. इन देशों में बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, लातविया, लक्समबर्ग और स्वीडन शामिल हैं.

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तो वहीं इस लिस्ट में भारत 63वें पायदान पर खड़ा है. जाहिर है तेजी से महाशक्ति बनने की राह पर अग्रसर भारत में महिलाओं के अधिकारों के लिए बहुत कुछ करने की जरुरत है.

वहीं भारतीय उपमहाद्वीप की बात करें तो यहां भी मालदीप की स्थिति भारत से बेहतर नज़र आती है. भारतीय उपमहाद्वीप में मालदीप 73.75 अंकों के साथ सबसे ऊपर बना हुआ है तो वहीं भारत दूसरे पायदान पर है.जबकि पाकिस्तान में महिलाओं की स्थिति काफी बदतर नज़र आती है.

दुनिया के 187 देशों में लैंगिग समानता को लेकर हुए अध्यन में सामने आया है कि विश्व में महिलाओं को पुरुषों के मुकाबले केवल 75 फीसदी अधिकार प्राप्त हैं. तो वहीं इस रिपोर्ट में अमेरिका को 83.75, यूनाइटेड किंगडम को 97.5, जर्मनी को 91.88 और ऑस्ट्रेलिया को 96.88 अंक मिले हैं. चौंकाने वाली बात ये है कि दुनिया में महाशक्ति का दंभ भरने वाला अमेरिका लैंगिग समानता वाले शीर्ष 50 देशों में भी शामिल नहीं है

दुनियाभर में महिलाओं की स्थिति का आकलन करने के लिए जिन मानदंडों को आधार बनाया उसमें महिलाओं द्वारा नौकरी करना, भुगतान मिलना, शादी करना, बच्चे पैदा करना, व्यवसाय करना, संपत्ति प्रबंधन और पेंशन पाने जैसी चीजें शामिल की गई थी.

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