हार में एक अप्रैल से शराबबंदी कर नीतीश कुमार जहां अपनी पीठ खुद ही थपथपा रहे हैं वहीं भाजपा समेत तमाम विपक्षी दलों के नेता उनके द्वारा की शराबबंदी को पॉलिटिकल स्टंट करार दे रहे हैं. विरोधियों का कहना है कि पहले नीतीश ने घर-घर शराब परोस कर सबको पीने की लत लगा दी अब शराबबंदी करके आधी आबादी महिलाओं के हमदर्द बनने में जुटे हुए हैं. राष्ट्रीय स्तर पर इसे राजनीतिक हथियार बनाकर प्रधानमंत्री बनने की तमन्ना पालने लगे हैं. लेकिन इसके साइड इफेक्ट अभी से मिलने चालू हो गये हैं.
मालूम हो कि वर्ष 2014 में बिहार सरकार को शराब मद से कुल 3500 करोड़ रुपये, कुल राजस्व का 15 प्रतिशत प्राप्त हुआ था. नेशनल सैम्पल सर्वे ऑफिस के अनुसार भारत में सबसे अधिक शराब की खपत में बिहार चौथे स्थान पर था. शराब से बिहार सरकार को प्रतिवर्ष 5 हजार करोड़ की आय होती थी. पूर्व में 1977 में कर्पूरी ठाकुर के कार्यकाल मेंे शराब पर प्रतिबंध लगा था. आर्थिक राजनीतिक कारणों से कर्पूरी ठाकुर कौ फैसला वापस लेना पड़ा. 1996 में हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री बंसी लाल ने शराब बंदी को लागू किया परिणाम यह निकला कि हरियाणा के सारे शराबियों का जमावड़ा राजस्थान, पंजाब और दिल्ली की सीमा पर रात भर लगने लगा. शराबी शराब पीने रात में राजस्थान पंजाब जाने लगे और सबेरे होने पर घर लौटते थे. शराब बंदी के कारण 1998 के विधानसभा चुनाव में हरियाणा में बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी की करारी हार हुई.
बिहार में शराब बंदी से सीमांचल के पूर्णिया, किशनगंज, अररिया, कटिहार के शराबियों का जमावड़ा बंगाल एवं नेपाल की सीमा पर लगने लगा है जिससे यहां शराब की बिक्री में दोगुने से अधिक का इजाफा हुआ है. बंगाल सरकार को बिहार में शराबबंदी का भरपूर राजस्व का लाभ मिलने लगा है. बंगाल सरकार विगत एक माह के अंदर राजस्व बढ़ाने को लेकर सीमांचल की सीमा से सटे बंगाल के छोटे-छोटे कस्बों में भी दुकानें एवं बियर-बार लगभग एक दर्जन नये लाइसेन्स निर्गत किये हैं. इससे बंगाल के उत्पाद राजस्व मे काफी उछाल आया है.
बंगाल का हरिश्चंद्रपुर, टुनीदिघी, करणदिघी कटिहार के बारसोई अनुमंडल की सीमा से लगता है, बंगाल का दालकोला और सूर्यापुर पूर्णिया के बायसी अनुमंडल से सटा है. किशनगंज से बंगाल का कानकी रामपुर पांजीपाड़ा सटा है. किशनगंज के पोठिया से इस्लामपुर कालागच्छ एवं सोनापुर सटा है. वही ठाकुरगंज से विधान नगर, बागडोगरा, सिलीगुड़ी और गलगलिया सटा है. ये सारे कस्बे राष्ट्रीय उच्चपथ 31 एवं 327 पर स्थित हैं. यहां पर बिहार के शराबियों का जमघट लगने लगा है. शाम ढ़लते ही यहां के बियर बार से लेकर लाइन होटलों में बहार छा जाती है.
इस्लामपुर स्थित ब्लू डायमंड बियर बार में कुछ शराबियों से बिहार में शराब बंदी को लेकर बात की गई तो अपना नाम नहीं छापने की शर्त पर वे तपाक से बोल पड़े. एक पारो थी जो देवदास को हमेशा शराब छोड़ने के लिए कहती रही, मगर एक देेवदास की शराब नहीं छुड़वा सकी. अब एक नीतीश कुमार हैं जो एक झटके पूरे बिहार वासियों का शराब छुड़वा देना चाहते हैं. अब हमारा रात्रि विश्राम भी बंगाल में होने लगा है. बंगाल में घर भी बना रहे हैं. काम करेंगे बिहार में, आराम करेंगे बंगाल में.
बिहार में व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर भी रोक लग रही है. उल्टे सवाल दागते हुए पूछा कि बिहार में लॉटरी पर प्रतिबंध है फिर भी वहां लॉटरी बिक रही है. बंगाल में न तो लॉटरी पर प्रतिबंध है न तो शराब पर. आज बंगाल दोनों तरह के राजस्व से मालामाल हो रहा है, जबकि बिहार दोनों राजस्व से वंचित है ऐसे में जब राज्य को राजस्व ही नहीं प्राप्त होगी तो विकास खाक होगा. वहीं ठाकुरगंज, दिघलबैंक, टेढ़ागाछ, कुरसाकांटा, सिकटी, पलासी, जोगबनी, फारबिसगंज के शराबी जब शाम में नेपाल में प्रवेश करते हैं तो दूसरे दिन प्रात: ही घर लौटते हैं. हाल यह है कि शराब के लिए सीमांचल के शराबियों ने ठिकाना खोज लिया है. ऐसा नहीं है कि सरकार सतर्क नहीं है. लगातार छापेमारी हो रही है और शराब जब्त भी हो रही हैं. लेकिन अगर पड़ोसी राज्य मदद नहीं करेंगे तो इसका असर बिहार पर पड़ना तय है. हालांकि सूबे का पुलिस प्रशासन पूरी मुस्तैदी से लगा है.
बिहार सरकार ने राज्य से लगी नेपाल एवं बंगाल के सीमा पर अवैध शराब के प्रवेश को रोकने लिए कुल 39 चेक पोस्ट बनाए हैं. जहां सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है लेकिन नित्य शराब तस्करी के नये मामले प्रकाश में आ रहे हैं. मद्य निषेध अभियान के तहत राष्ट्रीय उच्च पथ 31 पर किशनगंज के फारिंग गोला चेक पोस्ट पर चेकिंग के दौरान एक पिकप वैन डब्लू बी 73सी 6656 से 150 पेटी बीयर बरामद हुई. चालक के अनुसार यह माल सिलीगुड़ी से मालदा जा रहा था. 21 अप्रैल को राज बस डब्लू बी 73-2370 से 38 बोतल विदेशी शराब बरामद हुआ. इस गाड़ी से गलगलिया चेक पोस्ट दो तस्कर को भी पकड़ा गया राज बस सिलिगुड़ी से मुजफ्फरपुर जा रही थी. गलगलिया में नेपाली युवक मिलन लिम्बू से सिक्किम र्निमित दो बोतल विदेशी शराब एवं एक बोतल बीयर पकड़ी गई. 20 अप्रैल को जोगबनी बॉर्डर पर चार युवकों को नेपाली शराब के साथ पकड़ा गया.
पूर्णिया के दलकोला चेक पोेस्ट पर 24 अप्रैल को एक एंबुलेन्स से 25 लीटर विदेशी शराब की पेटियां जब्त की गई. एंबुलेन्स चालक सुरेश नाथ का कहना था कि शराब लेकर वह आंध्रप्रदेश जा रहा था. साथ ही उसका कहना था कि लाश लेकर वह सिक्किम गया था लेकिन रास्ता भटक गया. विगत दिनों बंगाल-बिहार सीमा पर हटवार (किशनगंज) गुप्ता बियर बार पर बिहार-बंगाल पूलिस की संयुक्त छापेमारी में बड़े पैमाने पर अवैध शराब जब्त की गई. उल्लेखनीय है कि बंगाल के उत्पाद विभाग द्वारा गुप्ता बियर बार को एक नई शराब दुकान का लाइसेन्स हाल ही में निर्गत किया गया था.
पूर्णिया के कुछ शराबियों का कहना कि 200 रुपये अधिक देने से पूर्णिया में शराब उपलब्ध हो जा रही है, जो गिट्टी लदे ट्रकों के माध्यम से पूर्णिया पहुंचती है. पूर्णिया प्रमंडल के डीआईजी उपेन्द्र कुमार सिन्हा ने 14 मार्च की बैठक में कहा कि नेपाल, बांग्लादेश-पश्चिम बंगाल की सीमा राज्य से लगने के कारण शराब की खेप पहुंचने की संभावना को देखते हुए पुलिस विभाग ने हर जरूरी कदम उठाए हैं. अब देखना दिलचस्प होगा कि सीमांचल के शराबियों के नए ठिकानों पर बिहार पुलिस कैसे और क्या कार्रवाई करती है?