भोपाल। वक्फ जायदाद सम्हालने वाला बोर्ड हो या हाजियों की खिदमत करने वाली प्रदेश हज कमेटी या फिर निकाह और तलाक पर फैसले करने वाली भोपाल कजियात कमोबेश सभी संस्थाओं में महिला अधिकारी एवम कर्मचारियों से दूरी ही रही है। बरसों से चली आ रही इस खामी को लेकर राजधानी भोपाल की महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया है। अल्पसंखयक कल्याण मंत्री से लेकर मुख्यमंत्री तक पहुंची गुहार के बाद अब प्रदेश सरकार ने इस मामले में गंभीरता से विचार शुरू कर दिया है।

सामाजिक कार्यकर्ता नाजिया खान और उनकी महिला ब्रिगेड ने मुस्लिम संस्थाओं में महिला आरक्षण को लेकर मोर्चा खोला है। अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री रामखेलावन पटेल को सौंपे गए ज्ञापन में कहा गया है कि मसजिद कमेटी और कजियात से होने वाले निकाह एवम तलाक के फैसलों के बीच होने वाली काउंसलिंग का जिम्मा पुरुष काउंसलरों के हाथों में है। जबकि महिलाओं की कई बातें और समस्याएं ऐसी भी होती हैं, जिनका जिक्र वे किसी पुरुष काउंसलर से नहीं कर सकतीं। ऐसे ही हालात प्रदेश हज कमेटी के भी हैं, जहां से हज के दौरान जाने आने वाली महिला हज यात्रियों को कई बार महिला सहयोगी की जरूरत होती है। लेकिन इन संस्थाओं में महिला अधिकारी या कर्मचारी की गैर मौजूदगी के चलते कई बार विकट स्थिति बन जाती हैं। नाजिया ने कहा कि अल्लाह की जायदाद को सहेजने वाले मप्र वक्फ बोर्ड को सरकारी अनुदान प्राप्त है। यहां की व्यवस्थाएं सरकारी निगरानी में हैं लेकिन इस सरकारी विभाग में महिला आरक्षण को पूरी तरह से दरकिनार रखा गया है। उन्होंने अल्पसंखयक कल्याण मंत्री के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से अपील की है कि सभी मुस्लिम संस्थाओं में महिला आरक्षण लागू किया जाए। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं में महिला अधिकारी और कर्मचारी की मौजूदगी से न सिर्फ यहां आने वाली महिलाओं को आसानी होगी बल्कि इन विभागों में जारी भ्रष्टाचार के हालात पर भी अंकुश लग पाएगा।

अल्पसंख्यक विभाग ने लिया संज्ञान
सूत्रों का कहना है कि अल्पसंख्यक मंत्री रामखेलावन पटेल ने महिला ब्रिगेड की बात को गंभीरता से लिया है। उन्होंने इस मामले को विभागीय मंजूरी देते हुए इस पर शीघ्र व्यवस्था देने की बात कही है। बताया जा रहा है कि अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने इसका प्रस्ताव मुख्यमंत्री को भेजने की तैयारी कर ली है। सूत्रों का कहना है कि सीएम की सहमति मिलने के बाद मुस्लिम संस्थाओं में महिला आरक्षण का मामला केबिनेट मंजूरी के लिए जाएगा। जिसके बाद मप्र वक्फ बोर्ड, प्रदेश हज कमेटी, मसाजिद कमेटी आदि में महिला अधिकारी और कर्मचारियों की नियुक्ति के रास्ते आसान हो सकते हैं।

यहां मौजूद महिलाएं
जानकारी के मुताबिक अल्पसंख्यकों और खास तौर से मुस्लिमों से जुड़ीं कुछ संस्थाओं में महिला अधिकारी और कर्मचारी की मौजूदगी है। इनमें मप्र राज्य अल्पसंख्यक आयोग, मप्र मदरसा बोर्ड, मप्र उर्दू अकादमी, अल्पसंख्यक वित्त विकास निगम आदि शामिल हैं।

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