नईदिल्ली: केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए महिलाओं को सेना में स्थायी कमीशन देने की घोषणा की है. रक्षा मंत्रालय की ओर से शॉर्ट सर्विस कमीशन से जुड़ा एक अहम फैसला आया है.जिससे महिला अधिकारियों को अब भारतीय सेना में स्थायी कमीशन मिल पायेगा. 15 अगस्त 2018 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने की बता कही थी. रक्षा मंत्रालय के फैसले के बाद अब महिलाएं रिटायरमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं.

रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक अब सेना की सभी शाखाओं में महिलाओं को परमानेंट कमीशन दिया जाएगा. इससे पहले सेना की 10 शाखाओं में महिलाओं के लिए शॉर्ट सर्विस कमीशन का प्रावधान था.लेकिन अब महिलाएं अपनी रिटारयमेंट की उम्र तक सेना में काम कर सकती हैं. सेना में महिलाओं की भर्ती शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) के जरिये सिर्फ 14 साल के लिए होती थी. वहीं 14 साल की सेवा के बाद शिक्षा, कानून, सिग्नल, इंजीनियरिंग जैसी ब्रांच में महिला अफसरों को स्थाई कमीशन दिया जाता था.


लेकिन अब महिला अधिकारियों को उनकी सर्विस पूरी होने से पहले उन्हें स्‍थाई कमीशन विकल्‍प दिया जाएगा. महिला अधिकारियों को सिग्नल, इंजीनियर, आर्मी एविएशन, आर्मी एयर डिफेंस, इलेक्ट्रॉनिक्स और मैकेनिकल इंजीनियर, आर्मी सर्विस कॉर्प्स, आर्मी ऑर्डिनेंस कॉर्प्स और इंटेलिजेंस में पर्मानेंट कमीशन मिल सकता है. जबकि इससे पहले तक महिला अधिकारियों को सिर्फ न्यायाधीश एडवोकेट जनरल और शिक्षा में स्थायी कमीशन दिया जाता था.

मौजूदा समय में आर्मी, नेवी और एयर फ़ोर्स में कुल मिलाकर साढ़े तीन हजार महिला अधिकारी कार्यरत हैं जिनकी भर्ती ‘शार्ट सर्विस कमीशन’ के जरिये की गई है. रक्षा मंत्रालय का फैसला महिलाओं के लिए अहम माना जा रहा है क्योंकि 14 साल सेना में कार्यरत रहने के बाद उन्हें रोजगार मिलना मुश्किल होता है.साथ ही मात्र 14 साल तक सेना में काम करने की वजह से महिला अधिकारीयों को पेंशन और दूसरे फायदे भी नहीं मिल पाते थे.

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