चौथी दुनिया ब्यूरो: संसद के शीतकालीन सत्र में नोटबंदी के मुद्दे पर लगातार हो रहे हंगामे के बाद अब सरकार को एक और करारा झटका लगा है. सरकार की तरफ से विपक्षी दलों से बात करने की पहल को विपक्षी दलों ने सिरे से इनकार कर दिया है. राजनाथ ने विपक्षी दलो से बात करने के लिए एक बैठक बुलाई थी जिसमें आने के लिए विपक्ष ने साफ़ मना कर दिया है.
विपक्षी दलों ने सरकार को दो टूक शब्दों में कह दिया है की जो भी बातचीत होगी वो २८ नवम्बर के बाद होगी। सभी दलों ने फैसला लिया है की २८ नवम्बर को देश भर में ‘आक्रोश दिवस’ मनाया जायेगा। विपक्ष के इस रवैये के बाद अब प्रधानमंत्री अपने सभी वरिष्ठ मंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं जिसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर, वेंकैया नायडू और अरुण जेटली मौजूद रहेंगे।
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे की तरफ से पहले ही इस बहिष्कार के संकेत दिए गए थे. खड़गे ने कहा है हम लोग बाकि विपक्ष के नेताओं से पहले ही मुलाक़ात करेंगे और उसके बाद ही हम ये तय कर पाएंगे की हम राजनाथ सिंह की बैठक में शामिल होंगे या नही.
इससे पहले केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार की तरफ से ये कहा गया था की हम इस बैठक के जरिये कोई औपचारिकता नही करेंगे. इस बैठक में हर कोई हमे सुझाव दे सकता है, हमारे लिए सभी पार्टियां एक सामान है.