नीमच। म.प्र.सरकार तथा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान को बस संचालकों एवं परिवहन कर्मचारियों की पीड़ा और जनता की परेशानी न दिखना एक मज़ाक़ सा बन गया है।
म.प्र. ट्राँसपोर्ट बर्कर्स फेडरेशन इंटक अध्यक्ष कृपाशंकर वर्मा महामंत्री प्रवेश मिश्रा, सयुक्त महामंत्री रामराज तिवारी एव उज्जैन संभागीय अध्यक्ष भगत वर्मा ने एक बयान में कहा कि म.प्र में 22 मार्च से यात्री बसें, स्कूल बसें, टेक्सिया बन्द होने से और ट्रेने बंद होने से आटो चालक परिवहन कर्मी सहित बस मालिक एवं मजदूर भारी आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, कुछ मालिक एवं मजदूर काल के गाल में समा चुके हैं फिर भी सरकार सब कुछ जान कर भी अनजान बनी हुई है।
प्रेस को जारी बयान में फेडरेशन इटंक के संभागीय अध्यक्ष भगत वर्मा ने बताया कि मध्यप्रदेश ट्रांसपोर्ट फेडरेशन प्रदेश सरकार एवं भारत सरकार के समक्ष अनेकों बार ज्ञापन तथा मांग पत्र प्रेषित कर चुका है। प्रदेश के कई स्थानों पर परिवहन कर्मी तथा निजी बस संचालक प्रदर्शन करते आ रहे हैं। राजधानी भोपाल में प्रदेश स्तरीय आन्दौलन की अनुमति प्रशासन द्वारा नहीं दी जा रही है। ऐसा लगता है कि प्रदेश सरकार बस मजदूरों एवं मालिकों के धेर्य की परीक्षा ले रही है ।
बसें चली नहीं तो टेक्स किस बात का दे, डीजल 63 रूपए से बड़कर 83 रुपये/लीटर हो गया है । कोरोना थमा नहीं, स्टाफ को न राशन न राहत राशि यह कैसा न्याय है, निजी बस मालिको एवं निजी बसों के कर्मचारियों ने शिवराज सरकार को कई बार समस्या के समाधान के लिए चेताया है। लेकिन सरकार ऑख बंद कर बैठी है ।
फेडरेशन इटंक के नेताओं ने कहा है कि यदि सरकार ने शिघ्र मांगे पूरी नहीं की तो इटंक के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता मुख्यमंत्री निवास पर गिरफ्तारी देंगे क्योंकि इसके अलावा अब कोई रास्ता नहीं दिखता है।इसलिये हमारा प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चोहान तथा प्रदेश के परिवहन मंत्री से पुन:आग्रह किया है की पहले 6 माह का टेक्स माफ करें, डीजल की कीमत घटायें, स्टाफ को राशन, राहत राशि देवे, बीमा एवं नाँन यूज की अबधि बढाए नहीं तो 31अगस्त को जेल भरो आन्दौलन की तारीख घोषित करेंगे।
शाकिर शेख़ की रिपोर्ट