कुल तेईस किलोमीटर के क्षेत्रफल और पैंसठ हजार जनसंख्या वाला द्वीप समूह में कुल सत्ताईस द्विप है जिनमें से सिर्फ छह द्वीप पर मनुष्य बसाहट है ! और बहुत ही सुंदर परिसर है ! अभी पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस विश्व भर मनाया गया है पांच तारीख के अखबारों में एक-एक पन्ने के सरकारी विज्ञापन थे कि कैसे हमारे देश के पर्यावरणीय समस्याएं हैं ? और उनके संरक्षण के लिए क्या करना चाहिए?

सरकारो के कई-कई परस्पर विरोधी बातें होती है ! कि एक तरफ पर्यावरण संरक्षण की लफ्फाजी! लेकिन तथाकथित विकास के लिए अंधाधुंध जंगल, पेड काटने के भी पर्याप्त उदाहरण मौजूद है!और आम लोगों ने विरोध किया तो वह विकास विरोधी है ! बोलकर सरकार साम दाम दंड भेद से अपनी मनमानी करती है !

लक्षद्वीप जैसे अरेबियन समुद्र के भीतर केरल के कोची से 250 किलोमिटर की समुद्री दूरी का द्वीपसमूह है!और भारत के केंद्र शासित प्रदेशों में उसका समावेश होता है 97% मुस्लिम बहुलतावादी क्षेत्र है लेकिन वह अंदमान-निकोबार द्वीप समूह के जैसे और एक द्वीप समूह है!और वह भी अंदमान-निकोबार द्वीप समूह के जैसे प्राकृतिक सौन्दर्य से भरपूर है ! उपर देखे तो निला आकाश और नीचे देखे तो निला समुद्र ! और नारियल के पेडो का जंगल कुल मिलाकर एक लाख से भितर की आबादी का परिसर है ! इस द्वीप पर मनुष्य बसाहट कि शुरुआत सातवीं शताब्दी मे शुरुआत हुई है ! और तबसे जीविका के लिए मछली पकड़ने और नारियल की खेती है ! और यह लगभग केरल की मिनी काॅपी है भाषा भी मलयालम है !

पर जबसे केंद्र सरकार की तरफ से प्रशासक के तौरपर 5 दिसंबर 2020 को प्रफुल्ल खोडा पटेल नामके गुजरात के पूर्व गृह मंत्री और बीजेपी के नेता लक्षद्वीप जैसे मुस्लिम बहुलतावादी क्षेत्र में भेजने की योजना बद्ध करतूत करके इन्होंने वहां पहुंच ने के छह महीने के भीतर ही बीफ बैन और शराब बंदी खत्म करने के ! परस्पर विरोधी निर्णय की घोषणा कर के एक और अजीबोगरीब फैसला किया है कि अगर किसी को दो से ज्यादा बच्चे है तो वह चुनाव (स्थानीय निकायों के) मे उम्मीदवार नहीं हो सकता ! 29 जनवरी को एंटी सोशल एक्टीविटी रेगुलेशन एक्ट जिसमें किसी भी व्यक्ति को एक साल तक बगैर ट्रायल हिरासत में रखने का प्रावधान है ! जो गुजरात के दंगों में शामिल होने वाले संघ के गुंडे और उत्तर प्रदेश, हरियाणा में गोमांस के आडमे माॅब लिंचिग करने वाले के खिलाफ इस्तेमाल करने के बजाय मुस्लिमों को फसाने के लिए ही ज्यादा तर इस्तेमाल होता है !

उसके बाद 25 फरवरी से नोटिफिकेशनसे बीफ बैन कर दिया ! जबकि यहाँ की 97% आबादी मुस्लिम है ! सरकारी स्कूल के मीडडे मिल मे शाकाहार कंपलसरी कर दिया है ! अब पशुओ को काटने, बेचने और बीफ खरीद ने पर पाबंदी लगा दी ! पहले वहाँ शराब बेचने पर पाबंदी थी अब खुली छूट दे दी !2021 पंचायत विनिमय के तहत शिक्षा, स्वास्थ्य, मत्स्य पालन जैसे क्षेत्रों में स्थानीय निकायों के अधिकार थे ! उन्हें खत्म कर के अब स्थानीय निकायों के चुनाव मे दो से अधिक बच्चे वाले कोई भी चुनाव नहीं लड सकते ! और इस द्वीप समूह में ग्रामपंचायत एकमात्र इकाई है जिसमें निर्वाचन होता है ! इससे साफ जाहिर है कि प्रशासक सभी शक्तियों को अपने हाथों में रखना चाहते हैं !

28 मार्च के जारी अधिसूचना के अनुसार, प्रशासन विकास कार्यों के लिए किसी भी एरिया को प्लानिंग एरिया घोषित कर सकते हैं ! और प्रशासन को किसी भी क्षेत्र में संपत्ति से हटाने, स्थानांतरण करने के अधिकार ग्रहण और नियंत्रण का अधिकार देता है ! इसका मतलब खनन, राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण, रेल्वे, ट्रामवे आदि विकास कार्यों को बताया जा रहा है ! जो की इस द्वीप समूह के जैसे प्राकृतिक संपदा को नष्ट करने का एक और कदम है !

हालांकि लोगों को डर है कि बेलगाम गतिविधियों से द्वीप समूह के जैसे प्राकृतिक और पर्यावरण की बेशुमार हानी होंगी ! और प्रशासक प्रफुल्ल पटेल का इरादा है कि इस द्वीप समूह में निजी निवेश बढाकर पर्यटन को बढ़ावा देना है ! और इसलिए समुद्र तट पर निर्माण, बडे जहाजोंके परिवहन और अंधाधुंध मछली पकड़ने से स्थानीय लोगों के रोजगार पर सीधा असर पडेगा ! लेकिन बीजेपी के समस्त भारत में गत सात साल से तथाकथित विकास के नाम पर कांडला पोर्ट अदानी समुह को सौपना उनके पहले शुरुआत की है ! और देश के सार्वजनिक उपक्रमों को औने-पौने दामों पर बेचने से लेकर नया कृषी कानून लागू करने की हठधर्मीता गत छह महीने से भी ज्यादा समय हो रहा है भारत के किसानों के आंदोलन के बावजूद सरकार टससेमस नहीं हो रही है! जिसपर भारत की पचहत्तर प्रतिशत आबादी निर्भर है !

तो लक्षद्वीप तो एक लाख से भी कम जनसंख्या को अनदेखा करना कोई बडी बात नहीं है ! और कश्मीर के 370 को खत्म करने के लिए भी यही तर्क देते हैं कि कश्मीर के विकास के लिए जरूरी है ! असल मे नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री काल में उन्होंने तथाकथित गुजरात माॅडल नाम देकर ही इस तरह के विकास के लिए मुझे एक मौका दो 2013 के चुनाव मे देश के लोगों को अपील की थी ! और नरेंद्र मोदी का दुसरा नाम विकास पुरुष भी होने के कारण प्रफुल्ल पटेल सिर्फ नरेंद्र मोदी के कारिंदे के तौरपर लक्षद्वीप जैसे मुस्लिम बहुलतावादी क्षेत्र में जानबूझकर भेजे गए हैं ! उसी तरह संपूर्ण भारत के सभी गैरबीजेपी सरकारोके कामोमे दखलंदाजी के लिए चुन चुन कर राज्यपालों को नियुक्त किया गया ! और बंगाल, महाराष्ट्र के राज्यपाल क्या करतूत कर रहे हैं ? यह पूरा देश देख रहा है !

लगभग सभी राज भवन आज की तारीख में बीजेपी के कार्यालय में तब्दील कर दिये गये है तो प्रफुल खोडा पटेल लक्षद्वीप एक विशेष लक्ष लेकर (देकर) भेजे गए हैं ! वर्तमान भारत की सरकार शत-प्रतिशत कार्पोरेट जगत की सरकार है!भले वह गरीबों के नाम पर मणकी बात में दुनिया भरकी योजनाए बोलते हुए थकते नहीं है!पर सात साल की रिपोर्ट देखनेसे पता चलता है कि यह सरकार अबतक कि भारत के इतिहास में आई हुई पहली सरकार है जो सिर्फ पूंजीवाद के लिए पुंजीपती के लिए सभी कानून नियमों को बदलने पर तुली हुई है ! और उनका मुख्य लक्ष्य भारत के संविधान जोके गरीब-गुरबा के लिए कुछ सुरक्षा देता है वह भी तथाकथित विकास के नाम पर बदलने पर तुली हुई है !

प्रफुल्ल खोडा पटेल जिस गुजरात से गये हैं वहां पर शराब बंदी है ! और गुजरात के चुनावों में ऐसा कोई कानून नहीं है कि आप के दो बच्चे हैं तो आप चुनाव नहीं लड सकते ! और जहाँ तक मुझे याद आ रहा है कि भारत के किसी भी क्षेत्र में इस तरह के कानून लागू किया है !

उत्तर-पूर्व के सभी प्रदेशों में बीफ बैन नहीं है ! जहाँ बीजेपी की सरकारे है ! और टीवी चैनल के बहस-मुबाहिसे मे बीजेपी प्रवक्ता जोर-शोर से दावा भी करते हैं कि हमारे दल कि सत्ता होने के बावजूद हमने उत्तर-पूर्व में बीफ बैन नहीं किया है! भारतीय जनता पार्टी की इतनी दोगली पार्टी सुविधाजनक ढंग से एक जगह पर एक बात करती है ! तो दूसरी जगह पर दूसरी बात करती है !

और प्रमुख रूप से मुसलमानों को छेड़ने की कश्मीर से लेकर लक्षद्वीप जैसे मुस्लिम बहुलतावादी क्षेत्र में जानबूझकर मुसलमानों को छेड़ने की कश्मीर और देश के अन्य हिस्सों में उनका मातृसंगठन संघ सौ साल से भी ज्यादा समय हो रहा है उसका एकमात्र अजेंडा अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सताने, उन्हें असुरिक्षीत मानसिकता में ढकेल कर चौहत्तर साल पहले हिंदू-मुस्लिम विवाद को हवा देकर बैरिस्टर मोहम्मद अली जिन्ना के पाकिस्तान बनाने मे संघ परिवार का भी पाप है ! क्योंकि उनके बौद्धिक पुरोधा बैरिस्टर विनायक दामोदर सावरकर की हिंदुत्व नामकी किताब लाहौर प्रस्ताव पारित करने के लिए सबसे बडी लिखित डाक्यूमेंट के रूप मे काम आयी है ! और उसके बावजूद दुनिया के दो नंबर की मुस्लिम जनसंख्या भारत मे ही है और लक्षद्वीप तो 97% ,कश्मीर 90%और भारत के कई-कई शहरों की जनसंख्या आधे से ज्यादा मुस्लिम बहुलतावादी क्षेत्र है ! और इस तरह के घटनाक्रम को अंजाम देकर मुस्लिम लोगों को उकसाने का काम कर के और कितने पाकिस्तान बनाना चाहते हैं ?

प्रफुल्ल पटेल जिस गुजरात से गये हैं उसी गुजरात मे वर्तमान प्रधानमंत्री के मुख्यमंत्री के कार्यकाल की शुरुआत ही कुप्रसिद्ध गुजरात दंगेसे हुई है ! और छप्पन इंची छाती दो हजार से भी ज्यादा मुसलमान मारने के बाद फुली-फली है !
लेकिन इस तरह के सांप्रदायिक राजनीति करके भारत की एकता और अखंडता के साथ खिलवाड़ करने की देशद्रोह की कृति ! और कमाल की बात संघ परिवार खुद देशभक्ती और देशद्रोह के सर्टिफिकेट बाटने का काम कर रहा है ! और मेरे जैसे राष्ट्र सेवा दल के पचपन साल से भी ज्यादा समय के कार्यकर्ता को यही बात के कारण मेरे उम्र के पंद्रह साल से भी कम समय में यह अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ शाखा, बौद्धिक और खेल, गीतों के माध्यम से दस साल के बच्चे को गोबेल्स के तंत्र से बार-बार बताने से नरेंद्र मोदी, अमित शाह, प्रफुल्ल खोडा पटेल जैसे शाखाणु जीवन के किसी भी क्षेत्र में जाने से बचपन से ही घुट्टी में पिलायी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ द्वेष भागलपुर, गुजरात, मुजफ्फरनगर, मेरठ, नेल्ली, और समय-समय पर भारत के किसी भी क्षेत्र में दंगे की शक्ल लेने का एकमात्र कारण संघ की शिक्षा जो जस्टिस मादान ने भिवंडी-जलगाव दंगे की जाँच रिपोर्टिंग में साफ-साफ लिखा है ! कि भारत के किसी भी क्षेत्र में दंगे के प्रत्यक्ष सहभागी कौन लोग है ? यह बात दीगर है लेकिन 1925 के अक्तूबर के दिन नागपुर में स्थापित किया गया राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के रोजमर्रा के प्रशिक्षण और लगातार अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ फैलाया गया द्वेष दंगे की असली वजह है !

लक्षद्वीप जैसे मुस्लिम बहुलतावादी क्षेत्र में प्रफुल खोडा पटेल के सभी निर्णयों को देखकर तो यही लगता है कि इन्हें केंद्र सरकार ने विशेष रूप से इसी काम के लिए भेजा है तो वह तथाकथित पर्यटन के लिए शराब का समर्थन कर रहे हैं!और जीव रक्षा की आडमे बीफ बैन ! दंगो मे हजारों लोगों को जान से मारने वाले लोगों को गाय, बैल, भैंस को बचाने के तर्क देते हुए देखकर लगता है कि इनके लिए मनुष्य की जान की कोई कीमत नहीं ! लेकिन गाय के नाम पर 2014 सत्ता में आते ही जिस तरह से माॅब लिंचिग मे शेकडो लोगों को मार डाला गया ! और किसी के भी उपर तथकथित गुंडा अॅक्ट के तहत कोई कार्रवाई नहीं की!लेकिन जिस लक्षद्वीप मे किसी भी तरह की गुंडागर्दी या कानून-व्यवस्था की समस्या नहीं होने के बावजूद गुंडा अॅक्ट लगाने का क्या औचित्य है ? सीधा-सीधा मुस्लिम युवाओं को जेलों में ठूसने की नीयत नजर आ रही है !

इसलिए लक्षद्वीप मे वर्तमान प्रफुल्ल खोडा पटेल जैसे प्रशासनिक जिम्मेदारी का जिम्मा सौंपा गया आदमी के गैरजिम्मेदारी भरे कानून और नियमों को तुरंत रोकने की मांग करता हूँ !

 

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