सूबे बिहार में एनडीए बनाम महागठबंधन की राजनीतिक तैयारी जोरों पर है. एक ओर एनडीए खेमा सूबे की सत्ता पर मजबूती के साथ डटे रहने के लिए जहां सहयोगी दलों के साथ बेहतर ताल-मेल बिठाना चाह रही है, वहीं महागठबंधन आगामी लोकसभा व बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए को जोर का झटका देने की फिराक में है. इस बीच दोनों ही गठबंधन दलों के संभावित प्रत्याशी अपने इलाके में चुनावी माहौल बनाने लगे हैं.
यह तय है कि बिहार में चुनाव दो ही धुरंधर दलों के बीच होने हैं, भले ही मैदान में चाहे जितने भी दल का नामांकन हो जाए. सीतामढ़ी जिला में 2019 के लोकसभा चुनाव को लेकर एनडीए के संभावित प्रत्याशियों ने कवायद तेज कर दी है. इनमें कुछ पुराने तो कुछ नए चेहरे भी उभरने की उम्मीद की जा रही है. आधी आबादी का शोर भी चुनावी वातावरण में गूंजने लगा है. इनमें कुछ खुद की बदौलत तो कुछ अपनों की मेहरबानी से चुनावी समर में उतरने का मन बना रही हैं.
2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी के संदर्भ में एक नजर सीतामढ़ी सीट पर डालना आवश्यक है. सीतामढ़ी से 1977 में महंत श्याम सुंदर दास जनता पार्टी से बतौर सांसद निर्वाचित हुए थे. जनता दल से 1989 में हुकुमदेव नारायण यादव, 1991, 96 व 99 में नवल किशोर राय तो 2009 में जनता दल यू से डॉ. अर्जुन राय बतौर सांसद निर्वाचित हुए थे. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में पहली बार एनडीए से भाजपा गठबंधन के तहत रालोसपा की टिकट पर राम कुमार शर्मा को सांसद बनने का मौका मिला.
सीतामढ़ी लोकसभा सीट से एनडीए की ओर से संभावित प्रत्याशियों की चर्चा शुरू हो गई है. इनमें एनडीए से रालोसपा के वर्तमान सांसद राम कुमार शर्मा के अलावा राज्यसभा सांसद प्रभात झा, भाजपा से तिरहुत स्नातक क्षेत्र के विधान पार्षद देवेशचंद्र ठाकुर, पूर्व मंत्री सुनील कुमार पिंटू, पूर्व विधायक राम नरेश प्रसाद यादव की धर्मपत्नी सह विधायक गायत्री देवी व पूर्व विधान पार्षद बैद्यनाथ प्रसाद का नाम चुनावी चौपालों पर चर्चा का केंद्र बना है. वहीं जनता दल यू से पूर्व मंत्री डॉ. रंजू गीता, पूर्व सांसद नवल किशोर राय की धर्मपत्नी राम दुलारी देवी व रून्नी सैदपुर की पूर्व विधायक गुड्डी देवी भी संभावित प्रत्याशियों में चर्चा का केंद्र बनी हैं.
चर्चा यह भी है कि गुड्डी देवी के पति राजेश चौधरी का भी एनडीए से दावेदारी के लिए युवाओं के बीच मंथन का दौर शुरू है. चुनाव में अभी वक्त है. परंतु वर्तमान में एनडीए से दावेदारों में टिकट पाने वालों में कुछ और नए-पुराने चेहरों का नाम शामिल होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. वहीं कुछ ऐसे भी है, जिनकी नजर एनडीए के टिकट पर अटकी तो है मगर वो फिलहाल वेट एंड वाच की स्थिति में हैं. कुल मिलाकर सीतामढ़ी में राजनीतिक तापमान बढ़ना शुरू हो गया है. आम लोगों के बीच चुनावी चर्चा जोर पकड़ने लगी है. संभावित प्रत्याशियों को लेकर राजनीतिक गुणा-भाग का दौर जारी है.