इंदौर। भ्रष्टाचार की गर्त में डूबे अफसरों को न अपने आला अधिकारियों का खौफ है और न नियमों-कायदों का कोई ख्याल। हर तरफ भ्रष्टाचार गंगा बहाने की महारत रखने वाले इन अधिकारियों को मुख्यालय और मंत्रियों के दखल से भी कोई मुश्किल नजर नहीं आ रही है। नियमों को बला-ए-ताक पर रखकर इन्होंने पांच साल पुराने रेट पर दुकानों को सौदा करने से गुरेज नहीं किया है। सरकारी राजस्व का बड़ा नुकसान करने के दौरान इन अफसरों ने सरकारी नियमों से भी आंख फेर ली है।
मामला धार जिले की सहकारी संस्था जनता कोऑपरेटिव मिल्स लिमिटेड का है। जहां लंबे समय से अनियमितताओं का साम्राज्य छाया हुआ है। पिछले कई दिनों से चल रहे इन हालात ने न सिर्फ सरकार के आरक्षण नियमों को धता दिखाया है, बल्कि विभाग को राजस्व हानि भी पंहुचाई है। यहां संचालित नियम विरुद्ध गतिविधियों से हितग्राहियों को भी अपने अधिकारों से वंचित होना पड़ा है। विभाग की नियमविरुद्ध गतिविधियों को लेकर अब सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया को शिकायत की गई है। क्षेत्रीय विधायक हीरालाल अलावा ने मामले की सूचना सहकारिता पंजीयक और धार कलेक्टर को भी दी है।
क्या कहा शिकायत में
विधायक हीरालाल अलावा ने जनता कोऑपरेटिव मिल्स लिमिटेड धामनोद द्वारा बाकानेर में निर्मित किए गए भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई शॉपिंग काम्प्लेक्स के के आवंटन में हुए भ्रष्टाचार को लेकर आपत्ति उठाई है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि संस्था ने इस मामले की विज्ञप्ति आचार संहिता के दौरान ही प्रकाशित करवा दी है। साथ ही इस बारे में ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, तहसील, एसडीएम, विधायक, सांसद किसी को सूचना भी नहीं दी गई। अलावा ने शिकायत में कहा है कि दुकानों के आवंटन के दौरान आरक्षण नियमों को भी दरकिनार किया गया है। तय नियमों के मुताबिक आवंटन में आदिवासी, हरिजन, पिछड़ा वर्ग, सामान्य वर्ग महिला, विधवा महिला, विकलांग आदि को दी जाने वाली प्राथमिकता नहीं अपनाई गई है। विधायक ने दुकानों के महज पांच-सवा पांच लाख रुपए में आवंटित करने को भ्रष्टाचार से जोड़ते हुए कहा कि इसी क्षेत्र में संस्था के काम्पलेक्स के आसपास हाल ही में दुकानों की बिक्री 10 से 15 लाख रुपए में हुई है। अलावा ने इस बात का स्मरण भी मंत्री भदौरिया और रजिस्ट्रार को कराया है कि इसी योजना के पहले फेज में बनाए गए कॉम्पलेक्स का निर्माण करीब पांच साल पहले हुआ था, उस दौरान भी दुकानों की कीमत यही रखी गई थी। उन्होंने कहा कि पांच साल में जहां हर तरफ प्रापर्टी के रेट बढ़ते जा रहे हैं, संस्था ने अपनी संपत्ति की कीमत को कमतर आंकते हुए सरकारी खजाने का नुकसान किया है। उन्होंने इस बात की आशंका भी जाहिर की है कि कागजी तौर पर कम कीमत दिखाते हुए अधिकारियों ने टेबल के नीचे से अपनी जेबें गरम कर ली हैं।
पहले भी हुआ गोलमाल
जानकारी के मुताबिक संस्था द्वारा वर्ष 2015 में भी एक काम्प्लेक्स का निर्माण किया था। इस दौरान दुकानदारों और ग्राहकों की सुविधा के लिए यहां एक सुलभ शौचालय का निर्माण कराया गया था। कुछ समय बाद अधिकारियों ने अपनी मनमर्जी से इस शौचालय को ध्वस्त करवा दिया और इसके स्थान पर एक दुकान निर्माण कर दी। इस दुकान के विक्रय से भी बड़ी रकम का लेनदेन किया गया है, जिसकी आमदनी विभाग की बजाए अफसरों की जेब में पहुंची बताई जाती है।
विधायक ने की जांच की मांग की है कि जनता कोऑपरेटिव मिल्स लिमिटेड धामनोद के पिछले पांच साल के कार्यकाल और गतिविधियों की मुख्यालय स्तर पर जांच कराई जाए। उन्होंने दावा किया है कि निष्पक्ष होने वाली जांच में बड़े घोटाले उजागर होने की संभावना है। उन्होंने बाकानेर के नए कॉम्पलेक्स की दुकानों के विक्रय को निरस्त कर इसकी पुन: नीलामी कराने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि इस बार होने वाली नीलामी की प्रक्रिया पर मुख्यालय से नजर रखी जाए, जिसमें विज्ञप्ति प्रकाशन से लेकर आरक्षण नियमों का पालन भी अनिवार्य किया जाए।

इनका कहना है
शिकायत अब तक मेरे पास नहीं आई है। स्थिति का अवलोकन कर दोषी लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जाएगी। भ्रष्टाचार और मनमानी किसी तरह बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अरविंद भदौरिया, सहकारिता मंत्री


अरविंद भदौरिया, सहकारिता मंत्री

 

-भ्रष्टाचार की गंगा बहाई जा रही है। मामले की शिकायत मंत्री से की गई है। उचित कार्यवाही नहीं की जाएगी तो आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
हीरालाल अलावा, विधायक, मनावर

-मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं है। मामले की जानकारी लेकर कुछ बता पाऊंगा।
राजेश विक्टर, प्रशासक

-जमीन खाली पड़ी थी, उसका उपयोग करने के लिए काम्पलेक्स का निर्माण किया गया है। इससे संस्था को कोई कमाई हो जाए, ये सोचकर पुराने रेट पर दुकानों को बिक्री कर दी गई है।
विजय पाटीदार, मैनेजर

रिपोर्ट
पंकज शर्मा,
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