देश में नोटबंदी के बाद अगर आप इस गलतफहमी में हैं कि किसी भी प्रकार के नोट को आंख मूंदकर लिया दिया जा सकता है तो आप मुगालते में हैं. प.चम्पारण में जाली नोटों के कारोबारी फिर से सिर उठाने लगे हैं. बेतिया पुलिस ने 11 जून को मझौलिया में छापेमारी कर दो-दो हजार के 86 अदद भारतीय जाली नोट के साथ एक महिला समेत दो को गिरफ्तार किया है. एसपी जयकांत ने बताया कि गिरफ्तार लोेगों में नौतन थाना क्षेत्र के दक्षिण तेल्हुआ निवासी उमेश सहनी की पत्नी प्रियंका देवी तथा ब्रजेश सहनी है.
पहलेे से जाली नोट के धंधे के लिए बदनाम रहे तेल्हुआ में न रहकर अपने को सुरक्षित रखने के लिए वे मझौलिया के लाल सरैया में रहकर जाली नोटों का व्यापार करते थे. प्रियंका के पास से 66 हजार व ब्रजेश के पास से 20 हजार अदद दो-दो हजार के रूपये जब्त किए गये हैं. एसपी जयकांत ने बताया कि धराये धंधेबाज शातिर हैं. फेक नोट, असली नोट से थोड़ा सा मोटा है. एक नजर में इसको पकड़ना थोड़ा मुश्किल है. दोनों तस्करों का अड्डा बैंकों के आसपास रहता था.
जहां गांव से आये अनपढ़ खाताधारियों को अपने जाल में फांस कर जाली नोट बदल देते थे. यह जिले के कभी नौतन तो कभी जगदीशपुर,मझौलिया, योगापट्टी आदि गांव के बैंकों के पास अपना नेटवर्क फैलाए हुए थे. वहीं थोड़े-थोड़े मूल्य के सामानों की खरीदारी जाली नोट से कर असली नोट बदल लेते थे. दोनों तस्करों ने स्वीकार किया है कि जाली नोट का खेप नेपाल से तो कभी बांग्लादेश देश से उन्हें एक सरगना मुहैया कराता था, जिसकी जांच चल रही है. वहीं इसके पूर्व जिलेे में पहली बार दो हजार का जाली नोट नौतन के तेल्हुआ गांव में ही बरामद हुआ था. इसके पूर्व एसपी विनय कुमार को पता चला कि तस्कर तेल्हुआ गांव के लालवेंगी पुल के समीप जाली नोट का खेप लेकर बाहर जा रहे है. रात में पुलिस को देख दो तस्कर भागने में सफल हो गये. एक तस्कर बैद्यनाथ सहनी धराया, जिसके पास से दो हजार के 30 नोट यानि 60 हजार राशि का जाली नोट मिला. इसके शिनाख्त पर पुलिस ने तेल्हुआ गांव में छापेमारी कर कई लोेेगों को जेल भेजा.
जिले के नौतन का इलाका फेक करेंसी के मामलेे में खासा बदनाम रहा है. यहां के कुछ लोेगों का आय का जरिया ही फेक करेंसी रहा है. देश के कई बड़े-बड़े शहरों में नौतन क्षेत्र के युवक जाली नोट के धंधे में पकड़े जा चुके हैं. 23 मई को जाली नोट कारोबारियों की गिरफ्तारी के लिए पंजाब पुलिस के सीआईएसटी की टीम ने नौतन के तेल्हुआ में छापेमारी की थी. टीम के सब इंस्पेक्टर हिन्दर सिंह ने बताया कि पटियाला में एक लाख मूल्य के दो हजार नोटों के साथ सिकंदर सहनी को गिरफ्तार किया गया था. सिकंदर का एक अन्य सहयोगी छोटे लाल सहनी फरार हो गया था, जिसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की गयी. लेकिन सफलता नहीं मिली.
मुखिया तक की हो चुकी है हत्या
नौतन के डबरिया गांव के मुखिया पप्पू राय की हत्या के कारणों के पीछे भी जाली नोट के धंधे में वर्चस्व की बात पुलिस मानती रही है. डबरिया से गुजरने व संरक्षण के लिए जाली नोट के तस्करों से राय पैसा वसूलता था. इस क्रम में वह जाली नोट के सौदागर मनोज बीन से लाखों रूपये छीन चुका था. ऐसी घटना वह अन्य तस्करों के साथ भी अक्सर करता रहता था. उसकी दबंगई धंधेबाजों को नागवार गुजरने लगी. उन्होंने एकजुट होकर राय के विरोधियों से संपर्क साधा और उसकी हत्या करवा दी.
नोटबंदी और नए नोटों के प्रचलन के बाद, इस धंधे पर विराम लग गया था और सुर्खियों में रहनेवाला नौतन पर्दे से ओझल हो चुका था. परंतु हाल में दो खेपों में पकड़ाये दो हजार के जाली नोट के बाद, इस इलाके के साथ प. चम्पारण जिला एक बार फिर चर्चित हो गया है.
इधर, पुलिस ने प.चम्पारण में 10 लाख रूपये पहुंचाने का तस्करों के मंसूबे पर पानी फेर दिया. बेतिया-मोतिहारी मुख्य पथ पर बखरिया चौक के समीप रांची से बेतिया आ रही यात्री बस से पुलिस ने जाली नोट की खेप के साथ एक बंगाली महिला को पकड़ा. उक्त महिला गुल नेशा प. बंगाल के मालदा की रहने वाली है. उसकी निशानदेही पर नोट रिसीव करने वाले मझौलिया थाना के करमवा निवासी राजाराम के पुत्र रमेश कुमार को भी गिरफ्तार किया गया.
इसी क्रम में मुफस्सिल थाना क्षेत्र के पीपरा चौक पर वाहन चेकिंग के दौरान एक टैक्सी में बैठ कर जा रही दो महिला तस्कर को भी तीन लाख रूपये के जाली नोट के साथ दबोचा गया. दोनों महिला तस्कर रंभा देवी नगर के काली बाग व मीरा देवी रामनगर की रहने वाली है. जांच के क्रम में पाया गया कि मुजफ्फरपुर जेल में बंद तस्कर लालबाबू के इशारे पर वह धंधा करती है. पुलिस ने लालबाबू को रिमांड पर लेने की अपील की है.
जाली नोट का अंतरराष्ट्रीय सौदागर
जिले के सिकटा थाना के बॉर्डर चौक के समीप जाली नोट का अंतरराष्ट्रीय सौदागर और मोस्ट वांटेड संदिग्ध आतंकी अबी अहमद उर्फ नबी अहमद उर्फ भुअर अंसारी की गिरफ्तारी से तो पूरे इलाके में पिछले दिनों सनसनी फैल गयी थी. गिरफ्तारी की सूचना पर एनआइए पटना की टीम ने अबी अहमद से घंटों पूछताछ की, जिसमें अबी अहमद का पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ से सांठगांठ का भी खुलासा हुआ. एनआइए टीम अबी को ट्रांजिट रिमांड पर पटना लेकर रवाना हो गयी. तत्कालीन एसपी विनय कुमार ने बताया कि अबी अहमद नेपाल के बारा जिले के थाना सिमरौनागढ़ हरिहरपुर का निवासी है.
जाली नोट के धंधें में उसकी पहचान अंतरराष्ट्रीय तस्कर के रूप में है. वह एनआइए की मोस्ट वांटेड की सूची में शामिल था. उस पर एनआए ने 50 हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया था. वह दुबई से नेपाल के रास्ते भारत में जाली नोटों की आपूर्ति करता था. इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा के टर्मिनल तीन से 18 अप्रैल 2014 को 49 लाख 88 हजार रुपये जाली नोट बरामद होने के मामले में भी पुलिस उसकी तलाश कर रही थी.