लोकतंत्र की सार्थकता इस बात में भी है कि जनता के प्रतिरोध की अभिव्यक्ति वोट के माध्यम से हो । पंजाब में स्थानीय निकायों में चुनावों में किसानों तथा आम जनता ने भाजपा को पराजित कर वोट के माध्यम से अपना प्रतिरोध व्यक्त किया ।

अब वैसी ही जिम्मेदारी बैंक कर्मचारियों पर भी है । सरकारी बैंकों को बेचने के जन विरोधी फैसले का प्रतिरोध वोट के माध्यम से भी होना चाहिए ।बैंकों की दो दिवसीय ऐतिहासिक हड़ताल के बाद अब वोट की ताकत दिखाने का भी समय आ गया है ।पांच राज्यों के विधान सभा चुनावों में तथा अन्य राज्यों में होने वाले उप चुनावों में भाजपा का प्रतिरोध वोट के माध्यम से भी होना चाहिए ।

भाजपा की केंद्र सरकार ने जिस तरह बैंक कर्मचारियों के जीवन से खिलवाड़ किया है और जनता के साथ विश्वासघात लिया है उसका प्रतिरोध वोट के माध्यम से भाजपा को पराजित करके करना ही चाहिए । इसके लिए वर्ग चेतना और जन शिक्षण बेहद जरूरी है ।

शैलेन्द्र शैली

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