नई दिल्ली : आज जहाँ एक तरफ पूरे देश में ईद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है वहीं कश्मीर से हिंसा की खबर आ रही है. घाटी में कई जगहों से नमाज के बाद पथराव और प्रदर्शनकारियों व सुरक्षाबलों में भिड़ंत की खबरें भी आ रही हैं। हालांकि, हिंसा की खबरे आने के बाद भारी सुरक्षाबलों कोतैनात कर दिया गया है.
सोपोर, कुलगाम, पुलवामा और पट्टन शहरों में झड़पों में 10 प्रदर्शनकारी घायल हो गए। अनंतनाग में जंगलात मंडी में नमाज के तुरंत बाद भीड़ ने पथराव शुरू कर दिया। पुलिस को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। अनंतनाग में करीब एक घंटे तक छिटपुट झड़पें जारी रहीं। बारामुला जिले के सोपोर और पट्टन शहरों में भी ईद की नमाज के बाद झड़पों की खबरें मिली हैं। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘सुरक्षाबल इन स्थानों पर पत्थरबाजों से निपटने के लिए अत्यधिक सावधानी बरत रहे हैं।’ घाटी में अन्य स्थानों पर ईद की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न हुई।
मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने उच्च सुरक्षा वाले सोनावार इलाके की एक मस्जिद में ईद की नमाज अदा की। सुरक्षा कारणों से कई मंत्रियों, शीर्ष असैन्य और पुलिस अधिकारियों ने जिला पुलिस लाइन्स मस्जिद में सुबह 6.30 बजे नमाज अदा की। कश्मीर के डीजीपी ने रविवार को एक दिशा-निर्देश जारी कर पुलिसवालों और वीआईपी व्यक्तियों को केवल सुरक्षित स्थानों पर ही ईद की नमाज अदा करने को कहा था। वहीं, अधिकारियों ने सैयद अली शाह गिलानी, मीरवाइज उमर फारूक जैसे टॉप अलगाववादी नेताओं को नजरबंद करके रखा है। अधिकारियों को इस बात का डर है कि ईद के मौके पर जुटने वाले लोगों के बीच उनकी मौजूदगी हिंसा भड़का सकती है। जेकेएलएफ चेयरमैन मोहम्मद यासीन मलिक को प्रिवेंटिव कस्टडी में लेकर श्रीनगर के सेंट्रल जेल भेज दिया गया है।
बता दें कि कश्मीर के हालात फिलहाल बेहद तनावपूर्ण हैं। आतंकियों के एनकाउंटर के दौरान सुरक्षाबलों पर आम लोगों द्वारा पथराव की घटनाएं आम हो चली हैं। हाल ही में नौहट्टा के जामिया मस्जिद के बाहर तैनात एक डीएसपी की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। भीड़ ने उन्हें जासूस समझकर पकड़ लिया था। आरोप है कि वह मस्जिद में घुसने वाले लोगों की तस्वीरें खींच रहे थे। इस हत्या में अलगाववादी नेता मीरवाइज का भी नाम सामने आया था। घटना के वक्त वह मस्जिद के अंदर ही मौजूद थे। प्रदेश के डीजीपी ने भी शक जाहिर किया था कि इस हत्या में मीरवाइज के लोगों का ही हाथ है।