विरासत स्वराज यात्रा जलगांव में सुबह प्रभात फेरी निकाली,इस दौरान शिवाजी महाराज और बापू की प्रतिमा पर जलपुरुष डॉ राजेंद्र द्वारा माल्यार्पण किया गया। इसके उपरांत यात्रा आव्हाने गांव में पहुंची, यहां एक सभा का आयोजन किया गया । यहां पर ग्रामीणों के साथ राजेंद्र सिंह ने गिरणा नदी के किनारे जलपूजन किया गया। वहां की गिरना बचाव समिति और गांव के लोगों के साथ संवाद करते हुए जलपुरुष राजेंद्र सिंह ने कहा कि गिरना नदी में अवैध रेत उत्खनन रोकने के लिए पूरे समुदाय को साथ आना होगा और समझना होगा कि हम मां के बेटे है। उसके पेट को भरने वाले बने, न कि खाली करने वाले। यदि समाज को पानीदार बने रहना है, तो इस बाजारीकरण से मुक्ति करके, प्रकृति के अनुकूल काम करने होंगे। सभी लोगों ने गिरना नदी को बचाने का संकल्प लिया।इसके उपरांत विरासत वाघलूद (तहसील धरणगाव) महाराष्ट्र पहुँची। जहां ग्रामसभा का आयोजन किया गया। ग्राम सभा को संबोधित करते हुए जलपुरुष *डॉ राजेंद्र सिंह ने कहा कि , हमे अपने ग्राम की विरासत को जानकर, पहचानकर, समझकर और समझना होगा, फिर युवाओं को साथ लेकर सहेजने का काम करना होगा। तभी हमारी विरासत बची रहेगी। सभी ग्राम वासियों ने अपनी विरासत बचाने का संकल्प लिया।
इसके बाद यात्रा गिरणा,तापी,झिरी,अंजनी और बोरी नदी से होते हुये अमलनेर के साने गुरुजी कन्या हायस्कूल के एस. एम.- गोरे सभागार में पहुची। यहां एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया, इस सभा में जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी ने कहा कि गांधी की बुनियादी शिक्षा, भारत की शिक्षा विरासत है। यह शिक्षा सिर्फ उत्तर बुनियादी न रहे उत्तम बुनियादी बन जाये ऐसा भाव आपके मन में लाना होगा। बापू हमे मानव की जरूरत पूरी करने वाली प्रकृति के साथ लालच मुक्ति का ही पाठ पढ़ाते है।हमे षणयंत्रकरियों से निपटने के लिए सृजनात्मकता के साथ आगे बढ़ना होगा।
इसके बाद यात्रा धुले के लिए रवाना हुई।
यात्रा दल में नरेंद्र चुघ , पारस प्रताप सिंह, अंकुश, गिरीश पाटिल, प्रानिल, रावसाहब आदि मौजूद रहे।
यात्रा का दूसरा दल सुरेश रैकवार के नेतृत्व में अजबगढ़ के गुवाड़ा में पहुंचा । यहां की विरासत जल जंगल पहाड़ नदी , बावड़ी , बचाने का लोगों को संकल्प दिलाया। यात्रा का तीसरा दल रणवीर के नेतृत्व में धौलपुर पहुंचा। चौथा दल राहुल सिसोदिया के नेतृत्व में यात्रा मेवात के गांव पाठखोरी, भोंड,व नूह के मेवली, नगीना में पहुंची। यहां लोगो ने कहा कि इस यात्रा से हम सभी की अपनी विरासत को जानने – पहचानने का अवसर मिल रहा है, इसलिए यह यात्रा युवाओं के लिए बहुत ही सार्थक और उपयोगी है। इस यात्रा दल ने यहां नई जल संरचनाओं का चयन कराकर व नई संरचनाओं के कार्य करने के लिए लोगों को तैयार करा और कहा कि अभी सबसे जरूरी विरासत जल ही है। इस यात्रा में इब्राहम खान, रामेन्द्र सिंह, चमन सिंह आदि मौजूद रहे।