भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या ने मंगलवार को कहा कि वह बैंकों का कर्ज नहीं चुकाने वालों की ‘पहचान’ बन गए हैं और उनका नाम आते ही मानों लोगों का गुस्सा भड़क जाता है। माल्या ने काफी समय बाद अपनी चुप्पी तोड़ते हुए एक बयान जारी किया है। इसमें उन्होंने कहा है कि वह दुर्भाग्य से जिस विवाद में घिरे हुए हैं, उसकी ‘तथ्यात्मक स्थिति’ सामने रखना चाहते हैं।
माल्या के अनुसार उन्होंने इस मामले में अपना पक्ष रखने के लिए पांच अप्रैल 2016 को प्रधानमंत्री व वित्त मंत्री को पत्र लिखा। बयान के अनुसार, ‘उन्हें किसी से भी उन पत्रों का जवाब नहीं मिला।’
बयान में माल्या ने कहा है, ‘राजनेताओं व मीडिया ने मुझ पर इस तरह आरोप लगाए मानों किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए 9000 करोड़ रुपये का कर्ज मैंने चुरा लिया और भाग गया। कुछ कर्जदाता बैंकों ने भी मुझे जानबूझकर कर्ज नहीं चुकाने वाला करार दिया।’ माल्या ने इस मामले में सीबीआई व प्रवर्तन निदेशालय द्वारा उनके खिलाफ दायर आरोप पत्रों को ‘सरकार व कर्जदाता बैंकों की ओर से आधारहीन व सर्वथा झूठे आरोपों पर की गई कार्रवाई बताया है।’
माल्या के अनुसार प्रवर्तन निदेशालय ने उनकी, उनकी समूह कंपनियों व उनके परिवार के स्वामित्व वाली कंपनियों की आस्तियां कुर्क कर दीं, जिनका मूल्य लगभग 13900 करोड़ रुपये है। माल्या ने कहा है, ‘मैं बैंक डिफॉल्ट करने वालों का ‘पोस्टर ब्वाय’ बन गया हूं और मेरा नाम आते ही लोगों का गुस्सा भड़क जाता है।’ बता दें, माल्या अभी उन्हें ब्रिटेन से भारत प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ अदालती लड़ाई लड़ रहे हैं।